कविता | Poems
रचयिता – श्री योगेश शर्मा “योगी”
खा गया मजदूर की मजदूरी, देखना कोरोना हो जाएगा |मजदूर है, मजबूर मत बनाओ, रोना ही रोना हो जाएगा ||
मतलब की मक्कारी, महमारी से बडी क्यो कर रहे |
बद्दूआ जो फल गई, झूठ फिर बौना हो जाएगा ||
Epic Hindi – Gyan Ka Bhandar
मतलब की मक्कारी, महमारी से बडी क्यो कर रहे |
बद्दूआ जो फल गई, झूठ फिर बौना हो जाएगा ||