मार्क ट्वेन के भाई की मौत । Mark Twain’s Brother Dies
मई १८५८ में सैमुएल क्लिमेन्स (Samuel Clemens), जिन्होंने बाद में अपना उप नाम मार्क ट्वेन (Mark Twain) रख लिया था, के द्वारा एक सपना देखा गया । मार्क ट्वेन (Mark Twain) ने सपने में अपने २१वर्षीय भाई हेनरी को दो कुर्सियों पर रखे एक लोहे के संदूक में मरा हुआ देखा । हेनरी ने अपने भाई मार्क ट्वेन (Mark Twain) का सूट पहन रखा था और उसकी छाती पर रखे सफेद गुलाब के फूलों के गुलदस्ते के बीच एक लाल रंग का गुलाब भी लगा हुआ था ।
इस सपने के दो सप्ताह बाद मार्क ट्वेन (Mark Twain) का भाई हेनरी एक जबरदस्त दुर्घटना का शिकार हो गया । वह एक वाष्पचलित जलयान ‘पेन्सिल्वानिया’ पर सवार था । इस जलयान के बोयलर फट जाने से हेनरी के दोनों फेफड़े वाष्प से जल गए । मार्क ट्वेन तुरंत ही भाई के पास जल्द से जल्द पहुंच गया । यद्यपि एक सप्ताह बाद हेनरी खतरे की स्थिति से तो निकल गया, पर उसके तुरंत बाद एक अनाड़ी युवा डॉक्टर की असावधानी से अधिक मात्रा में दवाई देने से हेनरी की मृत्यु हो गई । हेनरी की मृत्यु के एक दिन बाद मार्क ट्वेन (Mark Twain) अपने भाई की लाश को देखने गया ।
जब वह देवदार की लकड़ी से बने ताबूतों से भरे कमरे में दाखिल हुआ, तो उसने सिर्फ एक लाश को धातु निर्मित ताबूत में रखा पाया । यह लाश हेनरी की थी, जिसने अपने भाई मार्क ट्वेन (Mark Twain) का सूट पहन रखा था । यह दृश्य देखकर मार्क ट्वेन (Mark Twain) भौचक्का रह गए और उसे तुरंत अपने सपने की याद आई । उसी समय एक अधेड़ उम्र की औरत उस कमरे में आई और उसने एक सफेद गुलाब से बना गुलदस्ता हेनरी की छाती पर रख दिया । मार्क ट्वेन ने थोड़ा पास जाकर गौर से देखा, तो गुलदस्ते के बीच में एक लाल गुलाब भी लगा हुआ था ।