वैतरणी व्रत विधि
वैतरणी व्रतमार्गशीर्ष माह की प्रथम दशमी को किया जाता है। इस व्रत को जो दो वर्ष तक करता है तब उसे उद्यापन करवाना आवश्यक होता है। इस व्रत में प्रथम दिन हविष्य धान का भोजन करें । अगले दिन अर्थात् एकदशी के दिन भोजन न करें और द्वादशी वाले दिन बिना नमक का भोजन करें । भोजन में सिंघाड़े का आटा प्रयोग करें । अगले दिन त्रियोदशी को पुनः हविष्य धान का भोजन लें । इसी प्रकार क्रम से व्रत करके उद्यापन करें ।