टीपू सुल्तान का स्वप्न । The Dreams of Tipu Sultan

टीपू सुल्तान का स्वप्न । The Dreams of Tipu Sultan

कई वर्षो पहले एक अंग्रेज लेखक व इतिहासकार ने टीपू सुल्तान की जीवनी लिखी थी । इस जीवनी में उन्होने टीपू सुल्तान की एक डायरी का उल्लेख किया था । इस डायरी के अनुसार टीपू सुल्तान के जीवन की कुछ ऐसी घटनाओं को प्रकाशित की गई, जिन्हें पढ़कर विश्वास हो जाता है कि टीपू सुल्तान को समय-समय पर स्वप्नों के माध्यम से भविष्यवाणियां मिलती रहती थीं और टीपू सुल्तान का इन भविष्यवाणियों पर गहरा विश्वास था । यह डायरी आज भी लंदन के इंडिया हाउस लाइब्रेरी में देखी जा सकती है ।

टीपू सुल्तान की डायरी के अनुसार, एक दिन उन्होंने स्वप्न में देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति अपने हाथ में कांच का एक चमचमाता हुआ ढेला लेकर उनके पास आया है और कहा – “सैलम के पहाड़ के पास ऐसे कांच की खदान है ।” जब टीपू सुल्तान ने स्वप्न के आधार पर सैलम मे एक पहाड़ के पास उस खदान की खोज कराई, तो वहा वास्तव ऐसे कांच की खदान निकली ।

सन १२१८ में जब टीपू सुल्तान अपनी सेना के साथ लौट रहे थे, तो उन्हें एक स्वप्न देखा की – “चीन देश के बादशाह के कुछ दूत उनसे मिलने आए है और उन्होंने टीपू सुल्तान को एक सफेद हाथी भेंट में देते हुए कहा – चीनियों ने सिकन्दर तथा हुजूरे आला के अलावा किसी और को सफेद हाथी भेंट में नहीं दिया है।” इस स्वप्न की भविष्यवाणी का टीपू सुल्तान ने यह अर्थ लगाया कि वह सिकन्दर के समान ही महान् योद्धा तथा विजेता है और उन्होंने यूरोपियनों पर आक्रमण करके उन्हें एक युद्ध मंे हराया ।

%E0%A4%9F%E0%A5%80%E0%A4%AA%E0%A5%82%20%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B2%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE%E0%A4%A8

सन १२२३ के एक महीने के पहले दिन टीपू सुल्तान ने एक स्वप्न में अपने दुश्मन मुहम्मद अली को मरते देखा । यह स्वप्न भी कुछ दिनों बाद सच्चा साबित हुआ और टीपू सुल्तान का दुश्मन मुहम्मद अली मारा गया ।

इस्लामिक महीने के तीसरे दिन टीपू सुल्तान ने स्वप्न में देखा कि उनके सामने चांदी की तीन तश्तरियों में उन्हीं के बाग की ताजी तथा रसीली खजूरें रखी हुई थीं । इस स्वप्न की भविष्यवाणी उन्होंने यह लगाई कि उन्हें जल्दी ही तीन विद्रोही दुश्मनो की सारी संपत्ति मिल जाएगी । टीपू सुल्तान की यह भविष्यवाणी सच निकली तथा कुछ समय बाद उन्हें उन तीनों दुश्मनो की सारी संपत्ति मिल गई । इनमें से एक था निजाम अली, जो इस स्वप्न देखने के तीसरे दिन ही मृत्यु को प्राप्त हो गया और उसकी सारी संपत्ति टीपू सुल्तान ने अपने कब्जे में ले ली ।

हैदरी महीने के २१वें दिन तुंगभद्रा के पास टीपू सुल्तान ने स्वप्न में देखा कि कयामत का दिन आ गया है और तभी एक हट्टे-कट्टे अरब ने टीपू सुल्तान का हाथ थामकर उनसे पूछा- “मैं मुर्तजा अली हूं। अल्लाह के रसूल ने कहा है कि वे आपके बिना बहिश्त में कदम नहीं रखेंगे ।” इस स्वप्न के बाद तो टीपू की महत्वाकांक्षा और बढ़ गई, तथा उन्हें लगा कि वे अजेय हैं । उन्होंने मराठों से लड़ाई छेड़ दी तथा उस लड़ाई में विजय प्राप्त की।

रहमानी माह के २५वें दिन टीपू सुल्तान को स्वप्न आया कि हजरत मुहम्मद साहब ने उन्हें एक के बाद एक तीन पगड़ियां देते हुए कहा है, “इन्हें सिर पर पहनो ” इस स्वप्न का टीपू सुल्तान ने यह अर्थ लगाया कि अल्लाह तथा उनके पैगम्बर ने उसे सारी दुनिया की बादशाहत दे दी है और उसके बाद टीपू सुल्तान निजाम को भारत से निकालने के तरीके अपनाने लगे ।

इस प्रकार टीपू सुल्तान अपने पुरे जीवन में अपने देखे गए स्वप्नों के विशिष्ट अर्थ लगाकर भविष्यवाणियों से अपना मार्गदर्शन करते रहे ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *