दिव्य दृष्टि महिला | अलौकिक शक्तिया | Super Power Woman

दिव्य दृष्टि महिला | अलौकिक शक्तिया | Super Power Woman

इन्हे लोग “एक्सरे” आंखों वाली महिला कहते हैं । आखिर इसका रहस्य क्या है ? इनमे इस दिव्य क्षमता का विकास कैसे हुआ ? क्या इन्होने कोई विशिष्ट साधना की है ?

एक पत्रकार ब्रिटेन की विलक्षण शक्ति संपन्न महिला एनी ओवन्स से लगातार प्रश्न किए जा रहा था । एनी ओवन्स ने बड़े धैर्यपूर्वक उसके सवालों को सुना तथा संक्षेप में उत्तर दिया – “’जहां तक मुझे याद है, मैंने ऐसी कोई साधना नहीं की है, जो ऐसी दिव्य सामर्थ्य के उद्भव के लिए जिम्मेदार होती है । हां, पर एक काम मैंने अपने जीवन में अवश्य किया है, वह है महत्वाकांक्षा रहित जीवन जिया है तथा अपनी योग्यता, क्षमता तथा संपदा से अभावग्रस्तों की सहायता की है । मैं इसे ही अपनी अद्भुत क्षमता के विकास के लिए उत्तरदायी मानती हूं । मैंने भौतिक अनुदान सत्यपत्रों को बांट कर तथा बदले में ईश्वर का दिव्य प्रतिदान हाथों हाथ इसी जन्म में प्राप्त किया है ।“

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ये उद्गार थे एनी ओवन्स के, जो १९३० के दशक की इंग्लैंड की बहुचर्चित महिला रही थी । उन्होंने “माई लाइफ इटसेल्फ इ ए मिरेकल” नाम से अपनी एक आत्मकथा लिखी है, जिनमें ढेर सारी ऐसी घटनाओं का वर्णन किया है, जिन्हें आश्चर्यजनक कहा जा सकता है ।

एक घटना का उल्लेख करते हुए वह लिखती हैं कि एक दिन दोपहर में आराम करने की नीयत से जैसे ही वह बिस्तर में लेटी तथा आंखें बंद की, वैसे ही फिल्म की तरह एक दृश्य “हेराल्ड ऑफ फ्री इंटरप्राइज “ में फंसे एक पानी वाले जहाज का था, जिसके सभी यात्री बड़े बेचैन दिखाई पड़ रहे थे तथा मौत से बच निकलने का प्रयत्न कर रहे थे । सहायता हेतु ईश्वर से करुण प्रार्थना कर रहे थे । वे कहती हैं कि उनके कानों तक वह आवाजें स्पष्ट पहुंच रही थीं, तभी उन्होंने देखा कि बचाव कार्यों में जुटे गोताखोरों ने भी निराश होकर बचाव कार्य बंद कर दिया । वह उठ बैठी तथा ध्यान के माध्यम से दूर संवेदी तरंगें गोताखोरों तक भेजने तथा प्रेरणा देने लगी – “प्रयास जारी रखो, बंद मत करो, तुम गोता अवश्य लगाते रहो।“

इसके बाद एनी ने आपात सेवा प्रदान करने वाले विभाग को फोन किया कि अमुक स्थान पर एक जहाज तथा उसके यात्री मौत के मुंह में फंसे हुए हैं, कृपया उन्हें जल्द ही आपात सेवा प्रदान की जाए, पर उन लोगों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया । संभवतः वे यह समझ रहे थे कि इस घटना की जानकारी संबंधित विभाग को न होकर एक सामान्य सी महिला को किस तरह हो सकती है, यह मानकर विभाग ने विनती टाल दी । जब वहां से इस दिशा में कोई कदम उठता दिखाई न पड़ा, तो एनी ने स्थानीय रेडियो स्टेशन के परिचित प्रोड्यूसर गौरी सैवेज को इस आशय का फोन किया तथा उन्हें किसी प्रकार सहायता प्रदान करने की विनती की । गौरी ने पुनः संबंधित अधिकारियों से इसके लिए प्रार्थना की । इसके बाद ही संकट में फंसे यात्रियों को बचाया जा सका ।

एनी ने कई बार अपनी इसी क्षमता के सहारे पुलिस की सहायता की । एनी ने एक बार एक लड़की के हत्यारे को पकड़वाने में पुलिस की सहायता की थी । एनी ने पुलिस से प्राप्त कत्ल की गई लड़की का फोटो तथा उसके रक्त से भरे वस्त्रों का अवलोकन किया तथा शीघ्र ही एनी हत्या का वीभत्स दृश्य देखने लगी तथा उसके हत्यारे का चेहरा भी देखा । उसकी “एक्स रे” आंखों ने देखा कि लड़की का हत्यारा उसका मित्र कार्ल हैन्स स्काफनर ही है । उसकी सूचना के आधार पर पुलिस ने हत्यारे को दबोच लिया । बाद में उसने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया ।

इसी तरह ब्रिटिश पुलिस एक लम्पटी तथा कामी पुरुष की तलाश में थी तथा एनी ने बताया कि वह ब्रैडफोर्ड का एक ट्रक ड्राइवर है, उसकी सूचना ठीक निकली तथा पुलिस ने उस कामी पुरुष को गिरफ्तार कर लिया ।

एक बार एनी अपने पिता के साथ कार में सैर करने निकली । अचानक उसके सामने एक दृश्य उभरा, जिसमें दिखाई पड़ा कि कार का एक पहिया निकल रहा है । वह चीख पड़ी, “डैडी! डैडी’ कार को अभी रोकिए। दुर्घटना होने वाली है।“ पिता ने कार रोकी तथा देखने के लिए बाहर निकले । जब वह वापस आए, तो उनका रंग पीला पड़ चुका था तथा डर से कांप रहे थे । कहने लगे, “तुमने ठीक कहा था। यदि थोड़ी देर और होती, तो कोई नहीं बचता बेटी, क्योंकि कार के एक पहिए के बोल्ट खुल गए थे, परन्तु तुमने यह कैसे जाना ? कैसे देख लेती हो ?”

किशोरावस्था से ही एनी के विलक्षण चमत्कार लोगों को दिखाई पड़ने लगे थे । वह अपनी आत्मकथा में लिखती है, “ मैं हमेशा जानती थी कि परिवार के किस व्यक्ति को क्या तकलीफ है । अपनी वेधक दृष्टि उन पर डालती तथा पूछती कि क्या तुम्हारी छाती में दर्द है ? और हमेशा ही मेरा अनुमान सही होता, मैं व्यक्ति के वस्त्र के अंदर छिपी किसी भी वस्तु को स्पष्ट देख सकती थी, जैसे कि वह वस्तु प्रत्यक्षतः मेरे सामने ही रखी हो।“

एक बार उसकी चाची जो कि पड़ोस में ही रहती थी, के यहां एक मजेदार घटना घट गई । चाची रायसा का एक सोने का आभूषण ड्रेसिंग टेबल से अचानक एक दिन गायब हो गया । रायसा ने समझा कि शायद उसने आभूषण कहीं अन्यत्र रख दिया हो, अतः सारी आलमारियों तथा दूसरे स्थानों में इसकी गहराई से खोज की गई, पर वह वहां रहता, तब तो मिलता । आखिर हार कर उसने यह अनुमान लगा लिया कि वह चोरी चला गया, पर दोष किस पर लगाए ? घर में कुल चार सदस्य थे – पति-पत्नी तथा बच्चे, बच्चे ऐसे थे नहीं कि उन पर शक किया जाए । फिर आभूषण कहां गया ? किसी की समझ में नहीं आ रहा था ।अंततः मामला एनी के पास पहुंचा । सब कुछ सुनने के बाद वह थोड़ी देर चुपचाप आंखें बंद करके बैठ गई । दूसरे ही पल आंखें खोली तथा मुस्कराते हुए बोली – “चाची ! आभूषण आपके एक पालतू पशु ने अपने घर में छिपा रखा है।“ सभी चकरा गए । घर में जन्तु भी तो नहीं पाल रखा है, फिर चुराने वाला पशु कौन हो सकता है ? जिज्ञासा जब चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई, तो एनी ने रहस्योद्घाटन करते हुए कहा – “एक चूहे ने उसे अपने बिल में छिपा रखा है । घर के भीतर कोने में ही वह सोने का आभूषण पड़ा हुआ है, अतः चिंता की कोई बात नहीं । उसे खोदकर निकाल लीजिए । “ सचमुच वह वहीं पड़ा मिला, जिससे रायसा की खुशियां फिर वापस आ गई ।

उसकी दिव्य दृष्टि की यह भी विशेषता थी कि वह जिस किसी भी रोगी पर नजर डालती, कुछ दिनों में वह बिलकुल स्वस्थ हो जाता था । मेडस्टोन कैट की ४६ वर्षीया महिला ब्रैड़ा डायसन की पसलियों में कुछ दिनों से असहनीय दर्द था । अनेक उपचार करवा चुकी थी । किसी से थोड़ा बहुत फर्क भी आ जाता था, परन्तु पूर्ण रूप से उसका दर्द नहीं जा पा रहा था । किसी मित्र ने उसे एनी के पास जाने की सलाह दी, तो वह तैयार हो गई । एनी ने थोड़ी देर उससे मधुर बातें की । इसी दौरान वह अपलक दृष्टि से ब्रैड़ा को निहारती रही । फिर कुछ क्षणों के बाद उसने दर्द वाले स्थान पर अपना हाथ रख दिया । कुछ देर वैसे ही रखे रही । इसके बाद ब्रैड़ा ने महसूस किया कि धीरे-धीरे उसका दर्द कम हो रहा है । चार दिनों के उपरान्त वह अपनी पसलियों के दर्द से पूर्णतया छुटकारा पा चुकी थी ।

एक बार एक महिला जीपी ने एनी की अलौकिक शक्तियों का परीक्षण करना चाहा । उसने उसे कैट स्थित अपने मकान पर बुलाया तथा एनी ने उसको अपनी भेदक आंखों से देखा, तो कह दिया कि उसके पेट में कोई गड़बड़ है तथा इसका शीघ्र आपरेशन होना चाहिए । उसके बाद उक्त महिला के अंडाशय के कृमि कोष का एमरजेंसी आपरेशन करना पड़ा ।

एनी के दो बच्चे हैं । उनमें से एक बीमार हो गया । उसके घुटने पर घाव आया था। वह चिल्लाया – “इसे स्पर्श करो मां, दर्द को भगा दो” तथा एनी ने ऐसा ही किया – दर्द भाग गया था तथा उसका बच्चा कुछ ही दिनों बाद ठीक हो गया ।

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