एक मुस्कराहट और तबाही | A Smile And Devastation

एक मुस्कराहट और तबाही | A Smile And Devastation

मूंगे जैसे होंठ, मोती जैसे दांत और तराशे हुए हीरे की तरह अंगुलियों वाली याओ-स्यू-या अपने पुरे जीवन काल में सिर्फ एक बार ही मुस्कराई थी । उसकी इस मुस्कराहट ने पुरे सल्तनत, शहंशाह और स्वयं का विनाश कर दिया ।

ये कहानी है उस चीनी सुंदरी की, जिसकी सुंदरता के चर्चे पूरे एशिया महाद्वीप में प्रसिद्ध थे, ३०० थान कपड़े के बदले उसकी धाय-मां से उसे शहंशाह ने खरीदा था । याओ-स्यू-या कभी भी मुस्कराती नहीं थी । उसकी खूबसूरती के दीवाने बने शहंशाह ने अपनी पत्नी को तलाक देकर उसे अपनी राज्य की महारानी बना दिया था । शहंशाह ने उसके लिए संसार के सब सुख उपलब्ध करवाए । रेशम के कपड़े को फाड़ते समय जो आवाज निकलती है, वह उसे बहुत पसंद थी । महंगे रेशम के सौ कपड़े उसके लिए रोज फाड़े जाते थे । इतना कुछ करने के बाद भी उसके चेहरे की उदासी नहीं मिटती थी ।

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दरबारी और मसखरे अपनी पूरी कोशिशों के बाद भी उसे एक मुस्कराहट नहीं दिला सके । आखिर शहंशाह ने ऐलान किया कि कोई भी व्यक्ति, जो महारानी के चेहरे पर केवल एक बार मुस्कान लाने में सफल होगा, उसे सल्तनत की तरफ से १००० सोने की छड़ें पुरस्कार में दी जाएगी और यह पुरस्कार मिला कुआ शि-फू को, जो दरबार में एक मंत्री था ।

उसने अफवाह फैला दी कि सरहद पर दुश्मनों ने हमला किया है और सेना को उससे निपटने के लिए भेज दिया गया । सीमा पर दुश्मन को न पाकर निराश सेना वापस लौट आई । सैनिकों के चेहरे पर असफलता देखकर पहली बार याओ-स्यू-या के होठों पर एक मुस्कराहट आयीं ।

थोड़े समय पश्चात् मंगोल सेना ने वास्तव में चीन पर धावा बोल दिया । सेना ने इसें पहले की तरह अफवाह समझ कर कोई भी कदम नहीं उठाया । मंगोल बिना लड़े ही कब्जा कर गए । सल्तनत गई, शहंशाह मारे गए और निराश याओ-स्यू-या ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली ।

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