अंतर्देशीय शत्रु मारण यंत्र | सर्वजन मारण यंत्र | नर नारी मारण यंत्र | परम शत्रु उच्चाटन यंत्र | antardesheey shatru maaran yantra | sarvajan maaran yantra | nar naaree maaran yantra | param shatru uchchaatan yantra

अंतर्देशीय शत्रु मारण यंत्र

अंतर्देशीय शत्रु मारण यंत्र | सर्वजन मारण यंत्र | नर नारी मारण यंत्र | परम शत्रु उच्चाटन यंत्र | antardesheey shatru maaran yantra | sarvajan maaran yantra | nar naaree maaran yantra | param shatru uchchaatan yantra

अंतर्देशीय शत्रु मारण यंत्र


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कदाचित् आप किसी दूरदेशीय शत्रु के भय से आतंकिंत रहते हों और उससे मुक्त होने का मार्ग आपको नहीं दिखाई देता हो तो

आप इस यन्त्र को श्मशान के अंगारे और बकरे के रक्त को मिलाकर मनुष्य की खोपड़ी पर कौआ के पंख की लेखनी से बना संपुट में लेकर भस्म से पूरित कर अग्नि में स्थापित करें तो यन्त्र के प्रभाव से विदेश स्थित शत्रु भी ज्वरग्रस्त हो जायेगा ।

इस प्रकार थोड़ा-थोड़ा प्रतिदिन जलाने के पश्चात् इक्कीसवें दिन सम्पूर्ण जला देवे, उसी दिन शत्रु का भी प्राणान्त हो जायेगा।

नोट – यन्त्र के मध्य में जहाँ ‘देवदत्त’ लिखा है उस स्थान पर शत्रु का नाम लिखना चाहिये ।

सर्वजन मारण यंत्र


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जब अपने शत्रु द्वारा पीड़ित हो रहे हों और उससे छुटकारा पाने के सारे प्रयास निष्फल हो चुके हों तो आप प्रस्तुत यन्त्र को मनुष्य के रक्त में विष मिला के चिता के अंगारे पर घिस कौआ के पंख की लेखनी से अवसान वस्त्र पर इस यन्त्र को लिखें ।

और शत्रु के पैरों के नीचे की मिट्टी लाकर राजिका मिश्रण कर एक मानवाकार प्रतिमा बनावें और उसके हृदय में इस यन्त्र को स्थापित करें तो सात दिवस के अन्दर ही आपका शत्रु परलोकगामी हो जायेगा ।

नोट – यन्त्र में देवदत्त के स्थान पर शत्रु का नाम लिखें

नर नारी मारण यंत्र


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अग्रांकित यन्त्र नर अथवा नारी दोनों में जो भी आपका शत्रु होवे, प्रयोग करने से सात दिवस में अवश्य मृत्यु को प्राप्त होता है ।

निर्माण विधि यह है कि स्त्री के मासिकधर्म का रक्त ले श्मशान की राख मिला बिभीतक के पत्र पर कौआ के पंख की लेखनी बना यन्त्र लिखें फिर यन्त्र नरनलिका में बन्द कर शत्रु के पैर के नीचे की मिट्टी से पूर्ण कर श्मशान भूमि में गाड़ देवें तो शत्रु सात दिन में अवश्य मर जायेगा ।

परम शत्रु उच्चाटन यंत्र


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नीम के पत्तों के रस से भोजपत्र पर कौआ के पंख की लेखनी से प्रस्तुत यन्त्र बनाकर विधानपूर्वक पूजा करके भूमि में गढ़ा खोद नीचे की ओर मुख करके गाड़ दे तो शत्रु संसार में कहीं भी जाय उसका मन नहीं लगेगा और वह ऐसी स्थिति में अवश्य ही परलोकगामी हो जायेगा |

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