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bhai dooj katha in hindi
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हिन्दू समाज में भाई बहन के अमर प्रेम के दो त्यौहार आते हैं । एक रक्षाबंधन जो श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है । जिसमें भाई बहन की रक्षा करने की प्रतिज्ञा करता है । दूसरा भाई दूज का त्यौहार आता है । जिसमें बहन भाई की लम्बी आयु की प्रार्थना करती है ।

भाई दूज का त्यौहार कार्तिक मास की द्वितीया को मनाया जाता है । इस दिन बहनें बेरी-पूजन भी करती हैं । इस दिन बहन-भाईयों को तेल मलकर गंगा-यमुना में स्नान करना चाहिए । यदि यह सम्भव न हो तो बहन के घर जाकर नहाना चाहिए । बहन भाई को भोजन कराकर तिलक लगाकर गोला देती है । इस दिन बहन के घर का भोजन करने का विशेष महत्व है ।

Table of Contents (संक्षिप्त विवरण)

भाई दूज की कहानी | bhai dooj katha in hindi


भगवान सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था । उसकी कोख से यमराज तथा यमुना का जन्म हुआ । यमुना अपने भाई यमराज से बड़ा स्नेह करती थी । वह उससे बराबर निवेदन करती कि वह उसके घर आकर भोजन करे । लेकिन यमराज अपने काम में व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे ।

कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमुना ने अपने भाई यमराज को भोजन करने के लिए बुलाया । बहन के घर आते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया ।

भाई को देखते ही यमुना ने हर्ष-विभोर होकर भाई का स्वागत-सत्कार किया तथा भोजन करवाया । इससे प्रसन्न होकर यमराज ने बहन से वर माँगने को कहा । बहन ने भाई से कहा – आप प्रतिवर्ष इस दिन मेरे यहाँ भोजन करने आया करेंगे तथा इस दिन जो बहन भाई को टीका करके भोजन खिलाए उसे आपका भय न रहे | यमराज ने ‘तथास्तु’ कहकर यमुना को अमूल्य वस्त्राभूषण देकर यमपुरी को चले गए ।

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ऐसी मान्यता है कि जो भाई आज के दिन यमुना में स्नान करके पूरी श्रद्धा से बहनों के आतिथ्य को स्वीकार करते हैं उन्हें यम का भय नहीं रहता ।

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