मोहम्मद रजा पहलवी का हीरा । विचित्र हीरा । Diamond of Mohammad Reza Pahlavi | Strange Diamond

मोहम्मद रजा पहलवी का हीरा । विचित्र हीरा । Diamond of Mohammad Reza Pahlavi | Strange Diamond

कई बार ऐसी सच्ची कहानियों का इतिहास के पन्नों में जिक्र मिलता है, जिन पर सहसा विश्वास ही नहीं होता । ऐसी ही एक विचित्र रहस्यमय हीरे की कहानी है, जिसके बारे में अभी कुछ वर्षों पूर्व ही यह जानकारी प्राप्त हुई ।

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यह हीरा ईरान के शासक शाह पहलवी (मोहम्मद रजा पहलवी) के पास था तथा इसका नाम था ‘देवता की आंख’ । यह विश्व प्रसिद्ध हीरा भारत की गोलकुण्डा की हीरों की खानों से १६वीं शताब्दी में मिला था । अपनी प्राप्ति के बाद यह हीरा कई रहस्यमय घटनाओं तथा भयानक इतिहास का जन्मदाता रहा है और विचित्र बात यह है कि इसका अंत भी बड़े विचित्र ढंग से हुआ ।

ईरान के शाह पहलवीं (मोहम्मद रजा पहलवी) बड़े धनवान थे । उनके पास अपार दौलत थी । शाह पहलवी ने काफी लंबे समय तक ईरान पर शासन किया था । बाद में अयातुल्लाह खुमैनी के नेतृत्व में जब ईरान में क्रांति हुई, तो शाह रजा पहलवी को ईरान छोड़कर भागना पड़ा । भागते वक्त वह अपने साथ काफी दौलत ले गए । इस प्रकार उन्हें ईरान से निर्वासित होकर जीना पड़ा । अपने इसी निर्वासन के दौरान उनकी मृत्यु के बाद यह तथ्य सामने आया कि जिस दिन रजा पहलवी का देहांत हुआ था, उसी दिन रजा पहलवी के सबसे बड़े हीरे ‘देवता की आंख’ के दस बराबर-बराबर आकार के टुकड़े हो गए थे ।

इस हीरे का रंग सफेद व नीला था । फ्रांस में यह हीरा उन दिनों नीलामी के लिए भेजा गया था । शाह रजा पहलवी के एक फ्रांसीसी मित्र व अरबपति जौहरी लोरेंस ग्राफ के संरक्षण में यह हीरा लॉकर में रखा हुआ था । बताया जाता है कि शाह रजा पहलवी के देहांत के अगले ही दिन जौहरी लारेंस ग्राफ पागलों की भांति दौड़ता हुआ बैंक में गया तथा सीधे मैनेजर के पास जाकर घबराहट भरे शब्दों में बोला कि लॉकर में रखा ‘देवता की आंख’ हीरा टुकड़े-टुकड़े हो गया है । लारेंस ग्राफ ने ऐसा अपने स्वप्न में देखा था । बैंक मैनेजर व अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में लॉकर खोला गया । सभी यह देखकर चकित रह गए कि वास्तव में उस बहुमूल्य हीरे के टुकड़े-टुकड़े हो गए हैं और आश्चर्य की बात यह थी कि उसका रंग सफेद-नीले से बदल कर अपने आप गहरा लाल हो गया, बिलकुल खून की तरह ।

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