उँगलियो के जोड़ | Fingers Joint
उंगलियों के जोड़ विकसित हैं या अविकसित, उस
पर ध्यान देना हाथ के अध्ययन का एक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण भाग होता है
। उंगलियों के जोड़, पोरों के बीच की दीवार हैं और व्यक्ति की निजी विशेषताओं और
स्वभाव के महत्त्वपूर्ण सूचना देती हैं ।
जब व्यक्ति की उंगलियों के जोड़ सीधे-सपाट
होते हैं तो यह सम्भावना अधिक है कि वह विचार के क्षेत्र में भावना प्रधान और तर्कशक्ति
का उपयोग किये बिना
निर्णयों पर पहुंचने वाला होगा।
वर्गाकार
हाथों में यह सम्भावना काफी कुछ कम होकर होती है, किन्तु
किसी भी हालत में पूरी तरह समाप्त नहीं होती। परिणामस्वरूप वर्गाकार उंगलियों वाले
वैज्ञानिक, जिसके
जोड़ स्पष्ट
होंगे, सदा
किसी निष्कर्ष पर पहुच जाएगा, जबकि उसके पास उसके लिए कोई तर्क
नहीं होगा।
नुकीली उंगलियों के सपाट जोड़ वाली उंगलिया शुद्ध
रूप से अन्तर्भावना प्रधान होते हैं उन पर किसी तरह के विवरणों का असर नहीं पड़ता
है | वे
पहनावे,
सींगार
और छोटी-मोटी बातों को लेकर लापरवाह भी होते हैं । ऐसा
व्यक्ति व्यापार में अपने कागजात और छोटी-मोटी चीजों को ठीक-ठिकाने नहीं
देख सकता यद्यपि वह दूसरे लोगों से खास तौर पर सलीके की अपेक्षा करता नजर आयेगा |
विकसित जोड़ के लोगों में बिल्कुल इसके
विपरीत गुण होते हैं | इन
आकारों के बनने-बिगड़ने का काम से कोई सम्बन्ध नहीं है ।
सपाट जोड़ भी कठोर शारीरिक श्रम करने वालों
के हाथ में उतने ही मिलते हैं जितने गांठदार या विकसित
जोड़ मानसिक भ्रम के सिवा और कुछ न करने वालों के हाथों में ।
निष्कर्ष यह है
की विकसित जोड़ों पद्धति और कार्य में अधिक सटीकता
दिखाते है ।
इस तरह यदि विकसित जोड़ों वाली वर्गाकार उंगलियों वाला कोई व्यक्ति किसी वैज्ञानिक
खोज में लगा हैं तो वह यह चिन्ता नहीं करेगा कि उसे विज्ञान की अपनी शाखा से
सम्बन्धित विवरणों को जुटाने सें कितना समय लगता है।
ऐसे जोड़ वाले लोग नाटक के क्षेत्र में
चरित्र-चित्रण में बड़े सजग और खरे होते हैं किन्तु नाटकीय आयाम और शक्ति
उनमे कम होती है । विज्ञान के बाद वे सम्भवतः साहित्य में श्रेष्ठ सिद्ध होते हैं |