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फ्रांसिस्को पिजारो | फ्रांसिस्को पिजारो कौन था | francisco pizarro history | How did Francisco Pizarro die
स्पेनवासियों के नयी दुनिया में पहुंचने से पहले एंडीज (Andes) पर्वतमाला में इन्का लोगों का एक विशाल साम्राज्य फैला हुआ था । इस साम्राज्य की सीमाएं आज के पेरू, बोलीविया (Bolivia), इक्वाडोर (Ecuador) और अर्जेंटाइना तक फैली हुई थीं । इन्का साम्राज्य की राजधानी, कुजको (Cuzco) में थी । इन्का सभ्यता यूरोप की सभ्यता से भी बढ़ी-चढ़ी थी । इनके पास भव्य महल, साफ-सुथरी सड़कें थीं । इन्का जनसंख्या करोड़ों में थी ।
सन् १५२३ के लगभग इन्का के राजा की मृत्यु हो गयी और अताहुआल्पा (Atahualpa) नामक व्यक्ति गद्दी का मालिक बन बैठा । साम्राज्य में असंतोष की लहर फैल गयी | उन्हीं दिनों स्पेनवासी फ्रांसिस्को पिजारो ने इस साम्राज्य को हरा दिया ।
सन् १५३१ में स्पेन के राजा चार्ल्स पंचम के प्रतिनिधि के रूप में कैप्टन फ्रांसिस्को पिजारो, १८० व्यक्तियों और २७ घोड़ों के साथ तीन जलयान लेकर पेरू की ओर रवाना हुआ । उन दिनों स्पेन के लोग अपने अनेक नाविकों को सोने की खोज और अपना राज्य स्थापित करने के लिए बड़ी-बड़ी समुद्री यात्राओं पर भेजा करते थे । इसी उद्देश्य से पिजारो भी यात्रा पर निकला । वह १५ नवंबर,१५३२ को पेरू के कजामार्का (Cajamarca) नगर पहुंचा । इन्का राजा अताहुआल्पा अपनी रक्षा के लिए पचास हजार सैनिक लेकर नगर से बाहर आ गया । स्पेन के घोड़े और तोपें देखकर इन्का सैनिक डर गये । जब तोपों ने गोले उगलने शुरू किये तो सैनिक युद्ध के मैदान से भाग खड़े हुए । दोनों नेताओं के बीच में एक मीटिंग का आयोजन किया गया । मीटिंग में चालाकी करके इन्का राजा को कैदी बना लिया गया । उसे कैदी बनाने के बाद यह शर्त रखी गयी कि उसको केवल तभी रिहा किया जा सकता है, जब वहां के लोग राजा की ऊंचाई के बराबर सोना प्रदान करें । इन्का के लोगों ने शर्त का पालन किया । लेकिन पिजारो ने अपने वचन का पालन नहीं किया और राजा का कत्ल कर दिया ।
राजा का कत्ल करने के बाद पिजारो ने पेरू की राजधानी पर हमला कर दिया और उसे भी जीत लिया । उसने वहां नयी राजधानी स्थापित की, जिसका नाम लीमा (Lima) रखा । स्वयं पिजारो पेरू का राजा बनकर राज्य करने लगा ।
दिसंबर, १५३३ से अगले पांच वर्षों तक पेरू पर स्पेन का अधिकार रहा । इन वर्षों में ७ करोड़ से भी अधिक का खजाना पेरू से स्पेन चला गया । विशाल इन्का साम्राज्य को कुछ सैनिकों द्वारा जीता जाना इतिहास में एक विचित्र घटना मानी जाती है । इसके विषय में विशेषज्ञों का विचार है कि राज्य की समस्त शक्ति केवल राजा के ही साथ केन्द्रित थी और राजा के हटा दिये जाने पर और कोई व्यक्ति ऐसा नहीं रह गया था जो कोई निर्णय ले सके, इसलिए इन्का साम्राज्य पराजित हो गया । स्पेनवासी इसी कारण लंबे समय तक इन्का साम्राज्य पर राज्य करते रहे । इस प्रकार एक लोभी नाविक पिजारो ने पूर्ण विकसित सभ्यता का विनाश कर दिया ।
फ्रांसिस्को पिजारो का जन्म स्पेन के टुजिलो (Trujillo) नामक स्थान पर सन् १४७५ में हुआ । वह एक गरीब सिपाही का अवैध बेटा था । उसने सन् १५१३ में प्रशांत महासागर की समुद्री यात्रा की । उस यात्रा में उसे भयंकर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिसके फलस्वरूप वह एक अनुभवी यात्री बन गया ।
उसकी समुद्री यात्राओं से निश्चय ही भूगोल के ज्ञान में वृद्धि हुई । नये क्षेत्रों का पता चला, लेकिन उसने प्राचीन इन्का सभ्यता को नष्ट कर दिया और इसका कारण था – सोने का लालच ।
पेरू का राजा बनने के बाद जून, १५३३ से १५४१ तक वह शासन करता रहा और माल लूटता रहा, लेकिन २६ जून १५४१ को, लीमा में उसके प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे स्पेनिश सरदार ने उसे मार डाला और स्वयं वहां का शासक बन बैठा । इस प्रकार फ्रांसिस्को पिजारो का अंत हुआ ।