घरेलू उपचार | Home Remedy

Table of Contents (संक्षिप्त विवरण)

घरेलू उपचार

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घरेलू या देशी नुस्खे

चिकित्सा के विषय मे आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे बीमारियो के बारे मे जिसका आयुर्वेदिक घरेलू उपचार से घरेलू सामाग्रीयों के द्वारा ठीक किया जा सकता है |

ये सभी सामाग्री वो है, जो आपके रोज़मर्रा के जीवन मे काम आती है और आपके किचन मे उपलब्ध रहती है |

तो आईये प्रारम्भ करते है बीमारियो के लिए घरेलू उपचार के विषय मे बात करना :

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अनुक्रम (Index)[छुपाएँ]

पेंट में गैस बनना (गैस रोग)

कब्ज का घरेलू उपाय

पेचिश का घरेलू उपाय – Pechish (DYSENTRY)

दस्त रोकने के उपाय

मिरगी रोग का घरेलू इलाज

पीलिया के बचाव (JAUNDICE)

अस्थमा का घरेलू उपचार

दाद खाज खुजली का घरेलू उपाय

हैजा के उपचार (CHOLLERA)

पेट में कीड़े का इलाज

अपच के घरेलू उपाय

पेट में मरोड़ का इलाज

पेट फूलने का घरेलू उपचार

बार-बार उल्टी आना

आंखों से पानी गिरने का इलाज

दृष्टि दुर्बलता या नजर की कमजोरी

मोतियाबिंद का घरेलू इलाज

रतौंधी रोग का इलाज

आँखों में जलन होना

रोहे या कुकरे (TRACHOMA)

जुकाम के घरेलू उपाय

कान का दर्द का इलाज

कान का दर्द का इलाज

टॉन्सिल उपाय

कंठमाला का आयुर्वेदिक इलाज

मसूड़ों का सूजन का इलाज

पायरिया का इलाज

दंत क्षय उपचार

मुख के छाले का इलाज

खुजली के घरेलू उपाय

अपरस के घरेलू उपाय (एक्जीमा)

दाद का घरेलू उपाय

जोड़ों का दर्द का उपाय

सांप काटने पर प्राथमिक उपचार

बिच्छू के डंक मारने पर घरेलू उपचार

पागल कुत्ता काटने का इलाज

बालों का सफेद होना

सेहुआ का घरेलू उपाय

सूखी खांसी के लिए घरेलू नुस्खे

कुकुर खांसी के घरेलू उपाय

न्यूमोनिया लक्षण व उपचार

मधुमेह के उपचार

शीघ्र पतन का इलाज

उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक दवा

हिस्टीरिया बीमारी के घरेलू उपाय

गठिया रोग का घरेलू उपचार

गठिया रोग का घरेलू उपचार

श्वेत प्रदर का रामबाण इलाज

अधकपारी के उपचार

अधकपारी के उपचार

लू लगने के घरेलू उपचार

नपुंसकता का घरेलु उपचार

हृदय रोग के उपचार

हृदय रोग के उपचार

स्वप्नदोष के रामबाण दवा

टीबी का देशी इलाज

गले की जलन का घरेलू इलाज

मुंहासे हटाने के उपाय

चेहरे पर झाई पड़ना

फुंसियां मिटाने का उपाय

मोच आने पर घरेलू उपाय

सिर चकराना घरेलू इलाज

बुखार की आयुर्वेदिक दवा

मलेरिया के उपचार

टाइफाइड के घरेलू उपचार

नजले बुखार की दवाई

सफेद दाग के घरेलू उपचार

तुतलाना का इलाज

कब्ज का इलाज

पेशाब में खून आना का इलाज

बिस्तर पर पेशाब हो जाने की दवा

बालों का झड़ना रोकने के उपाय

सिर में रुसी का इलाज

बलवर्धक नुस्खे

थनैला रोग का उपचार

स्तन कैंसर का उपचार

नारियल जटा भस्म के फायदे

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय

कमर दर्द का रामबाण इलाज

मासिक धर्म अनियमितता के उपाय

गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय

गर्भधारण करने के उपाय

सामान्य प्रसव के घरेलू उपाय

स्तनों में दूध की वृद्धि

सौन्दर्य बढ़ाने वाले नुस्खे

पेशाब में जलन के घरेलू उपाय

गंजापन का इलाज

बाल काला करने का तरीका

खसरा का उपचार

कान का बहना का इलाज

मुंह में छाले के उपाय

पेंट में गैस बनना (गैस रोग)


लहसुन और अदरक

लहसुन और अदरक के रस को हल्के गुनगुन पानी में मिलाकर पीने से गैस की शिकायत दूर हो जाती है ।

अजवायन और नींबू

एक चम्मच अजवायन में चौथाई चम्मच नींबू का रस मिलाकर पियें, गैस बनना बन्द हो जायेगी और पेट का दर्द ठीक हो जायेगा ।

सौंफ

सौंफ को चबाकर खाने से गैस का विकार शान्त होता है ।

कब्ज का घरेलू उपाय


शहद

एक चम्मच शहद, एक गिलास ताजे पानी में मिलाकर पिये कब्ज दूर हो जायेगी।

गाजर, मूली, टमाटर, पालक, चौलाई की सलाद में नारियल की गिरी मिलाकर खाने से पुराने से पुराना कब्ज समाप्त हो जायेगा।

सेंधा नमक और नींबू

एक ग्लास पानी में एक ग्राम सेंधा नमक तथा एक नींबू का रस मिलाकर खाली पेट पियें कब्ज दूर होगी ।

पेचिश का घरेलू उपाय – Pechish (DYSENTRY)


मट्ठे और बेल

ताजे छाछ (मट्ठे) में बेल का गूदा मिलाकर पीने से खूनी पेचिस बन्द हो जाती है।

धनिया

दो चम्मच धनिया उबालकर सेवन करें, निश्चित रुप से लाभ होगा।

मेथी और दही

मेथी का चूर्ण दही में मिलाकर दिन में दो-तीन बार सेवन करे। तुरन्त लाभ होगा।

गाय के दूध का मक्खन

गाय के दूध का मक्खन दस ग्राम खाकर छाछ पिये खूनी दस्त बन्द हो जाता है ।

दस्त रोकने के उपाय


जामुन तथा आम और छाछ

जामुन तथा आम की गुठली की गिरी बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण का दो चम्मच सेवन करें तत्पश्चात छाछ पियें दस्त से छुटकारा मिलेगा।

कच्चा केला, घी, लौंग, दही, धनिया, हल्दी और सेंधा नमक

कच्चा केला उबालकर छील लें उसके बाद एक बर्तन में थोड़ा सा घी डालकर 2-3 लौंग से छौंककर केले डाल दें। दही में धनिया, हल्दी, सेंधा नमक मिलाकर केले की स्वादिष्ट सब्जी बनाकर खायें। स्वाद भी मिलेगा और दस्त से राहत भी होगी।

सिंघाड़े

8 या 10 सिंघाड़े खाकर छाछ पियें, दस्तं बन्द हो जायेगी।

मिरगी रोग का घरेलू इलाज


सिरका, अकरकरा, शहद

100 ग्राम पुराना सिरका, 100 ग्राम अकरकरा को घोंट (पीस) लें। 5 ग्राम दवा, शहद के साथ प्रातः काल चटावें। मिरगी रोग दूर होगा।

बच

बच का चूर्ण एक ग्राम प्रतिदिन शहद के साथ चाटने से मिरगी आना बन्द होता है।

पीलिया के बचाव (JAUNDICE)


पीलिया में मनुष्य का शरीर पीला पड़ जाता है।

कच्चे पपीते

कच्चे पपीते की सब्जी बिना मिर्च मसाले के बनाकर खायें। पीलिया रोग में लाभकारी है।

मूली के पत्ते, मिश्री

मूली के पत्ते का अर्क (रस) निचोड़कर मिश्री मिला लें और प्रातः काल बासी मुँह पीयें।

अस्थमा का घरेलू उपचार


इसमें रोगी की सांस फूलती है।

अलसी, मिश्री

25 ग्राम अलसी को कुचलकर 375 ग्राम पानी में औटकर 125 ग्राम मिश्री मिलायें। एक-एक चम्मच भर काढा एक घंटे के अन्तराल में पीयें।

गर्मपानी,नमक

रोगी को गर्मपानी में थोड़ा-सा नमक मिलाकर पिलाये। दौरे में आराम मिलता है।

दाद खाज खुजली का घरेलू उपाय


नारियल के तेल, कपूर

20 ग्राम नारियल के तेल में 5 ग्राम कपूर मिलाके लेप करें। खुजली कुछ ही दिनों में ठीक हो जायेगी।

नीम की पत्तियां

नीम की 20 या 25 कोपलें(नयी पत्तियां) 60 ग्राम पानी में पीस लें और सेवन करें। शीघ्र ही खुजली समूल नष्ट हो जायेगी।

सरसों का तेल, नीम की पत्तियां

250 ग्राम सरसों का तेल लोहे की कड़ाही में डालकर आग पर रखें तत्पश्चात नीम की 50 कोंपलें उसमें डालकर खूब औटाएँ फिर उसे उतारकर ठंडा कर लें। खाज, खुजली या अपरस वाले स्थान पर लगायें। शीघ्र लाभ होगा।

हैजा के उपचार (CHOLLERA)


इसमें बार बार उल्टी आती है और पतले दस्त होते हैं।

शक्कर, जायफल, गुड़

थोड़े से पानी में शक्कर घोलकर रोगी को पिलायें तत्पश्चात 10 ग्राम जायफल का चूर्ण गुड़ में मिलाकर तीन-तीन मि॰ग्रा॰ की गौलियाँ बनाकर रोगी को आधे-आधे घंटे पर एक गोली दें। दस्त होना बन्द हो जायेगा और रोगी को आराम होगा।

हींग, कपूर, कत्था, नीम, तुलसी

5 ग्राम हींग, 10 ग्राम कपूर, 10 ग्राम कत्था और नीम की 10 कोंपले तुलसी के रस में पीसकर गोलियॉँ बना लें। एक-एक गोली दिन में तीन-चार बार रोगी को दें।

पेट में कीड़े का इलाज


कीड़े अधिकतर छोटे शिशुओं (बच्चों) के पेट में पाये जाते हैं।

गन्ने के सिरके, चना

गन्ने के सिरके में रात के समय 25 ग्राम चना भिगोयें । सुबह उस चने को चबाकर खायें और छः-सात घंटे कुछ भी न खायें। कीड़े मर जायेंगे।

मूली के रस, नमक

मूली के रस में थोड़ा-सा नमक मिलाकर सेवन करें। पेट में पलने वाले कीड़े मल के साथ बाहर निकल जायेंगे।

छाछ, जीरा, सेंधा नमक, काली मिर्च

छाछ में भुना हुआ जीरा, थोड़ा-सा सेंधा नमक और पिसी हुई काली मिर्च मिलाकर पिलायें। पेट के केचुए बाहर निकल आयेंगे।

हिंग

हींग खाने से कीड़े मर जाते हैं।

अपच के घरेलू उपाय


भोजन का न पचना ही अपच है। इसमें खट्टी डकारें भी आती है |

मुनक्का,नमक, काली मिर्च

मुनक्का,नमक एवम् काली मिर्च मिलाकर खाने से अपच की शिकायत दूर होती है।

अनार

अनार दाने का चूर्ण आधा चम्मच दिन में तीन बार लें अपच मिटती है।

ईसबगोल

2 चम्मच ईसबगोल (किराने की दुकान से खरीदा जा सकता है) पानी में मिलाकर पियें। निश्चित फायदा होगा।

पेट में मरोड़ का इलाज


गाय का दूध, पानी

गाय का दूध और पानी बराबर मात्रा में जल जाने तक उबालिये फिर उसे उतारकर पीयें। पेट का मरोड़ शान्त हो जायेगा।

दही, मेथी

दही और मेथी का चूर्ण मिलाकर पीने से पेट का मरोड़ बन्द होता है।

छाछ, बेल

छाछ में बेल का गूदा मिलाकर पियें मरोड़ में राहत मिलेगी।

पेट फूलने का घरेलू उपचार


जीरा, धनिया

जीरा और धनिया समभाग लेकर पीस लें फिर उसे 250 मि॰ग्रा॰ पानी में भिगोकर रख दें। प्रातः काल पानी को छानकर पीने से पेट का भारीपन समाप्त होता है।

बैंगन

बैंगन को अंगारों पर सेंककर उसमें सब्जीखार मिलाकर बाँधने से पेट के भारीपन से निजात मिलेगी।

बार-बार उल्टी आना


अदरक, प्याज

अदरक के 10 मि०ग्रा० रस में 10 मि०ग्रा० प्याज का रस मिलाकर इस्तेमाल करें। उल्टियाँ रुक जायेंगी।

पूदीना,सेंधा नमक

6 ग्राम पूदीना,2 ग्राम सेंधा नमक ठंडे पानी में घोलकर पीने से उल्टी शान्त होती है।

अजवाइन तथा फूलवाली लौंग

अजवाइन तथा फूलवाली लौंग जल में पीसकर चटाने से उल्टी बन्द हो जायेगी।

आंखों से पानी गिरने का इलाज


अमरुद

अमरुद को आग में भूनकर खाने से आँखों का पानी गिरना बन्द हो जाता है ।

धनिया, पुदीना

धनिया पुदीने की चाय में चुटकी भर नमक मिलाकर पीयें।

इलायची, दूध

दो छोटी इलायची पीसकर रात को एक ग्लास दूध में उबालकर पीने से आँखों से पानी आना बन्द हो जाता है।

त्रिफला

रात के समय त्रिफला पानी में भिगो दें। सुबह उस पानी को निथार कर ऑखों पर छींटे मारे। अत्यन्त अचूक औषधि है।

दृष्टि दुर्बलता या नजर की कमजोरी


आँखों से कम दिखायी देना ही दृष्टि दुर्बलता है।

इलायची, शक्कर, एरंड का तेल

इलायची के दानों का चूर्ण और शक्कर बराबर मात्रा में लेकर एरंड का तेल मिलायें। चार ग्राम की मात्रा चालीस दिन तक इस्तेमाल करे। अश्चर्य जनक रुप से फायदा होता है और नेत्र ज्योति बढ़ती है।

संतरे के रस, काली मिर्च,सेंधा नमक

संतरे के रस में पिसी हुई काली मिर्च और सेंधा नमक मिलाकर सुबह शाम सेवन करें। दृष्टि दोष से मुक्ति मिलेंगी।

सहजन का रस, शहद

सहजन का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर काजल बनायें और प्रतिदिन ऑखों में लगायें। निश्चत लाभ होगा।

मोतियाबिंद का घरेलू इलाज


आँख की पुतलियों पर पर्दा पड़ना ही मोतिया बिन्द के लक्षण हैं।

बादाम, काली मिर्च, मिश्री

बादाम की गिरी और 7 दाने काली मिर्च को पीसकर पानी में मिलाकर छान लें और मिश्री डालकर सेवन करें। लाभ होगा।

प्याज का रस, भीमसेनी कपूर, शहद

प्याज का रस, शहद 10-10 मि॰ग्रा॰ तथा भीमसेनी कपूर 2 ग्राम मिलाकर शीशी में रख लें और रात को सोते समय सलाई से ऑखों में लगायें।

गाजर,पालक, ऑवले

गाजर,पालक और ऑवले के सेवन से मोतिया बिन्द नहीं बढता।

सौंफ, धनिया, भूरी शक्कर

सौंफ धनिया बराबर मात्रा में लेकर उसमें भूरी शक्कर मिलायें और 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन सेवन करें। लाभ होगा।

ईंट,दूध,लौंग

पुरानी ईंट का टुकड़ा पीसकर छान लें फिर उसे आक के दूध से तर करें और रख दें। जब दूध सूख जाये तो दस ग्राम चूरे में पाँच लौंग पीसकर मिला लें और दिन में 5-6 बार सूंघे।

सुपारी

सुपारी को पानी में पत्थर पर घिसकर लगाने से ऑख की सूजन दूर होती है।

रतौंधी रोग का इलाज


रात मे आँख से धुंधला दिखायी पड़ना रतौंधी रोग कहलाता है।

टमाटर

टमाटर के रस का सुबह शाम सेवन करने से रतौंधी दूर होती है।

टब में पानी भरकर उसमें अपना चेहरा डालकर लगातार ऑखें खोले रखें। आँखों की ज्योति बढ़ेगी।

बेल के पत्ते, काली मिर्च,चीनी

10 ग्राम बेल के पत्ते, 6 दाने काली मिर्च और 25 ग्राम चीनी को पानी में बारीक पीसकर सुबह शाम सेवन करें।

आँखों में जलन होना


मक्खन

गाय का मक्खन लगाने से ऑखों की जलन दूर होती है।

मलाई

दही की मलाई का पलकों पर लेप करने से ऑख की जलन खत्म होती है।

हल्दी,फिटकरी,इमली के पत्तों

हल्दी, फिटकरी और इमली के पत्तों की पुल्टिस बनाकर ऑखों की सेंक करें। ऑखों की जलन मिट जाती है।

रोहे या कुकरे (TRACHOMA)


यह आँखों में अंधापन लाने वाला खतरनाक रोग है। यह बच्चों में अधिक होता है।

बेल,गाजर

भोजन के साथ बेल और गाजर के मुरब्बे का सेवन करने से रोहे से राहत मिलता है।

तुलसी,अदरक,शहद,प्याज

तुलसी, अदरक, शहद और प्याज का रस मिलाकर दिन में सेवन करें। रोहे में लाभकारी है।

दूध, ईसबगोल

दूध के साथ ईसबगोल की भूसी में आंवले का चूर्ण बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करें। लाभ होगा।

जुकाम के घरेलू उपाय


पान पत्ते

पान के दो-चार सादे पत्ते चबाने से जुकाम से राहत मिलती है।

अजवायन

अजवायन को पीसकर प्याज का रस मिलायें और छाती तथा पीठ पर मालिश करें।

काली मिर्च,दही,गुड

काली मिर्च का चूर्ण दही और गुड के साथ सुबह शाम खानी चाहिए पुराना जुकाम ठीक हो जाता है।

चाय,नींबू

चाय में नींबू का रस डालकर पीने से जुकाम दूर हो जाता है।

कान का दर्द का इलाज


मुलहठी,घी

मुलहठी को घी में मिलाकर हल्का गर्म करें और कान के आस-पास लगायें। फौरन आराम होगा।

तिल के तेल,लहसुन

एक चम्मच तिल के तेल में लहसुन डालकर कुनकुना करें और दर्द वाले कान में 4-4 बूदें डालकर दूसरी करवट लेटे रहें आराम मिलता है।

केले के तने का रस

केले के तने का रस निकालकर हल्का गरम करके सोते समय कान में डालें। कान का दर्द सदैव के लिए जाता रहेगा।

कान का बहरापन


सुहागा, नींबू

पिसा हुआ सुहागा (जो आसानी से किराने की दुकान से मिल जाता है) कान में डालकर ऊपर से 5 या 6 बूंद नींबू का रस कान में डालें। कान में गैस उत्पन्न होगी और मैल बाहर निकल जायेगी। जिससे आपको सुनाई देने लगेगा।

सरसों का तेल

4 अथवा 5 बूंद सरसों का तेल कान में डालें। कम सुनने की शिकायत दूर हो जायेगी।

अदरक का रस,शहद

अदरक का रस और शहद में थोड़ा-सा नमक मिलाकर कान में डालें निश्चित रुप से लाभ होगा।

तुलसी के पत्तों का रस

तुलसी के पत्तों का रस कान में डाल दें डालने से बहरेपन की शिकायत दूर होती है।

टॉन्सिल उपाय


मुंह के अन्दर,जीभ के पिछले हिस्से पर गिल्टियों में सूजन आ जाती है तो समझे कि टान्सिल रोग हुआ है।

जलकुंभी, सरसों के तेल

जलकुंभी की भस्म को सरसों के तेल में मिलाकर लेप करें। पुराने से पुराना टान्सिल हो, सूजन ठीक हो जायेगी।

सरसों,सहजन के बीज,सन के बीज,अलसी,जौं,मूली के बीज

सरसों, सहजन के बीज, सन के बीज, अलसी, जौं तथा मूली के बीज को समान भाग लेकर कांजी में पीसकर लेप बनाकर लगायें।

केले के छिलके

केले के छिलके को निकालकर गले पर बाँधे, फायदा होगा।

कंठमाला का आयुर्वेदिक इलाज


मट्ठे, सोंठ

मीठे मट्ठे में सोंठ का चूर्ण मिलाकर पियें। रोग नष्ट हो जायेगा।

प्याज, घी

प्याज को घी में भूनकर पुल्टिश बनाकर बॉधें। एक सप्ताह में रोग समूल नष्ट हो जायेगा।

छाछ,काली मिर्च

छाछ में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर लेप करें। कंठमाला का शमन होता है।

मसूड़ों का सूजन का इलाज


नियमित मुँह की सफाई न करने से ऐसा होता है।

मेंहदी के पत्ते

मेंहदी के पत्तों को पानी में उबालकर सुबह शाम कुल्ला करें। मसूड़ों की सूजन समाप्त हो जायेगी और दाँतों की जड़ें मजबूत होंगी।

फिटकरी का चूर्ण

मसूड़ों पर फिटकरी का चूर्ण मलें मसूडों की सूजन समाप्त होगी और उनकी जड़ों से विकार नष्ट हो जायेंगे।

एरंडी,तेल में कपूर

एरंडी के तेल में कपूर मिलाकर मसूड़ों पर हौले-हौले मालिश करें। रामबाण की तरह औषधि है।

पायरिया का इलाज


दाँत के रोगों में पायरिया एक भंयकर रोग है।

राई का तेल,नमक

सुबह दातुन या ब्रश करने के बाद राई का तेल और नमक मिलाकर उंगली से दाँत व मसूड़ों पर धीरे-धीरे मालिश करें।

नींबू के रस

नींबू के रस को मसूड़ों पर मलने से खून का बहना बन्द हो जाता है।

देसी घी,कपूर

देसी घी में कपूर मिलाकर दॉतों पर मालिश करें और लार गिराते रहें।

रेंड़ी का तेल,बांस कपूर, शहद

रेंड़ी का तेल 200 मि०ग्रा० बांस कपूर का चूर्ण 5 ग्राम और 100मि०ग्रा० शहद मिलाकर उंगली से दाँतों पर मलें ।

दंत क्षय उपचार


हींग

दाँत के पोले भाग में हींग भरने से कीडे मर जाते हैं। हींग को पानी में उबालकर कुल्ला भी करें।

जायफल के तेल

जायफल के तेल का फाहा दाँत में रखने से दंतक्षय रुक जाता है।

मुख के छाले का इलाज


पेट की गर्मी के कारण मुख में छाले पड़ते हैं।

हल्दी

हल्दी को पानी में भिगोकर रख दें फिर उसे छानकर पानी से कुल्ले करें। मुख के छाले ठीक हो जायेंगे ।

नीम की छाल, सफेद कत्थे

नीम की छाल को भुनकर चूर्ण बना लें और सफेद कत्थे के साथ छालों पर लगायें, छाले समाप्त हो जायेंगे।

अमरुद की पत्तियाँ, कत्था

अमरुद की दो-तीन पत्तियाँ लेकर कत्थे के साथ चबायें। भंयकर छाले ठीक हो जायेंगे।

खुजली के घरेलू उपाय


खुजली एक संक्रामक रोग है। वायरस के संक्रमण से खुजली होती है।

नींबू का रस, चमेली का तेल

नींबू का रस और चमेली का तेल मिलाकर मालिश करें।

काली मिर्च,गंधक,घी

काली मिर्च और गंधक को खरल में पीस लें और घी मिलाकर त्वचा पर लगायें और सेकें।

संतरे के छिलका

संतरे के छिलकों को पीस कर शरीर-पर मलें। पुरानी से पुरानी खुजली कुछ ही दिनों में ठीक हो जायेगी।

अपरस के घरेलू उपाय (एक्जीमा)


तरबूज का छिलका, नारियल का तेल

तरबूज का छिलका सुखा लें फिर उसे जलाकर भस्म तैयार करें। भस्म को नारियल के तेल में मिलाकर लगायें। एक्जीमा ठीक हो जायेगा।

सुबह उठकर अपने मूत्र को एक्जीमा वाले स्थान पर लगायें, अवश्य लाभ होगा।

तिल के तेल, कनेर के जड़

एक लीटर तिल के तेल में 250 ग्राम कनेर के जड़ की छाल को अच्छी तरह पकायें फिर उसे छानकर बोतल में भर लें। प्रतिदिन इस तेल को एक्जीमा पर लगायें।

दाद का घरेलू उपाय


हरड़ के सिरके

दाद वाले स्थान पर हरड़ के सिरके को घिसकर लगायें तुरन्त लाभ होगा।

सहजन के जड़, गाय के मूत्र

सहजन के जड़ की छाल को गाय के मूत्र में घिसकर दाद वाले स्थान पर लगायें। दाद समाप्त हो जायेगी।

कपूर,गंधक,मिट्टी के तेल

5 ग्राम कपूर 2 ग्राम गंधक को मिट्टी के तेल में घिसकर मलहम बना लें और दाद वाले स्थान पर लगायें।

जोड़ों का दर्द का उपाय


सरसों के तेल,अजवायन,लहसुन

सरसों के तेल में अजवायन और लहसुन डालकर गर्म करें फिर तेल को ठंडा करके जोड़ों पर मालिश करें। जोड़ों का दर्द कम हो जायेगा।

कनेर की पत्ती

कनेर की पत्ती उबालकर पीस लें और सरसों के तेल में मिलाकर जोड़ों पर लेप करें। दर्द जाता रहेगा।

सांप काटने पर प्राथमिक उपचार


सर्प काटने पर डाक्टरी चिकित्सा तुरन्त करायें यदि वह चिकित्सा समय पर न उपलब्ध हो सके तब निम्न नुस्खे अपनायें |

सर्प काटने की जगह पर तेज नस्तर से तुरन्त चीरा लगाकर चार पाँच बूंद खून निकाल दें। फिर बारीक पिसा हुआ पोटैशियम परमैगनेट लगा दें।

तीन तोला प्याज का रस, तीन तोले सरसों का तेल मिलाकर रोगी को दें विष का प्रभाव कम होगा।

सर्प के काटने पर 50ग्राम घी में 2ग्राम फिटकरी पीसकर लगाने से जहर का प्रभाव कम हो जायेगा।

बिच्छू के डंक मारने पर घरेलू उपचार


प्याज, नौसादर

प्याज के रस में नौसादर मिलाकर लगायें विष उतरता है।

इमली

इमली का सेंका हुआ बीज पत्थर पर तब तक थिसें जब तक सफेद भाग न दिखायी। जब सफेद भाग दिखायी देने लगे तो डंक वाले स्थान फर चिपका दें। बिच्छू का विष उतर जाता है।

पुदीने के पत्ते

पुदीने के पत्ते खाने से बिच्छू के डंक का प्रभाव कम होता है।

पागल कुत्ता काटने का इलाज


लाल मिर्च

कुत्ता काटने पर तुरन्त लाल मिर्च पीसकर घाव में भर दें।

हींग

हींग को पानी में पीस कर कुत्ते के काटे हुए स्थान पर लगाने से विष प्रभावहीन हो जाता है।

प्याज, शहद

प्याज का रस और शहद मिलाकर काटे हुए स्थान पर लगायें।

बालों का सफेद होना


सूखे ऑवला

सूखे ऑवले का चूर्ण सोते समय पानी के साथ लें। चेहरे की कांति भी निखर आयेगी तथा बालों का सफेद होना रुक जायेगा।

रीठा

रीठे को पानी में भिगो दें। सुबह उस पानी को सिरके के बाल धोंये। बालों का सफेद होना बन्द होगा।

सेहुआ का घरेलू उपाय


यह एक त्वचा (चमड़ी) रोग है -पीठ,चेहरे एवं अन्य स्थानों पर सफेद रंग के चकत्ते बन जाते हैं।

सेम

सेम की पत्ती पीस कर सेहुआ पर लगायें |

मूली के बीज

मूली के बीज को पीसकर सेहुआं पर लगाने से शीघ्र ही सेहुआं नष्ट हो जाता है।

सूखी खांसी के लिए घरेलू नुस्खे

कुकुर खांसी के घरेलू उपाय


इसमें लगातार खाँसी आती है और मरीज परेशान हो जाता हैं।

सरसों का तेल, गुड़

20 ग्राम सरसों का तेल, 20 ग्राम, गुड़ किसी शीशे के बर्तन में रखें, खाँसी का दौरा पड़ने पर मरीज को दें। आराम होगा।

खजूर

सूखी खाँसी के रोगियों के लिए खजूर दाना फायदेमंद है।

तुलसी के पत्ते, काली मिर्च

तुलसी के पत्ते मे काली मिर्च डालकर काढ़ा बनाकर पियें। तुरन्त लाभ होगा।

न्यूमोनिया लक्षण व उपचार


न्यूमोनिया नामक रोग से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं अर्थात् बच्चों में यह रोग अधिक होता है |

लहसुन, शहद

एक चम्मच लहसुन के रस में दो बूंद शहद मिलाकर दें। शीघ्र ही लाभ होगा।

निमोनिया में ब्रांडी (एक प्रकार की शराब) देना काफी फायदेमंद है।

हींग

किसी बच्चे पर निमोनिया का आक्रमण हो तो उसे मटर के दाने से भी कम मात्रा में हींग घोलकर पिलायें।

मधुमेह के उपचार

शुगर का घरेलू उपचार


टमाटर,संतरा,जामुन

प्रातः काल टमाटर, संतरा और जामुन का नाश्ता करें।

काली किशमिश

रात को काली किशमिश पानी में भिगो दे और सुबह वही पानी पियें।

तेजपत्ता

तेजपत्ता को कूटकर चूर्ण बना लें और प्रातः काल हल्के गर्म पानी के साथ 5 ग्राम चूर्ण का सेवन करें।

परहेज – शक्कर, मिठाई, चावल, आलू आदि न खायें।

शीघ्र पतन का इलाज


यह रोग नवयुवकों में अधिक पाया जाता है जो उनकी गलत संगत का परिणाम है।

जामुन के बीज, गाय अथवा बकरी के दूध

जामुन के बीजों को बारीक कूट लें और एक-एक चम्मच चूर्ण गाय अथवा बकरी के दूध के साथ सेवन करें।

बादाम,काली मिर्च,सोंठ, मिश्री, गाय का दूध

बादाम की 5 ग्राम गिरी, काली मिर्च 5 ग्राम, 2 ग्राम सोंठ और 5 ग्राम मिश्री पीसकर गाय के दूध के साथ सेवन करें। यह क्रिया एक माह तक करें। रोग ठीक हो जायेगा।

चने,बादाम

भीगे हुए चने और 5 बादाम, आधा किलो हल्के गर्म दूध के साथ एक माह तक सेवन करें। वीर्य गाढ़ा हो जायेगा और शीघ्र पतन नहीं होगा।

उच्च रक्तचाप की आयुर्वेदिक दवा


नारंगी का सेवन करें।

शिलाजीत,सर्पगंधा

शिलाजीत,सर्पगंधा दोनों समान मात्रा में मिलाकर पीस लें और चने के बराबर गोलियाँ बनाकर दिन में तीन बार सेवन करें। ये वस्तुएँ किसी वैद्य से प्राप्त की जा सकती है।

तरबूज का अधिक सेवन करें।

पपीता

उच्च रक्तचाप के रोगी सुबह शाम: खाली पेट पपीते की दो तीन फाँके खायें। रक्तचाप की शिकायत खत्म हो जायेगी।

हिस्टीरिया बीमारी के घरेलू उपाय


यह रोग अधिकतर लड़कियों में होता है |

अनार के पत्ते, गुलाब की ताजी पत्तियाँ, देसी घी

अनार के पत्ते 10 ग्राम, गुलाब के पौधे की ताजी पत्तियाँ 10 ग्राम, 2 लीटर पानी में पानी आधा हो जाने तक उबालें फिर उसे छान लें और 25 ग्राम देसी घी मिलाकर बीस पच्चीस दिन पियें रोग मुक्त होगें।

प्याज

बेहोशी का दौरा पड़ने पर उस स्त्री को प्याज का रस निकालकर सुंघाएँ। बेहोशी समाप्त हो जायेगी।

लहसुन

लहसुन का रस बेहोश स्त्री की नाक में दो बूंद डालने मूर्छा दूर हो जायेगी।

रोगी को पौष्टिक पदार्थों का सेवन करायें जैसे दूध,घी,फलों का रस, अंगूर आदि।

गठिया रोग का घरेलू उपचार


इस रोग से स्त्री-पुरुष दोनों पीड़ित होते हैं। कई लोगों का चलना फिरना भी दुश्वार हो जाता है।

गाजर

रोगी को दिन में कम से कम चार बार गाजर का रस पिलायें।

टमाटर का इस्तेमाल ज्यादा करें।

प्याज और नींबू का रस, नमक

प्याज का रस और नींबू का रस मिलाकर थोड़ा-सा नमक मिलाकर रोगी को दें। अत्यन्त लाभकारी है।

अदरक

अदरक का रस सुबह उठकर चार चम्मच पियें यह क्रिया एक मास तक करें। रोग से मुक्त हो जायेंगी।

अदरक

अदरक का रस सुबह उठकर चार चम्मच पियें यह क्रिया एक मास तक करें। रोग से मुक्त हो जायेंगी।

दर्द वाले स्थान पर कच्चा आलू पीसकर बाँधें।

गठिया रोग का घरेलू उपचार


इस रोग से स्त्री-पुरुष दोनों पीड़ित होते हैं। कई लोगों का चलना फिरना भी दुश्वार हो जाता है।

गाजर

रोगी को दिन में कम से कम चार बार गाजर का रस पिलायें।

टमाटर का इस्तेमाल ज्यादा करें।

प्याज और नींबू का रस, नमक

प्याज का रस और नींबू का रस मिलाकर थोड़ा-सा नमक मिलाकर रोगी को दें। अत्यन्त लाभकारी है।

अदरक

अदरक का रस सुबह उठकर चार चम्मच पियें यह क्रिया एक मास तक करें। रोग से मुक्त हो जायेंगी।

दर्द वाले स्थान पर कच्चा आलू पीसकर बाँधें।

श्वेत प्रदर का रामबाण इलाज


इसमें नारी के योनि से सफेद पानी का स्त्रव होता है।

केला,दूध,शहद

केला खाकर, आधा गिलास दूध में एक चम्मच शहद मिलाकर एक माह तक पियें। श्वेत प्रदर जड़ से समाप्त हो जायेगा।

टमाटर

प्रात: काल ½ गिलास टमाटर का रस पियें । रोग ठीक हो जाएगा |

तुलसी के पत्ते,शहद, गाय का दूध

तुलसी के पत्तों का रस और एक चम्मच शहद मिला कर गाय के दूध के साथ सेवन करें। श्वेत प्रदर की शिकायत दूर हो जायेंगी।

अधकपारी के उपचार


इस रोग में आधा सिर दर्द करता है।

अंगूर का रस

आधा गिलास अंगूर का रस सूर्य निकलने से पहले रोगी को दें। आधेसिर का दर्द समाप्त हो जायेगा।

अधकपारी के उपचार


इस रोग में आधा सिर दर्द करता है।

अंगूर का रस

आधा गिलास अंगूर का रस सूर्य निकलने से पहले रोगी को दें। आधेसिर का दर्द समाप्त हो जायेगा।

शहद

खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद दो-दो चम्मच शहद का सेवन करें। अधकपारी का दर्द ठीक हो जायेगा।

तुलसी के रस,शहद

तुलसी के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर रोगी को दें। दर्द से तुरन्त मुक्ति मिलेगी।

लू लगने के घरेलू उपचार


कच्चा आम, गुड,जीरा,धनिया,नमक,काली मिर्च

एक बड़ा कच्चा आम उबालकर ठंडे पानी में रखें फिर उसका छिलका उतार कर गूदे को मथ लें और उसमें गुड, जीरा, धनिया, नमक और काली मिर्च मिलाकर पन्ना बनाकर पियें।

इमली के पत्ता

लू से बुखार होने पर इमली के पत्ते पानी में उबालकर शर्बत की तरह सेवन करें। बुखार उतर जायेगा।

प्याज के रस

लू लगने पर प्याज के रस से कनपटियों पर और छाती पर मालिश करें।

नपुंसकता का घरेलु उपचार


यह रोग युवकों में प्रायः हो जाता है।

कच्चा आम, गुड,जीरा,धनिया,नमक,काली मिर्च

एक बड़ा कच्चा आम उबालकर ठंडे पानी में रखें फिर उसका छिलका उतार कर गूदे को मथ लें और उसमें गुड, जीरा, धनिया, नमक और काली मिर्च मिलाकर पन्ना बनाकर पियें।

प्याज का रस,शहद,अदरक,देसी घी

एक चम्मच प्याज का रस,एक चम्मच शहद,एक चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच देसी घी मिलाकर प्रतिदिन रोगी को दें।

रोगी पके आम का सेवन अधिक करें।

लहसुन,देसी घी

पाँच दाने लहसुन देसी घी में पकाकर प्रतिदिन खायें। नपुंसकता समाप्त होगी।

तुलसी जड़, बनारसी पान का पत्ते

तुलसी की जड़ का चूर्ण बनाकर बनारसी पान के पत्ते में डालकर खाने से नपुंसकता रोग दूर होता है।

हृदय रोग के उपचार


दिल की कमजोरी, धड़कन कम हो, दिल डूबता महसूस हो तो सोंठ का काढ़ा बनाकर एक चुटकी नमक मिलायें और रोगी को दें।

सेब

सेब का रस 1-1 गिलास सुबह शाम रोगी को दें।

बैगन

बैगन की सब्ज़ी खाने से हदय रोग दूर होता है।

तुलसी के दस पत्ते,काली मिर्च,बादाम

तुलसी के दस पत्ते,काली मिर्च के 6 दाने, 6 दाने बादाम मिलाकर कूट लें और एक कप पानी में रोगी को दें। रोग ठीक हो जायेगा।

हृदय रोग के लिए शहद अति उत्तम है।

हृदय रोग के उपचार


सूखा धनिया

मुख की दुर्गंध को सूखा धनिया चवाकर दूर कर सकते हैं।

अदरक और नींबू का रस

एक गिलास पानी में एक चम्मच अदरक का रस और एक चम्मच नींबू का रस मिलाकर कुल्ला करें। दुर्गंध दूर हो जायेगी ।

भोजन के बाद सौंफ चबायें।

स्वप्नदोष के रामबाण दवा


लहसुन

रात को सोते समय लहसुन की एक कली दातों से चबाकर खायें और सो जायें। स्वप्नदोष नहीं होगा।

अनार के छिलकों

अनार के छिलकों को सुखाकर पीस लें। इसके चूर्ण को सुबह शाम ठंडे पानी के साथ सेवन करें।

ऑवले का मुरब्बा

ऑवले का मुरब्बा सुबह-शाम खायें।

गाय के दूध,पका हुआ केला

स्वप्नदोष रोगी के लिए सर्वोत्तम औषधि केला है। गाय के दूध में एक पका हुआ केला मसलकर रख दें और सुबह उठकर वही दूध पिये और केले को खायें। एक सप्ताह में रोग दूर होगा।

टीबी का देशी इलाज


खजूर, दूध

टी० बी० रोगियों को दिन में चार बार पाँच खजूर दूध के साथ खिलायें। रोगी को लाभ होगा।

अंगूर

टी० बी० रोगी को आधा किलो अंगूर प्रतिदिन खिलायें।

तुलसी के पत्ते, नमक,जीरा,नीबू

तुलसी के 15 पत्ते, आधा चम्मच नमक, आधा चम्मच जीरा और मटर के दाने के बराबर और एक नीबू का रस निचोड़ कर मिलायें और रोगी को दो बार दें। दो महीने में रोग समाप्त हो जायेगा।

गले की जलन का घरेलू इलाज


तेज पत्ता

तेज पत्ते को पानी में उबालकर गरारे करें पीड़ा शान्त होगी।

प्याज,जीरा,सेंधा नमक

प्याज को जीरा और सेंधा नमक मिलाकर खायें।

लौकी,शहद,शक्कर

लौकी के रस में थोड़ी शहद और शक्कर मिलाकर पीयें गले की पीड़ा और जलन दोनों जाती रहेगी।

शहतूत के शर्बत का सेवन भी लाभकारी है।

मुंहासे हटाने के उपाय


मुंहासे चेहरे को भद्दा बना देते हैं।

जायफल और लाल चन्दन को जल में घिस कर चेहरे पर लगाए । मुंहासे नष्ट हो जायेगें।

नीबू का रस,हल्दी,नमक

चौथाई नीबू का रस, थोड़ी सी हल्दी और चुटकी भर नमक मिलाकर थोड़े से पानी में गुनगुना कर लें फिर चेहरे पर लगायें और कुछ देर तक रहने दें। मुंह को ठंडे पानी से धोयें। यह क्रिया सप्ताह में एक बार करने से मुंहासे नहीं होंगे और जो रहेंगे वे नष्ट हो जायेंगे|

नीम के जड़ को पानी में पीसकर चेहरे पर लगायें । शीघ्र लाभ होगा।

चेहरे पर झाई पड़ना


नींबू का रस,शहद

नींबू का रस और शहद मिला कर चेहरे पर लगायें। झुर्रियाँ और झाइयाँ समाप्त हो जायेंगी।

अजवाइन, दही

30 ग्राम अजवाइन 30 ग्राम दही में मिलाकर रात को मुंह पर लगायें। अजवाइन पिसा हुआ हो।

मसूर,नींबू के रस

मसूर को नींबू के रस के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करें। झाइयां मिट जायेंगी।

फुंसियां मिटाने का उपाय


अरबी (अरई) के पत्तों

अरबी (अरई) के पत्तों को जलाकर उसकी राख तेल में मिलाकर लगायें फुंसियाँ ठीक हो जायेंगी।

करेले की जड़ पीसकर फुंसियों पर लगायें।

नीम की कोपलें,छाछ

नीम की कोपलें छाछ में पीसकर फुसियों पर लेप करें। फुंसिया शीघ्र नष्ट हो जाती हैं।

मेथी की पुल्टिश बनाकर बाँधे। फोड़े की सूजन और दर्द कम हो जायेगा।

मोच आने पर घरेलू उपाय


यहां-कहां फिसलकर गिर जाने पर हाथ या पैर में मोच आ जाता है और अत्यधिक दर्द होता है।

सरसों के तेल,हल्दी,प्याज

मोच आने पर सरसों के तेल में हल्दी और प्याज पीसकर डालें। थोडी देर तक गरम करने के पश्चात मोच वाले स्थान पर मालिश करे, आराम होगा।

छिल जाये या कट जाये और खून बहने लगे। उस स्थान पर फिटकरी पीसकर लगा दें। रक्त का बहना रुक जायेगा।

गूलर के पत्ते

गूलर के पत्तों को पीसकर जख्म पर लगाने से जख्म भर जाता है।

सिर चकराना घरेलू इलाज


यदि गर्मी के दिन में सिर चकराता है तो ऑवलें का शर्बत पियें तुरन्त ऊर्जा मिलेगी। यदि कंठ सूखता हो तो छुहारे की गुठली मुख में रखें। कंठ सूखने की शिकायत दूर हो जायेगी।

बुखार की आयुर्वेदिक दवा


तुलसी

सामान्य ज्वर है तो तुलसी की चाय का सेवन करें।

चाय में आधा चम्मच दालचीनी, दो छोटी इलायची और चुटकी भर सोंठ का चूर्ण मिलाकर पिये।

भोजन के बाद शहद में अदरक के रस की दो-तीन बूदें मिलाकर चाटे।

मलेरिया के उपचार


तुलसी के पत्ते,काली मिर्च, पिप्पली,शक्कर

तुलसी के 6 पत्ते, काली मिर्च दो दाने तथा पिप्पली पीसकर शक्कर मिलायें और रोगी को पिलायें। ज्वर कम हो जायेगा।

मलेरिया ज्वर में दो नींबुओं का रस एक गिलास ठंडे पानी में मिलायें और दो चम्मच पीली शक्कर डालकर शर्बत बनायें |

टाइफाइड के घरेलू उपचार


तुलसी की पत्ती

रोगी को सुबह शाम तुलसी की पत्ती डालकर बनायी हुई चाय दें।

रोगी के शरीर को कुनकुने पानी से पोंछते रहें और पोंछे हुए कपड़े को गरम पानी में उबालकर धोयें।

एनिमा

रोगी को हर दूसरे या तीसरे दिन एनिमा दें।

नजले बुखार की दवाई


पोदीने,नमक

रोगी को पोदीने की चाय में नमक डालकर दिन में चार या पाँच बार पिलायें। बुखार उतर जायेगा।

तुलसी के पत्ते,मिश्री

तेज खाँसी और सीने में दर्द उभरने की स्थिति में तुलसी के पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर दें। बुखार दो दिन में उतर जायेगा।

पोदीने और धनिया

गर्मी के मौसम में बुखार होने पर पोदीने और धनिया का रस निकालकर रोगी को पिलायें।

काली मिर्च

यदि रोगी को ठंड अधिक लग रही है तो 10 दाने काली मिर्च पीसकर एक गिलास पानी में खूब औटाएं तत्पश्चात रोगी को पिलायें । ठंड का लगना बन्द हो जायेगा।

सफेद दाग के घरेलू उपचार


बथुए

बथुए का रस निकालकर प्रतिदिन सुबह शाम पियें अधिक लाभ होगा। याद रहें कच्चे बथुए का रस हो।

बेहया

बेहया (एक पौधा है) पौधे का दूध सफेद दाग पर लगाने से सफेद दाग ठीक हो जाते हैं।

लहसुन,हरड़

लहसुन के रस में हरड़ घिसकर सफेद दागों पर लगाये। रोग तीन माह के अन्दर ठीक हो जायेगा।

चने,देसी घी

इस रोग में चना बहुत लाभकारी है। सफेद दाग के रोगी को चने की रोटी, देसी घी के साथ सुबह शाम खिलाने से लाभ होता है।

तुतलाना का इलाज


यह रोग कैल्शियम की कमी से होता है।

आंवला

तुतलाने या हकलाने वाले बच्चे को आंवला खिलायें रोग ठीक हो जायेगा|

दालचीनी

दालचीनी मुख में रखकर चबायें हकलाना समाप्त हो जायगा |

कब्ज का इलाज


खाने-पीने की असावधानी से पेट में कब्ज हो जाती है।

संतरा

एक गिलास संतरे के रस में काला नमक मिलाकर पिलाए।

गेहूँ के पौधों

गेहूँ के पौधों का रस देने पर भी कब्ज दूर हो जाती है।

दालचीनी,सौंफ,इलायची

थोड़ी-सी दालचीनी,100 ग्राम सौंफ,10 दाने छोटी इलायची लेकर बारीक कूट पीस लें और रात को आधा चम्मच चूर्ण पानी के साथ सेवन करें।

नींबू

सुबह खाली पेट कब्ज रोगी को एक गिलास पानी में एक नींबू का रस डालकर पिलायें। कब्ज दूर होगी।

पेशाब में खून आना का इलाज


कच्चा करेला

एक कच्चा करेला आधे गिलास पानी में पीसकर डालें और उस पानी को छानकर पी जायें। दस दिन यह दवा इस्तेमाल करें। परहेज करना बहुत आवश्यक है। तीखी-मीठी वस्तुएं न खायें। गर्म चीजों से भी परहेज करें।

बिस्तर पर पेशाब हो जाने की दवा


यह रोग ज्यादातर बच्चों में होता है, किन्तु कुछ जवान व्यक्ति भी इस रोग के शिकार हैं।

एक या दो छुहारा प्रतिदिन खायें |

दही,लस्सी,छाछ,शर्बत आदि का प्रयोग न करें।

यदि पेशाब रुक-रुककर आती है तो 3 ग्राम कलमी शोरा, 250 ग्रा० दूध,एक किलो पानी में मिलाकर पिलायें। पेशाब खुलकर होगी।

हल्दी

हल्दी पीसकर आधे लीटर पानी में डालकर उबालें। पानी को ठंडा करके पी जायें। पेशाब रुककर आने की शिकायत दूर हो जायेगी।

यह क्रिया कम से कम एक सप्ताह तक करें।

बालों का झड़ना रोकने के उपाय


नींबू, नारियल का तेल

बाल झड़ रहे हों तो नींबू के रस में दोगुना नारियल का तेल मिलाकर उंगलियों से बालों की जड़ में हौले-हौले लगायें। इससे बालों का झड़ना भी रुक जायेगा। और रुसियाँ (Dandruff) भी समाप्त हो जायेंगे |

आम की गिरी,ऑवले

दस ग्राम आम की गिरी ऑवले के रस में पीसकर बालों की जडो में लगायें। बाल काले हो जायेंगे और उनका टूटना बन्द हो जायेगा |

सिर में रुसी का इलाज


सरसों का तेल

सरसों का तेल बाल की जड़ों में अच्छी तरह लगायें और पन्द्रह मिनट तक यूँ ही रहने दें। उसके बाद साबुन से सिर को धोंएँ। सारी रुसियाँ मैल की तरह बाहर आ जायेगीं।

नारियल के तेल,नींबू

नारियल के तेल में नींबू मिलाकर बाल की जड़ों में लगायें।

नारियल का तेल,कपूर

100 ग्रा॰ नारियल का तेल, 5 ग्राम कपूर को अच्छी तरह मिलाकर शीशी में रख लें। स्नान के बाद बाल सूख जाने पर लगायें।

बलवर्धक नुस्खे


सिघाड़े का हलवा, देसी घी

सिघाड़े का हलवा देसी घी में बनाकर कम से कम एक माह तक खायें।

प्रातः काल उठकर सर्दियों में ताजा गन्ना चूसें।

देसी मुर्गी का अण्डा,देसी घी

देसी मुर्गी का अण्डा देसी घी के साथ सर्दियों में खायें । यदि सम्भव हो तो कच्चा अण्डा पीयें।

थनैला रोग का उपचार


स्त्रियों के स्तन में कभी-कभी फोड़ा हो जाता ही जिसके कारण स्तन में दर्द, सूजन और मवाद हो जाती है।

काली,मिर्च,दालचीनी

काली, मिर्च और दालचीनी को 1:2 (एक अनुपात दो) की मात्रा में लेकर पीस लें और दिन में 5 ग्राम की तीन खुराक सुबह,दोपहर शाम को शहद के साथ लें।

नींबू के रस,शहद

नींबू के रस में शहद मिलाकर स्तन पर लेप करें।

स्तन कैंसर का उपचार


स्तन में कभी-कभी गाठ सी बन जाती है,जो बाद में कैंसर का रूप धारण कर लेता है। इसमें असहनीय दर्द होता है।

सहजन की जड़, काली तुलसी, सेंधा नमक,यक्षवार,लाख और बकरी की मींगी बराबर मात्रा में लेकर पीसें और पतले कपड़े की पोटली बनाकर स्तन पर बांधे। कपड़ा सूती हो तो बेहतर होगा।

नमक,सोंठ,मूली,सरसों और सहजन के बीज को बराबर मात्रा में लेकर खट्टे छाछ में पीसें और स्तन पर लेप करें |

नारियल जटा भस्म के फायदे


यदि आप खूनी बवासीर से परेशान हैं। दस्त के साथ खून आता है तो नीचे लिखे नुस्खे उपयोग में लायें –

सूखे नारियल की जटा, दूध

सूखे नारियल की जटा निकालकर आग में जला लें। उसके बाद राख को किसी महीन (पतले) कपड़े से छानकर उसमें दूध मिलायें। लगभग एक गिलास दूध में यह दवा तैयार करें और रात को सोते समय भस्म मिला दूध पीकर सो जायें। बहुत ही अच्छी दवा है निश्चित लाभ होगा और गुदा की पीड़ा से राहत होगी।

गर्भावस्था में उल्टी रोकने के उपाय


गर्भावस्था में उल्टी आना या जी मिचलाना समान्य बात है यह दूसरे से पाँचवें महीने तक होता है।

नींबू का रस,जूस,नारियल का पानी

अधिक उल्टी होने पर नींबू का रस, जूस अथवा नारियल का पानी फायदेमंद होता है।

चने का सत्तू

अधिक उल्टी होने पर गर्भवती स्त्री को भुने हुए चने का सत्तू खिलाना हितकर होता है।

नींबू का रस

गर्भवती स्त्री सुबह बिस्तर से उठकर मुंह धोने के पश्चात नींबू का रस संतरे का जूस, मौसमी का निचोड़कर पिये।

कमर दर्द का रामबाण इलाज


औरतों के माहवारी के समय अक्सर कमर दर्द की शिकायत होती है। प्रसव के बाद भी कमर दर्द की शिकायत होती है।

सूखा पुदीना,ऑवला,हरड़,सोंठ,मेंहदी को 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बनायें और लहसुन के रस के साथ मिलाकर गोलियाँ तैयार कर लें। सुबह शाम पानी के साथ खायें।

तारपीन, तिल

तारपीन और तिल मिलाकर कमर पर मालिश करें दर्द दूर हो जायेगा।

हींग,काली मिर्च,पीपर,नारंगी,ब्राह्मी,काले तिल

3 ग्राम हींग,3 ग्राम काली मिर्च,10 ग्राम पीपर और 10 ग्राम नारंगी लेकर पीसकर छान लें उसके बाद 10 ग्राम ब्राह्मी 50 ग्राम काले तिल को भूनकर काढ़ा बनायें और उसका सेवन करें।

मासिक धर्म अनियमितता के उपाय


निश्चित समय पर मासिक न होना एक प्रकार का रोग है।

तुलसी के बीज

तुलसी के 10 ग्राम बीज पानी में उबालकर पियें। मासिक धर्म की गड़बड़ी ठीक हो जायेगी।

नीम की कोपलों

नीम की कोपलों को पानी में उबालकर छान लें और दिन में कम से कम तीन बार पियें।

काले तिल,गुड़

काले तिल को गुड़ के उबाल लें। दिन में तीन चार बार पियें। मासिक धर्म-सुचारु रुप से होने लगेगा।

गर्भपात रोकने के घरेलू उपाय


हींग की गोली

पाँच ग्राम हींग की गोली गर्भवती महिला को प्रतिदिन ताजे पानी के साथ दें। गर्भपात कदापि नहीं होगा।

गर्भधारण करने के उपाय


पीपल वृक्ष की ताजी कोमल जटा

पीपल वृक्ष की ताजी कोमल जटा को कूटकर 500 मिली॰ दूध में पकाएँ। 200 ग्राम दूध रहने पर उसे उतार लें फिर उसमें शक्कर और शहद मिलाकर मासिक धर्म के छठें दिन से देना प्रारम्भ करें। 10 दिन तक इस औषधि का सेवन करें।

गोरोचन,गजपीपरी,असगंध

गोरोचन 3 ग्राम, गजपीपरी 10 ग्राम और 10 ग्राम असगंध को पीसकर चूर्ण बना लें और मासिक धर्म के चौथे दिन से दस दिन तक दूध के साथ सेवन करें।

शतावरी चूर्ण, घी अथवा दूध के साथ मिलाकर खायें।

सामान्य प्रसव के घरेलू उपाय


अधिकतर गर्भधारण करने वाली स्त्रियों बहुत अधिक चिन्तित रहती है | प्रसव के समय बहुत अधिक पीड़ा होगी या किसी प्रकार की नुकसान न हो जायें।

सहज प्रसव के सुगम उपाय हेतु 200 मि॰ग्रा॰ पानी में 50 ग्राम॰ ऑवला उबालें जब 100 ग्राम पानी शेष बचे तो उतार लें और पानी में शहद मिलाकर प्रसूता स्त्री को खिलायें। प्रसव बिना किसी कष्ट के सामान्य रुप से होगा ।

स्तनों में दूध की वृद्धि


दूध में चने भिगोकर खायें

जीरा भूनकर सुबह शाम चीनी के साथ लें।

हरी मटर की सब्जी का सेवन करें।

नासपाती, अंगूर पपीता आदि का सेवन करें।

सौन्दर्य बढ़ाने वाले नुस्खे


सुन्दरता हर किसी को सुहाती है। कौन ऐसा है जो सुन्दर नहीं होना चाहता।


गर्मियों के मौसम में धूप में घूमने पर शरीर की त्वचा कांतिहीन हो जाती है। त्वचा का रंग बरकरार रखने हेतु जामुन और आम के पत्ते, हल्दी और गुड़ पीसकर लुगदी बनाकर त्वचा पर लेप करें। त्वचा की शुष्कता दूर भागेगी |


बरगद के दूध को उंगली के पोर से चेहरे पर मलने से चेहरे का रंग निखर आता है।


कच्चे दूध में नींबू का रस चुटकी भर नमक मिलाकर रुई की सहायता से चेहरे पर मलने से चेहरे पर चमक आती है ।

पेशाब में जलन के घरेलू उपाय


कुछ लोग पेशाब के जलन की शिकायत से परेशान रहते हैं अर्थात् पेशाब करते समय अंग में तीव्र वेदना उभरती है।


फूल गोभी की रोटियां बनाकर खायें।


जौ का सत्तू 100 ग्राम पानी में घोलकर पियें वेदना शान्त हो जायेगी।


जौ का सत्तू 100 ग्राम पानी में घोलकर पियें वेदना शान्त हो जायेगी।


भिंडी की सब्जी का अधिक मात्रा में सेवन करें।


मूली का रस, नींबू, काली मिर्च और काला नमक मिलाकर प्रातः काल सेवन करें।


हरड़, बहेड़, ऑवला बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और खसखस के शर्बत में मिलाकर रोगी को दस दिन तक दे ।


हरड़, बहेड़, ऑवला बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और खसखस के शर्बत में मिलाकर रोगी को दस दिन तक दे ।

गंजापन का इलाज


गंजापन बालों का रोग है। इसमें रोगी के बाल अधिक संख्या में झड़ जाते हैं।


हरे धनिये को पीसकर रस निकाल ले और उस रस से सिर में नियमित रुप से मालिश करें। बालों का झड़ना रुक जायेगा |


पके व सूखे ऑवले का चूर्ण नारियल और चमेली के तेल में मिलायें फिर उस तेल से सिर को रगड़ कर धोंए। गंजेपन की शिकायत निश्चित रूप से दूर हो जायेगी।


नींबू के रस में बड़ (बरगद) की जटा पीसकर मिलायें और उससे बालों को धोकर नारियल का तेल लगायें। बालों का झड़ना रुक जायेगा।


अनार के दानों, पत्तों और छिलकों को पीसकर लुगदी तैयार करके और सरसों के तेल में पकाकर छान लें तथा शीशी में भरकर रख दें। दिन में दो-तीन बार लगायें।

बाल काला करने का तरीका


बाल काले करने का बाजारु दवाईया न लगाकर स्वयं का देसी जड़ी बूटियों से तैयार किया हुआ औषधि का प्रयोग करें।

पीसे हुए ऑवले का चूर्ण पानी में घोल लें और नींबू का रस मिलायें तत्पश्चात् वालों को धोए। ऐसा प्रतिदिन करने से आपके बाल प्राकृतिक रूप से काले होने लगेंगे।

ऑवलों को पानी में भिगो लें। प्रातः काल उन आवलों को उसी पानी में मसलकर छान लें और बालों को धोए। बाल काले और मुलायम हो जाएगे |

एक किलो देसी घी, 250 ग्राम मुलहठी, एक किलो ऑवले का रस मिलाकर हल्की ऑच पर पकाये। जब पानी सूख जाये और घी बच जाये तो उसे छानकर किसी शीशे के मर्तबान में भर लें इस मिश्रण को बालों में लगायें। आपके बाल कुदरती काले हो जायेंगे।

खसरा का उपचार


यह रोग बच्चों को प्रायः होता है

100 ग्राम नारियल के तेल में 20 ग्राम कपूर पीसकर मिलायें और शरीर पर मलें इससे खसरा ठीक हो जायेगा।

ब्राह्मी के रस में शहद मिलाकर पिलायें।

ऑवला, धनिया, नागर मोथा, खस, गुरुच बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण तैयार करें और एक चम्मच चूर्ण दो गिलास पानी में उबालें। एक गिलास पानी शेष वचने पर उतार लें और आधा-आधा चम्मच रोगी को दें।

ऑवले को पीसकर खसरे पर लेप करें।

कान का बहना का इलाज


12 ग्राम सरसों का तेल 6 ग्राम बोरिक एसिड में मिलायें। यदि कान से पीप या मवाद आती है और दर्द होता है तो दिन में दो बूँद कान में डालें। यह क्रिया कम से कम 10 या 15 दिन तक करें। कान की शिकायत दूर हो जायेगी।

मुंह में छाले के उपाय


50 ग्राम देसी घी को आग पर गर्म करो और 5 ग्राम कपूर मिलाकर घी को आग से उतारकर ठंडा करके मुंह में लगायें। छाले ठीक हो जायेंगे।

ग्लिसरीन से मुँह के छाले ठीक हो जाते हैं।

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