Internet – इंटरनेट
क्या आपने कभी सोचा है की हम हर समय जिस इंटरनेट का उपयोग करते है | वो आखिर काम कैसे करता है ?
Internet पूरी दुनिया मे फैला एक दूसरे से जुड़े कम्प्यूटरों का एक बहुत बड़ा जाल है | ये एक ऐसा चेन (Network) है, जिसमे इतने सारे कम्प्यूटर जुड़े हुए है, जिसकी गिनता करना असंभव है | ये Network
एक दूसरे से हमेशा जुड़े हुए रहते है | सामान्य भाषा मे कहे तो इंटरनेट पूरी दुनिया को जोड़ने वाला ऐसा Network
है, जो जानकारी को अलग–अलग जगह से लेकर पूरी दुनिया मे भेजता है |
जब पूरी दुनिया के कम्प्यूटर आपस जुड़कर एक Network बनाते है, तो उसे Global
Network या World
Wide Network भी कहा जाता है |
इस Network से जूडे हुए हर एक कम्प्यूटर की अलग–अलग पहचान होती है, इस पहचान को ही IP
Address कहा जाता है |
इंटरनेट पूरी दुनिया मे कम्प्यूटर के आपस मे जुडने से बना हुआ एक जाल है | इसे आपस मे जोडने का काम Fiber
Optical Cable (Submarine Cable) के माध्यम से किया जाता है और ये केबल एक इंसान के बाल के बराबर होते है | इनमे Data
के आने और जाने दोनों की सुविधा होती है | हर एक केबल मे लगभग १०० GBPS
की रफ्तार होती है | ये काफी रफ्तार से जानकारी (Data) को भेजने मे सक्षम होता है |
हम जो भी जानकारी जैसे की Video,
Mail, Photo, Songs आदि जिस कम्प्यूटर मे रखा होता है, इसके माध्यम से हमे उस कम्प्यूटर तक जोड़ता है और ये
Data हमे आसानी से उपलब्ध हो जाती है | ये कम्प्यूटर हमेशा २४ घंटे ७ दिन कार्य करता रहता है और इसे Server
कहा जाता है |
इस Fiber
Optical Cable को महासागर के अंदर बिछाया गया है, जो एक देश से दूसरे देश को जोड़ता है और Data
को भेजने मे कोई परेशानी नही होती है | इसी तरह ये पूरी दुनिया मे इंटरनेट की सुविधा बनती है | इसके इस जाल को देखने के लिए Website
www.submarinecablemap.com उपलब्ध है | इस Website
मे आप यह देख सकते है की किस देश मे कितनी केबल है और वह किस–किस माध्यम से आ रही है |
इंटरनेट के लिए Satellite
का योगदान बिल्कुल कम है | इसका अधिकतर भाग पूरी दुनिया मे महासागर के अंदर बिछे हुए केबल ही वजह से ही है |
“यू॰एस॰ डिपार्टमेन्ट आफ डीफेन्स” ने एक प्रोजेक्ट के द्वारा इंटरनेट की बुनियाद रखी, जहा दो कम्प्यूटर को आपस मे Data
Transfer के लिए जोड़ा गया था | इस प्रोजेक्ट को Robert
E.Kahn और Vint
Cert ने १९६९ मे पूरा किया था | हम ये कह भी सकते है की इंटरनेट के जनक Robert
E.Kahn और Vint
Cert ही थे और इसका जन्म १९६९ को हुआ था |
इंटरनेट हम तक 3 कंपनियो के माध्यम से आता है | ये है Tier
1 कंपनी, Tier 2 कंपनी और Tier
3 कंपनी |
Tier 1 कंपनी वह कंपनी होती है जो समुद्र के अंदर एक देश को जोड़ने के लिए अपनी केबल बिछाकर रखी है | इंडिया मे Tata
Communications इस श्रेणी की कंपनी है |
Tier 2 कंपनी वह कंपनी होती है जो Tier
1 कंपनियो
से इस सुविधा को per GB के हिसाब से खरीदकर आपके देश और
राज्य के अंदर तक उसे पहुचती है | वह Tier
1 कंपनीयो
से ये सुविधा लेकर आपके अपने शहर तब केबल व टावर लगाकर इंटरनेट आपको उपलब्ध करती
है | इस श्रेणी मे Airtel, BSNL, JIO आदि कंपनिया आती है |
Tier 3 कंपनी वह कंपनी होती
जो बहुत ज्यादा छोटी और Local
Level पर जो Tier 2 कंपनियो
इसे खरीदकर हम तक पहुचती है | इस श्रेणी मे Tikona,
Hathway, Foxtel, PintWire आदि कंपनिया आती है |