धान के छिलको से तेल का महत्तव
तलने के लिए धान की भूसी के तेल जिसे धान के छिलको से बना तेल या राइस ब्रान ऑयल(Rice Bran Oil) भी कहा जाता है, का प्रयोग कोई नया नहीं है। चीन व जापान जैसे एशियाई देशों में इसका इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है । हालाँकि सेहत के लिए लाभदायक इसके वैज्ञानिक पहलुओं का खुलासा भी हुआ है ।
सदियों से भारत में स्नैक्स को स्वाद के आधार पर ही पसंद किया जाता है, किंतु पसंद करते समय सेहत का ध्यान नहीं रखा जाता। अब कई बड़ी कंपनियाँ स्मार्ट स्नैकिंग के विकल्प पेश कर रही हैं जो न केवल स्वास्थ्यप्रद हैं बल्कि किफायती भी हैं। इनके निर्माण में धान के छिलकों से (राइसब्रान ऑइल) निकला तेल का प्रयोग किया जा रहा है। इससे स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जा रहा है। आज लोग समझदारी से निरंतर अपनी जीवनशैली में विवेकतापूर्ण बदलाव कर रहे हैं। उनकी जरूरतों के मद्देनजर कंपनियों ने उत्पादों की रेंज को स्वास्थ्यकर बनाया है ताकि उपभोक्ता स्नैक स्मार्ट बनने को प्रोत्साहित हों।
धान के छिलकों के तेल (धान की भूसी के तेल) से बने उत्पादों में सैचुरेटिड फैट्स को 40 प्रतिशत तक कम कर लिया जाता है।
धान के छिलकों के तेल या राईस ब्रान आयल में क्या है?
2005 में अमेरिकन जरनल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में मलिन एम. मोस्ट व स्चर्ड टली द्वारा किया गया एक अध्ययन प्रकाशित हुआ, जिसमे बताया गया कि धान के छिलकों के तेल वयस्को में कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। नियंत्रित खुराक के साथ धान के तेल में बने खाद्य पदार्थों के सेवन से कुल कॉलेस्ट्रॉल का स्तर खासतौर पर कम होता है। हानिकारक एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल 7 प्रतिशत तक घट जाता है, जबकि एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल में कोई परिवर्तन नहीं होता।
स्नैकिंग से भोजन के अंतराल में ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिससे दिन बढ़ने के साथ साथ ऊर्जा की कमी नहीं होती। स्नैकिंग से ज्यादा खाने से भी बचाव होता है। क्योंकि ज्यादा खाने से ही मोटापा व ज्यादा वजन की समस्याएँ पेश आती हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को सबसे अधिक चिंता यह सताती है, कि स्नैक्स को सैचुरेटिड फैट व ट्रांस फैट युक्त तेल में तला जाता है। इस प्रकार की वसा रक्त मे कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है जो कि दिल के रोगों का सबसे बड़ा कारण है। यदि आप २० से ३० के आयुवर्ग में है और तनाव भरे माहौल में काम कर रहे है साथ ही अवास्थ्कर तेल में बने स्नैक्स खाने के शौकीन है तो आपको चौकन्ना होने की जरूरत है। क्योंकि आपके चटोरेपन खामियाजा दिल को भुगतना पड़ता है।
संक्षिप्त विवरण(Summary)[दिखाएँ]
धान की भूसी के तेल जिसे धान के छिलको से बना तेल या राइस ब्रान ऑयल भी कहा जाता है | चीन व जापान जैसे एशियाई देशों में इसका इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है ।
धान के छिलकों के तेल से बने उत्पादों में सैचुरेटिड फैट्स को 40 प्रतिशत तक कम कर लिया जाता है।
2005 में अमेरिकन जरनल ऑफ क्लीनिकल न्यूट्रीशन में बताया गया कि धान के छिलकों तेल वयस्को में कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। नियंत्रित खुराक के साथ धान के तेल में बने खाद्य पदार्थों के सेवन से कुल कॉलेस्ट्रॉल का स्तर खासतौर पर कम होता है। हानिकारक एलडीएल कॉलेस्ट्रॉल 7 प्रतिशत तक घट जाता है, जबकि एचडीएल कॉलेस्ट्रॉल में कोई परिवर्तन नहीं होता।
ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिससे ऊर्जा की कमी नहीं होती। स्नैकिंग से ज्यादा खाने से भी बचाव होता है। क्योंकि ज्यादा खाने से ही मोटापा व ज्यादा वजन की समस्याएँ पेश आती हैं।
इसमें एंटीऑक्सोटेट बहुतायत में मौजूद होते है, जैसे-टोकोफेरोल, ओरिजानोल और टेकोट्रीनोल |
ओरिजानोल अच्छे कलिस्ट्रॉल को घटाए बगैर हानिकारक कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। टोकोट्रीनोल कुदरत में मौजूद एक शक्तिशाली विटामिन ई जिसके बारे में कहा जाता है की यह कैसररोधी प्रभाव डालता है। इस तेल में फाइटोस्टेरोल्स भी होता है जिसके बारे में विश्वास है की यह कॉलेस्ट्रॉल, के अवशोषण को कम करता है।
यह तेल धान की अंदरुनी भूसी से निकाला जाता है।
सवाल उठता है की वह क्या चीज है जो धान के तेल को बाकी तेलो से ज्यादा स्वास्थ्यकर बनाता है ? सबसे पहली व खासा बात इसमें एंटीऑक्सोटेट बहुतायत में मौजूद होते है, जैसे-टोकोफेरोल, ओरिजानोल और टेकोट्रीनोल | दुनिया भर में किए गए गहन शोधो से यह बात साबित हुई है की ओरिजानोल अच्छे कलिस्ट्रॉल को घटाए बगैर हानिकारक कॉलेस्ट्रॉल को कम करता है। टोकोट्रीनोल कुदरत में मौजूद एक शक्तिशाली विटामिन ई जिसके बारे में कहा जाता है की यह कैसररोधी प्रभाव डालता है। इस तेल में फाइटोस्टेरोल्स भी होता है जिसके बारे में विश्वास है की यह कॉलेस्ट्रॉल, के अवशोषण को कम करता है।
धान की भूसी तेल को जैतून के तेल का भारतीय संस्करण कहा जाता है। जैतून के तेल को कम ट्रांसफेट वाला स्वास्थ्यकर तेल कहा जाता है। इसमें लगभग सभी जरूरी फैटी एसिड और नॉन-फैटी एसिड अवयव होते है जिनके सेहत पर लाभदायक प्रभाव होते है।
धान के छिलकों से बने तेल में फ्री रैडिकल्स से लड़कर बढ़ती उम्र के असर को कम करने की ताकत होती है। यह काबिले गौर है कि फ्री रैडिकल्स वे रसायन हैं जो उम्र बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट की वजह से धान का तेल अन्य तेलो के मुकाबले कहीं अधिक ऑक्सीकरण रोधी स्थिरता प्रदान करता है। इस वजह से स्नैक्स के दीर्घकालीन सेवन के लिए यह तेल एक आदर्श विकल्प है क्योंकि इससे बने स्नैक्स में लंबे समय तक पौष्टिकता बनी रहती है। यानी यदि आप आज एक पैकेट खोलते हैं तो दो दिनों के बाद भी उसके स्वाद एवं पौष्टिकता में कोई कमी नहीं आती है।
धान के छिलकों के तेल या धान की भूसी के तेल मे अन्य तेलों के मुकाबले फायदे क्या हैं?
- धान की भूसी से बने तेल से तैयार किए गए किसी भी स्नैक्स से ताजेपन की सुगंध आती है, धान की भूसी का तेल अधिक पारदर्शी और शुद्ध है।
- धान की भूसी से बने तेल का स्मोकिंग पाइंट अन्य तेलों के मुकाबले अधिक होता है। इसलिए जिन पदार्थों को तलने के लिए ज्यादा ताप चाहिए उनके लिए यह बिलकुल ठीक हैं।
- डीप फ्राई करने के बाद भी यह तेल तले हुए खादय पदार्थ को आदर्श रंगत और कम चिपचिपा बना देता है।
FAQ`s
Questation : क्या राइसब्रान ऑयल से नुकसान हो सकता है?
Answer : जी हाँ ! वैसे तो राइसब्रान ऑयल के कुछ खाश नुकसान नही है मगर बहुत अधिक मात्रा मे सेवन करने पर नुकसान हो सकता है | इसके साथ ही साथ वे लोग जिन्हे गैस या एसिडिटी की शिकायत होती है उन्हे इसका सेवन नही करना चाहिए, गैस या एसिडिट के मरीजो मे ये कब्ज का कारण बन सकता है |
Questation : क्या ऑलिव ऑयल के मुकाबले राइस ब्रान ऑयल बेहतर है?
Answer : राइस ब्रान ऑयल मे ऑलिव ऑयल के मुकाबले सैचुरेटिड फैट्स को 40 प्रतिशत तक कम कर लिया जाता है। इसके साथ ही साथ राइस ब्रान ऑयल मे एंटीऑक्सोटेट बहुतायत में मौजूद होते है, जैसे-टोकोफेरोल, ओरिजानोल और टेकोट्रीनोल | इसमे बहुतायत मात्रा मे विटामिन ई भी पाया जाता है जो कैसररोधी प्रभाव डालता है।
Questation : क्या राइस ब्रान ऑयल मोटे लोगों को खाना चाहिए?
Answer : स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों को सबसे अधिक चिंता यह सताती है, कि स्नैक्स को सैचुरेटिड फैट व ट्रांस फैट युक्त तेल में तला जाता है। इस प्रकार की वसा रक्त मे कॉलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाती है जो कि दिल के रोगों का सबसे बड़ा कारण है। मगर राइस ब्रान ऑयल से बने स्नैक्स खाने से ऊर्जा का स्तर बना रहता है जिससे दिन बढ़ने के साथ साथ ऊर्जा की कमी नहीं होती। स्नैकिंग से ज्यादा खाने से भी बचाव होता है। क्योंकि ज्यादा खाने से ही मोटापा व ज्यादा वजन की समस्याएँ पेश आती हैं।
Questation : राइस ब्रान ऑयल या चावल का तेल कैसे निकाला जाता है?
Answer : राइस ब्रान ऑयल या चावल का तेल निकालने की प्रक्रिया को सोलवेंट प्रोसेस कहा जाता है | इस प्रक्रिया मे चावल के ऊपर के छिलके अर्थात भूसी को दबाया जाता है, और इस दबाव के कारण इसमे से तेल निकलता है |