कामाख्या मंत्र सिद्धि | कमलाख्य यंत्र | Kamakhya Yantra | Kamakhya Yantra Benefits | Kamakhya Yantra Benefits in Hindi

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कामाख्या मंत्र सिद्धि | कमलाख्य यंत्र | Kamakhya Yantra | Kamakhya Yantra Benefits | Kamakhya Yantra Benefits in Hindi

कामाख्या मंत्र सिद्धि | कमलाख्य यंत्र


यह भगवान् शंकर द्वारा वर्णित वह अद्भुत यन्त्र है जिसके प्रयोग करने से दुर्भाग्य का विनाश होकर सौभाग्य का उदय होता है । यन्त्र के प्रताप से वन्ध्या स्त्री भी पुत्र-प्रसविनी होती है । इसके समान सौभाग्यवर्धक दूसरा कोई यन्त्र नहीं है । इसके निर्माण की विधि यह है

गोरोचन से भोजपत्र पर यन्त्र बना गन्ध, पुष्प, ताम्बूल आदि से तीन दिन पूजन कर ‘हे लोकेश प्रीयताम्’ उच्चारण करता हुआ एक दम्पति को भोजन करा यन्त्र को कच्चे डोरे से लपेट त्रिलोह में बन्द कर कंठ या बाहु में धारण करना चाहिये ।

प्रियजन आकर्षण यंत्र


कभी-कभी दूरदेशीय प्रियजनों का वियोग अति कष्टप्रद प्रतीत होने लगता है, किन्तु बुलाने अथवा देखने का कोई सुगम उपाय नहीं होता या कोई प्रियजन किसी बात पर रुष्ट होकर विदेशगामी हो जाता है तो उस समय आप इस उपरोक्त यन्त्र का प्रयोग करें । इसके प्रभाव से दूरदेशीय वह प्राणी आकर्षित होकर आपसे मिलने के लिये स्वयं आपके समक्ष उपस्थित होगा । इस यन्त्र के निर्माण की विधि यह है

भोजपत्र पर गोरोचन, कुंकुम, लाल चन्दन से उक्त यन्त्र बनाकर श्रद्धा-भक्तिपूर्वक गन्ध, पुष्प इत्यादि से पूजन कर लाल डोरे में बाँधे तथा अपने शरीर की मैल से जिस व्यक्ति को आकर्षित करना हो उसकी मूर्ति बनावे तथा यन्त्र को मूर्ति के हृदय में रख खदिर की अग्नि जला त्रिकाल संध्या में तीन दिन तक उस मूर्ति को अग्नि के बीच में रख कर इस मन्त्र ‘ॐ देवदत्तं वेगेन आकर्षय-आकर्षय मणिभद्र स्वाहा’ का निरन्तर जप करे तो इच्छित प्राणी शीघ्र ही आकर्षित होकर साधक के पास पहुँच जाता है ।

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मित्राकर्षण यंत्र


यदा-कदा देखने में आता है कि किसी का अत्यन्त घनिष्ठ हितैषी मित्र उससे विलग हो जाता है और तब मनुष्य को उसकी याद व्याकुल कर देती है । उस निमित्त आप प्रस्तुत इस यन्त्र को लालचन्दन तथा अपना रक्त मिला भोजपत्र पर लिख तीन दिन तक गन्ध, पुष्पादि से विधिपूर्वक पूजन करने से आपका मनोरथ अवश्य पूर्ण होगा ।

कामिनी आकर्षण यंत्र


यदि आपका मन किसी रूपवती तरुणी के मोहक सौन्दर्य पर मुग्ध हो चुका है किन्तु वह रूपवती बाला अनेक प्रयत्न करने पर भी आपकी ओर आकर्षित नहीं होती तो आप प्रस्तुत यन्त्र को अपने दायें हाथ की अनामिका उँगली के रक्त से बाँयें हाथ की हथेली पर बनाकर विधिपूर्वक पुष्प इत्यादि से पूजन करें तो वह रूपबाला यन्त्र के प्रभाव से इस प्रकार आकर्षित होकर चली आयेगी, जैसे उँगली के इशारे पर पतंग खिंची चली आती है।

त्रिपुरा आकर्षण यंत्र


कदाचित् आपका सगा-सम्बन्धी या मित्र आदि किसी कारणवश आपसे रुष्ट होकर किसी अज्ञात स्थान पर जा बसे और आप उसके दर्शन के बिना ब्याकुल हों किन्तु उपाय शेष न रहे तो इस यन्त्र को गोरोचन के जल के साथ पीस भोजपत्र पर यन्त्र बना गन्ध, पुष्प आदि से सात दिवस तक विधिपूर्वक पूजन करें और यन्त्र द्वारा त्रिपुरा देवी से प्रार्थना करें तो सात दिन में आपकी अभिलाषा अवश्य पूरी होगी ।

अद्भुत कामिनी आकर्षण यंत्र


कदाचित् आपका हृदय किसी रूपबाला के सौन्दर्य पर मोहित हो जाय और आप उसे प्राणों से भी अधिक प्यार करने लगे हैं किन्तु वह रूप-गर्विता आपके अनेक प्रयत्न करने पर भी आपकी ओर नाममांत्र को भी आकर्षित नहीं होती है तो आप निम्न यन्त्र को हल्दी, मंजीठ एवं लाख का रस-तीनों का मिश्रण करके भोजपत्र पर यन्त्र बनावें और उस कामिनी के पैरों की धूल लाकर उसकी आकृति बना उसकी योनि में यन्त्र स्थापित करने से वह कामिनी आपकी ओर आकर्षित होकर आपकी मनोकामना अवश्य पूरा करेगी ।

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