कामिनी मनमोहन मंत्र | कामिनी मोहिनी मंत्र | कामिनी मन मोहिनी सुलेमानी मंत्र | Kamini Mohini Vashikaran Mantra | Kamini Mohini Mantra
अल्लाह बीच हथेली के मुहम्मद बीच कपार । उसका नाक मोहनी जगत् मोहे संसार । मोह करे जो मोर मार उसे मेरे बायें पोत वार डार । जो न माने मुहम्मद पैगम्बर की आन । उस पर मुहम्मद मेरा रसूलिल्लाह ।
यह मन्त्र इस्लामी है । इसको शनिवार से प्रारम्भ कर अगले शनिवार तक नित्य धूप-दीप, लोहबान सुलगा कर एक बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तब स्त्री के पैरों तले की मिट्टी उठाकर सात बार मंत्र पढ़ जिस स्त्री के शीश पर डाले वह मोहित हो जावे ।
ॐ नमो आदेश श्री गुरु को यह गुड़ राती यह गुड़ माती यह गुड़ आवे पड़ती । जो माँगू वही पाऊँ सोवत तिरियाको जगाय लाऊँ । चल अगियाबैताल अमुक हृदय पैठ घलावै चाल निशि लो चैन न दिन को सुख, घूम फिर ताके मेरा मुख । जब मकड़ा मकड़ से टले तो माथ फार दो टूक हो पड़े । माला कलवा काली एक कलवा सोइ धाय चाटे मेरा तलवा आँख के पान कवारी इसे धन और यौवन सो खरी पियारी रेन रंग गुड़ में लसे शीघ्र ‘अमुको’ आवे फलाना पास हनुमन्त जी की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
इस मंत्र को शनिवार से प्रारम्भ करके दूसरे शनिवार तक नित्य इक्कीस बार मंत्र जाप, विधिवत् हनुमान जी की पूजा करे तो यह सिद्ध हो जावे और जब प्रयोग करना हो तो थोड़े से गुड़ में अपनी अनामिका उँगली का रक्त मिला २१ बार मंत्र पढ़ वह गुड़ जिस स्त्री, पुरुष को खिला दे वह तन-मन से मोहित हो जाय ।