...

लॉक नेस झील | रहस्यमय लॉक नेस की कहानी | Loch Ness Monster

लॉक नेस झील | रहस्यमय लॉक नेस की कहानी | Loch Ness Monster

स्कॉटलैंड की लॉक नेस नामक झील (Loch Ness) के जल-दैत्य को देखने की हजारों घटनाएं दर्ज हैं ।

इन सभी दर्ज घटनाओं के आधार पर लॉक नेस दैत्य के १२ से १८ मीटर लंबे, चार छोटे पैर या पंजे, सर्पनुमा सिर होने का आभास होता है । ये विवरण आज से करीब ७० लाख वर्ष पूर्व लुप्त हुए प्लीसिओसॉरिया (Plesiosaur) (डायनोसोर परिवार का एक सदस्य) से पूर्ण मेल खाता है ।

इस बारे में छानबीन करने पर पता चलता है कि यह दैत्य, जिसे लॉक नेस दैत्य कहा जाता है, के विवरण छठी शताब्दी में दर्ज की गई घटनाओं में भी है । तब के रिकॉर्ड्स में इसे “जाना पहचाना दैत्य” और “अड़ोस-पड़ोस के भय का कारण” के रूप में दर्ज किया गया है ।

कहा जाता है कि सेंट कोलोम्बा ने एक तैराक को इस दैत्य द्वारा खाए जाने से रोका था । एक और कहानी के अनुसार, ‘नैती’ (दैत्य को इस उपनाम से भी पुकारा जाता है) ने दो बच्चों को पानी के अंदर धकेल दिया था । यह घटना झील के हिस्से में हुई, जो आज “चिल्ड्रंस पूल” के नाम से जानी जाती है । पिछले सौ सालों में हजारों लोगों ने इस रहस्यमयी दैत्य “नैती” को देखने की घटनाएं दर्ज करवाई हैं । अपनी दर्ज घटनाओं में लोगों ने “नैती” को पानी की सतह पर तैरता हुआ देखना बताया है ।

बीसवीं शताब्दी में भी अनेक लोगों ने झील में दैत्य को देखने की रिपोर्ट लिखवाई हैं । इन बढ़ती घटनाओं से प्रेरित होकर “ब्लैक एण्ड व्हाइट व्हिस्की कम्पनी” ने “नैती” के अस्तित्व को साबित करने वाले को २५ लाख अमेरिकी डॉलर पुरस्कार स्वरूप देने की घोषणा की ।

इस घोषणा से प्रेरित हो अनेक सर्वे टीमों ने झील को छान डाला । सन् १९६७ में एक स्थानीय राजनेता को अपना पद महज इसलिए छोड़ना पड़ा, क्योंकि उन्होंने ‘नैती’ को देखने का दावा किया था ।

उनका कसूर सिर्फ इतना था कि घटना दर्ज करवाते समय वे उस सभा के चेयरमैन थे, जिसके अंतर्गत ‘नैती’ के अस्तित्व पर वाद-विवाद होना था । लॉक नेस झील के पास ही स्थित होटल मालिक जॉनी मॅकडोनाल्ड का उदाहरण बड़ा ही अनोखा है ।

वे इस कथित दैत्य के अस्तित्व पर संदेह रखते थे । फिर एक दिन वे बड़े जोर-जोर से इसके एक-एक कल्पना एवं किस्सा को बता रहे थे कि अचानक वे उस समय सकते में आ गए, जब दैत्य ने अपना सिर झील में से बाहर निकाला और बड़े मजे से होटल के पास से तैरता हुआ निकल गया ।

‘नैती’ को पानी में तैरते हुए कई फोटोग्राफरों ने अपने कैमरे में कैद किया है । उसकी पानी में तैरने की गति को कई बार घड़ियों से नापा भी गया है, जो करीब ४८ से ६४ कि.मी. प्रति घंटा बैठती है । ‘नैती’ का इस गति से तैरने की वजह से झील में बड़ी जोरदार हलचल होती है, जो किनारों तक बड़ी भयंकर लहरों के रूप में प्रकट होती है । ‘नैती’ के खींचे गए अनगिनत चित्रों में से सबसे विचित्र वह चित्र है, जिसमें पानी के अंदर एक सिर जैसा नजर आता है, जो सींगदार है और बड़ा डरावना दिखता है ।

इस विचित्र दैत्य ‘नैती’ को खोजने के लिए समय-समय पर झील की सतह पर छानबीन की गई है । झील की गहराई और गंदे पानी की वजह से अंदर उतर कर काम करना असंभव है, परंतु विद्युत उपकरणों (इलेक्ट्रोनिक डिटेक्टर्स) द्वारा यह स्पष्ट होता है कि नीचे पानी में कोई ८ से १२ मीटर लंबी आकृति जरूर है, जो सतह से करीब १२ मीटर नीचे तैर रही है ।

परंतु ‘नैती’ ने अभी तक सीधे तौर पर किसी पर हमला नहीं किया है । सन् १९५२ में जॉन कॉव अपनी स्पीड बोट द्वारा झील पर बड़ी तीव्र गति से नौकायन कर रहा था कि अचानक उसकी स्पीड बोट बड़ी-बड़ी लहरों के थपेड़ों से लड़खड़ाने लगी और अंततः रुक गई । माना जाता है कि शांत झील में उत्पन्न लहरें, झील के कथित दैत्य द्वारा विस्मित एवं स्पीड बोट से डरकर डुबकी लगाने का परिणाम थीं ।

इसी तरह की एक और हैरत अंगेज घटना उस समय घटी, जब झील के एक लोकेशन पर फिल्म की शूटिंग हो रही थी । यह फिल्म इस रहस्यमय दैत्य ‘नैती’ को केंद्रीय पात्र रखकर बन रही थी । फिल्म के लिए ‘नैती’ की आकृति से मिलता-जुलता एक दैत्य का मॉडल प्रयुक्त हो रहा था । इस भारी-भरकम दैत्य (मॉडल) को एक मजबूत रस्सी द्वारा नियंत्रित किया जाता था । एक दिन शूटिंग के समय किसी चीज ने (‘नैती’ या कोई और ? ) मॉडल को संचालित करने वाली रस्सी को खींच लिया और मॉडल को झील के तल में खींच ले गया । इसके बाद उक्त ‘नैती’ मॉडल फिर दोबारा कभी नहीं दिखा । ये क्यों, कैसे और किसके द्वारा हुआ ? यह आज भी एक रहस्य बना हुआ है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Seraphinite AcceleratorOptimized by Seraphinite Accelerator
Turns on site high speed to be attractive for people and search engines.