मकर संक्रांति २०२२ | Makar Sankranti 2022

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मकर संक्रांति २०२२ | Makar Sankranti 2022

मकर
संक्रांति
 में मकर’ शब्द मकर राशि को इंगित
करता है जबकि
 संक्रांति’ का अर्थ संक्रमण अर्थात
प्रवेश करना है।
 मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण हो
जाता है अर्थात सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है
जिससे दिन की लंबाई बढ़नी
और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है
 |

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नई फल और नई ऋतु के
आगमन के लिए मनाया जाता है। मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही
महत्व हैं। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के
घर जाते हैं। सूर्यदेव इस दिन मकर राशि में जाते है। शनिदेव को मकर और कुंभ राशि
का स्वामी माना जाता है। इस कारण से यह दिन पिता और पुत्र के मिलन
 को दर्शाता है।

      

शुक्रवार १४ जनवरी २०२२ पौष शुक्ल पक्ष को सूर्य मकर राशि मे रात्रि ८ बजकर ५९ मिनट पर रोहिणी नक्षत्र एव वृष राशि पर मकर संक्रांति अर्की है |

 

संक्रांति वाहनादि

 

वाहन -बाघ, उपवाहन – घोड़ावस्त्र – पीलाशस्त्र – गदापात्र – रूपाभक्ष्य – खीरलेपन – कुमकुमजाति – नागपुष्प – चमेलीआभूषण – मोतीऔर अवस्था – कुमारी कन्या है। 


इसके
अनुसार अनाज मूल्य मे गिरावट रहेंगे
 | पशु पालक और इससे सम्बंधित उत्पापादको आदि के लिए शुभ रहेगा | ब्राम्हण और बुद्धिजीवीयो के लिए सुखकारी रहेगा |
             

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