मरने के बाद की मुलाकात | Meeting After Death

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मरने के बाद की मुलाकात | Meeting After Death

बात उन दिनों की है, जब प्रथम विश्वयुद्ध समाप्त हुए कुछ ही दिन बीते थे । हैरोल्ड उस समय ओवेन एच.एम.एस. आस्ट्रिया नामक युद्धपोत पर एक अफसर थे । पोत उस समय टेबुल की खाड़ी पर लंगर डाले खड़ा था । युद्ध की समाप्ति की खुशी में जहाज के कप्तान ने एक भोज का आयोजन किया तथा उसमें सभी अफसरों को निमंत्रित किया,किन्तु ओवेन प्रसन्न नहीं लग रहे थे । उन्हें एक विचित्र प्रकार का अवसाद घेरे हुआ था ।

न जाने क्यों ? उनके दिमाग में बार-बार एक ही विचार आ रहा था कि क्या उनका भाई इस लड़ाई में जीवित बच सका है । जल्दी ही पोत ने कैमरून के लिए प्रस्थान कर दिया । वहां जाकर ओवेन बीमार पड़ गए । इसी अवस्था जिसका उल्लेख उन्होंने अपनी रचना- जर्नी फ्राम आब्सक्यूरिटी में किया है । वे लिखते हैं कि उन्हें एक विलक्षण अनुभूति हुई हैं – एक दिन चिट्ठी लिखने के विचार से वह अपने कक्ष में गए । दरवाजे के पर्दे को हटाकर ज्यों ही उन्होंने केबिन में कदम रखा, ये चौंक पड़े । सामने की कुर्सी पर उनका भाई विल्फ्रेड बैठा दिखाई पड़ा । उसे देखते ही एक विचित्र सिहरन समस्त शरीर में दौड़ गई । हाथ-पैर पस्त से हो गए । उन्होंने धीरे से पूछा कि वह किस प्रकार वहां आ गया ? बिल्फ्रेड ने उसका जवाब तो नहीं दिया, पर उसकी भंगिमा से यह स्पष्ट प्रकट हो रहा था कि वह चाह कर भी कोई चेष्टा नहीं कर पा रहा था तथा जड़वत् बना हुआ था । प्रश्न का उत्तर उसने मात्र एक बेजान मुस्कान से दिया । विल्फ्रेड को वहां पाकर ओवेन को खुशी भी हो रही थी तथा अचंभा भी |

उत्सुकतावश ओवेन ने एक बार फिर प्रश्न दोहराया, किन्तु इस बार भी वह मौन रहा । उत्तर स्वरूप एक फीकी हंसी हंस दी । ओवेन लिखते हैं कि उन्हें अपने भाई से बहुत प्यार था, अत: उसकी उपस्थिति उस समय सुखद प्रतीत हो रही थी । उन्होंने आगे फिर इस बात को जानने का प्रयास नहीं किया कि वह किस प्रकार केबिन में आ पहुंचा ? कुल मिलाकर उस क्षण उसे पाकर वे संतुष्ट थे ।उस समय विल्फ्रेड अपनी सैनिक ड्रेस में था । इसी के साथ उनकी आंखें कुछ पल के लिए कक्ष की सज्जा पर जा टिकीं । दृष्टि जब वापस मुड़ी, तो कुर्सी खाली थी । वहां विल्फ्रेड नहीं था । इसके साथ ही ओवेन को ऐसा महसूस हुआ, जैसे उनके हाथ-पांव अनवास ही सामान्य स्थिति में आ गए हों तथा यह भी आभास मिला, माना कोई बहुत बड़ी क्षति हुई हो ।

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वे अत्यधिक थकान महसूस करने लगे तथा सुस्ताने के लिए लेट गए । गहरी नींद के बाद जब जगे, तो उनका मन पूरी तरह आश्वस्त हो चुका था कि विल्फ्रेड अब इस दुनिया में नहीं रहा । कुछ दिनों के बाद सैनिक हेडक्वार्टर की ओर से इस बात की सूचना मिल गई ।

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