निधि दर्शन मंत्र | दृष्टि बांधने का मंत्र | महालक्ष्मी मंत्र | कड़ाही बांधने का मंत्र | nidhi darshan mantra | mahalaxmi mantra
निधि दर्शन मंत्र | Nidhi Darshan Mantra
ओम् नमो काला भैरो घुंघरा बाला हाथ खंग
फूलों की माला चौसठ योगिन संग में चाला देखो
खोलि नजर का ताला राजा परजा ध्यावे तोहि
सबकी दृष्टि बँधा दे मोहि मैं पूजौ तुमको नित ध्या
राजा परजा मेरे पाय लगाया भरी अथाई सुमिरौं
तोहिं तेरा किया सब कुछ होय देखूँ भैरो तेरे मन्त्र
की शक्ति चलै मन्त्र ईश्वरो वाचा शब्द साँचा
पिंड काचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
इस मन्त्र को रविवार की रात्रि को श्मशान में जा भैरो की पूजा कर १,००८ बार जाप करके सिद्धि कर लेवे और प्रयोग के अवसर पर एक चुटकी भस्म ११ बार मन्त्र पढ़ फूंक मारे तो सबकी दृष्टि बँध जाय और साधक का कार्य किसी को दिखाई न पड़ेगा ।
नट का तमाशा खराब करने का मंत्र | बाजीगर का काम खराब करने का मंत्र
ओम् क्रलमुल आमिया वादी हो अहबुल वीस्फ्रें स्फ्रें स्फ्रें ।
नरक चतुर्दशी को एक आघात में मुर्गा नामक पक्षी को मार उसके मुख में धान भर देवे और किसी सरिता के किनारे मिट्टी में गाड़ आवे और दूसरे दिन प्रातः उनको उखाड़ लावे (किन्तु ध्यान रहे, आते समय किसी की नजर न पड़ने पावे) और ऐसे स्थान पर बोवे जहाँ स्त्री की छाया ने पड़ती हो, कुछ दिनों बाद उसमें से जो धान निकले तब केवल हाथ द्वारा चावल निकाल कर अपने पास रख ले और निम्न प्रकार से प्रयोग में लावे –
(१) यदि किसी बाजीगर का खेल बिगाड़ना हो तो सात चावल ले २१ बार मन्त्र पढ़ बाजीगर पर छोड़ दे तो उसका खेल बिगड़ जावेगा ।
(२) यदि किसी नट का तमाशा खराब करना हो तो सात दाना चावल २१ बार मन्त्र पढ़कर मारे तो नट कलाबाजी में अवश्य ही चूक जाता है ।
(३) यदि सात दाना चावल को २१ बार मन्त्र पढ़कर जल या जिस वस्तु पर डाल दे तो उस पर कोई जादू नहीं चल सकता ।
अकेला दश काम देने वाला मंत्र
ओम् सार्पे सार्पे उनमूलितांगुलीय के आवेहि आवेहि कामिका दोहद वः वः ।
दीपावली के एक दिन पहले श्मशान में जाकर आदमी की खोपड़ी को उलटा कर उस पर सात बार मन्त्र पढ़ कर सात रेखा खींच कर चला आवे और दीपावली के दिन रात्रि में उसी स्थान पर जाय, नग्न होकर उसी खोपड़ी में जल भरे और चिता की लकड़ी जला खोपड़ी में उड़द और चावल की खिचड़ी बनावे और जब तक खिचड़ी पकती रहे आप खड़ा होकर मन्त्र पढ़ता रहे और पक जाने पर जल से धोकर हाथ में ले अपने घर को चल देवे और मार्ग में न किसी से बोले और न पीछे मुड़कर देखे और आवश्यकतानुसार निम्न प्रकार प्रयोग में लावे –
(१) रविवार के दिन जिसका नाम १०८ बार मन्त्र पढ़ उर्द, चावल फेंके तो उस व्यक्ति को गोली के जैसी चोट लगती है । यह मारण प्रयोग है ।
(२) जिस ओर से गोली, बाण या मूठ आती दृष्टि पड़े, सात दाना ले १०८ बार मन्त्र पढ़कर मारे तो वह वहीं रुक जाय ।
(३) शत्रु से घिर जाने पर सात दाना ले १०८ बार मन्त्र पढ़कर मारने शत्रु का वार निष्फल हो जाता है ।
(४) सात दाना २१ बार पढ़ सँपेरे की महुवर पर मारने से महुवर बन्द हो जाती है ।
(५) यदि कहीं बाजा बन्द करना हो तो सात दाना २१ बार मन्त्र पढ़कर मारने से बजते हुए बाजे बन्द हो जाते हैं ।
(६) जिस घर में चूहा अधिक हों सात दाना मन्त्र पढ़कर घर में फेंक दे तो एक भी चूहा घर में न रहे ।
(७) जहाँ मच्छर अधिक होवे वहाँ सात दाना मन्त्र पढ़कर मारने से मच्छर दूर हो जाते हैं ।
(८) यदि किसी शत्रु से बदला चुकाना हो तो सात दाना २१ बार मन्त्र पढ़ किसी प्रकार उसको खिला दे तो शत्रु पागल हो जाता है ।
(९) यदि किसी फले-फूले वृक्ष पर सात दाना मन्त्र पढ़कर मार दे तो वह अवश्य सूख जाता है ।
(१०) सात दाना मन्त्र पढ़कर खेत में मारने से खेत की फसल सूख जाती है ।
निधि दर्शन मंत्र
ओम् नमः श्रीं ह्रीं ह्रीं क्लीं सर्व्व निधि प्रखत नमो विच्चे स्वाहा |
रविवार के दिन काला मार उसकी जीभ निकाल ले, काली गाय के दूध में मिला दही जमावे, तत्पश्चात् उसका घी निकाल कर काजल बनावे तथा १०८ बार मन्त्र पढ़ काजल को आँख में लगाने से जमीन में गड़ा धन दिखाई देता है ।
ओम् नमो चिड़ा चिड़ाला चक्रवतींन मे सिद्धि कुरु कुरु स्वाहा ।
कौए को कृष्ण पक्ष में तीन दिन तक घी तथा मक्खन खिलावे तत्पश्चात् उसकी बीट रूई में लपेट कर जलावे और काजल बना ले । इस काजल को १०८ बार मन्त्र पढ़ कर आँखों में आँजने से जमीन में गड़ी हुई दौलत दिखाई देने लगती है ।
महालक्ष्मी मंत्र
श्री शुक्ले महा शुक्ले कमल दल निवासे श्री महा-
लक्ष्म्यै नमो नमः । लक्ष्मी माई सत्य की सवाई आवो
माई करो भलाई न करो सात समुद्र की दुहाई
ऋद्धि सिद्धि खावोगी तो नौनाथ चौरासी की दुहाई ।
दीपावली की रात्रि को एकान्त में पवित्रतापूर्वक बैठकर दस हजार बार मन्त्र का जाप कर ले और प्रतिदिन दुकान खोल गद्दी पर बैठ १०८ बार मन्त्र पढ़ व्यापार करे तो लक्ष्मी की वृद्धि होती है ।
कड़ाही बांधने का मंत्र
ओम् नमो जल बाँधू जलवाई बाधूं बाधूं कुवा
वाहीं नौ सौ गाँव का वीर बोलाऊँ बाँधे तेल
कड़ाही जती हनुमन्त की दुहाई शब्द सांचा पिंड
काचा फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा सत्य नाम आदेश
गुरु को ।
दीपावली की रात्रि को इसको १००८ बार जाप करके सिद्धि कर ले और जब प्रयोग करना हो तो रास्ते के सात कंकड़ ले करके एक कंकड़ को सात बार मन्त्र से अभिमन्त्रित कर कड़ाही पर मारे तो चाहे कितनी लकड़ी या कोयला जलावे कड़ाही गरम न होगी ।
मारण मंत्र
ओम् डं डां डिं डीं डुं डूं डें डैं डों डौं डं डः अमुक गृण्ह गृण्ह हुँ ठः ठः ।
इस मन्त्र को श्मशान पर सात रात्रि नित्य दस हजार बार जाप करे और जब किसी मनुष्य पर प्रयोग करना हो तो मनुष्य के हाड़ की कील बना १००० मन्त्र से अभिमन्त्रित कर प्रज्वलित चिता में गाड़ देवे तो शत्रु ज्वर से पीड़ित होकर मृत्यु को प्राप्त होता है ।
पुनश्च- उपरोक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित मानव हाड़ की कील जिस शत्रु के घर में गाड़ देवे वह सपरिवार मृत्यु को प्राप्त होता है।