हमारा दिमाग जो है कम्प्यूटर से भी तेज़ | Our Brain is Faster Than A Computer

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हमारा दिमाग जो है कम्प्यूटर से भी तेज़

दिमाग हम सबके सिर की मजबूत खोपड़ी के अंदर मौजूद होता है।
हमारा दिमाग शरीर में या शरीर के द्वारा होने वाले सभी कार्यों को कंट्रोल करता
है। इसके लिए यह शरीर के सारे अंगों को निर्देश देता है। उनकी प्रतिक्रिया पर तेजी
से कार्य करता है। दिमाग की विशेषताओं और इसकी कार्यशैली से जुड़ी कुछ रोचक बातें
हम तुम्हें यहां बता रहे हैं :


जब हम जगे होते हैं, तब हमारा दिमाग 10 से 23 वॉट बिजली पैदा करता
है।


इंसान का दिमाग कंप्यूटर से भी ज्यादा तेज प्रतिक्रिया करता
है। यही नहीं हमारे दिमाग की मेमोरी अनलिमटेड है।


मनुष्य के दिमाग में दर्द की कोई नस नहीं होती है।

      

हमारा दिमाग 75 प्रतिशत से ज्यादा पानी से बना होता है।


दिमाग पांच साल की उम्र तक 95 प्रतिशत बढ़ता है
और
18 साल की उम्र तक
पहुंचते-पहुंचते
100 प्रतिशत विकसित
हो जाता है।


हमारे शरीर के हर हिस्सों से सूचना अलग रफ्तार से और अलग
न्यूरॉन के द्वारा हमारे दिमाग तक पहुंचती है।


कई न्यूरॉन सूचना को 0.5 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से दिमाग तक पहुंचाते
हैं
, तो कुछ 120 मीटर प्रति सेकेंड
की गति से दिमाग तक पहुंचाते है।


हमारे दिमाग में न्यूरॉन की कुल संख्या लगभग 86 अरब होती
है।


टीवी और मोबाइल देखने की तुलना में पढ़ने और बोलने से
बच्चों का दिमागी विकास तेजी से होता है।


जब हम एक इंसान का चेहरा गौर से देखते हैं, तो हम अपने दिमाग
के दाएं भाग का उपयोग करते हैं।


हमारे दिमाग का दांया भाग शरीर के बाएं भाग को, जबकि दिमाग का
बांया भाग शरीर के दाएं भाग को कंट्रोल करता है।


हंसते समय हमारे दिमाग के करीब पांच हिस्से एक साथ कार्य
करते हैं।


दिमाग के आकार और वजन का दिमागी शक्ति से कोई संबंध नहीं होता
है।


दिमाग में एक लाख मील लंबी रक्त वाहिनियां होती हैं।


एक वयस्क इंसान के दिमाग का वजन लगभग 1500 ग्राम होता है।


इंसानी दिमाग के अंदर एक सेकेंड में 1 लाख रासायनिक
क्रियाएं होती हैं।


हमारे दिमाग के 60 प्रतिशत हिस्से में फैट होती है। इसलिए यह
शरीर का सबसे अधिक फैटी अंग है।


दिमाग का आकार पूरे शरीर का लगभग 2 प्रतिशत है।
लेकिन शरीर को मिलने वाले कुल ऑक्सीजन का
20 प्रतिशत ही खपत करता है।


रिसर्च से पता चला है कि पुरुष और महिला के दिमाग की बनावट
कुछ अलग होती है।


मनुष्य दिन की अपेक्षा रात को ज्यादा बढ़ते हैं। यह दिमाग
के एक छोटे से भाग पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण होता है
, जो रात को सोते
समय बढ़ने वाले हारमोंस छोड़ता है।
       

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