पथवारी माता की कथा – १ | Pathwari ki Kahani – 1

पथवारी की कहानी (मारवाड़ी मे)

Pathwari ki Kahani (In Marwari)

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एक डोकरी हो । घी तेल का फुव्वा रोज पंथवारी क चढाती । एक दिन पाडोसण आई, ढोकरी की बहु न पूच्छयो थारा सासूजी सीद गया? बा बोली घी तेल का फुव्वा पंथवारी क चढावण गया पाडोसण बोली इत्ता मूंगाडा म ६० रुपिया किलो घी २५ रूपिया किलो तेल रोज रोज चडायोडा पूरब कोनी बहू न शिक्षा लागगी । सासू दूज दिन बोली बीनणी घी तेल का फुव्वा दे । बहू बोली टावरां को घर ह रोज रोब पूरव कोनी ।

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