सूर्य भगवान की व्रत कथा – २ (मारवाड़ी मे) | Surajji kee kahaniya – २ (In Marwari)

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सूर्य भगवान की व्रत कथा

Surya Bhagwan Ki Katha

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एक दिन सूरज भगवान रेणा देवी न पूच्छयो म्हे थान क्यान लागु हूं रेणा दे जी बोल्या महाराज नमक जिशा लागो हो सुरज भगवान ने रीस आयगी कि रेणा देजी म्हन नमक ज्यान सस्तो बता दियो, सूरज भगवान बोलो झेल दीयो रेणादेजी मनम समझ लिया क सुरज भगवान न रीस आयगी एक दिन वा दीतवार नही हो तो भी रसोई अलुणी बना ली सूरज भगवान जीमण बेठया । रेणा देजी न पुछया आज रसोई अलूणी क्यान ह ? आज्ञ दीतवार तो कोनी ? रेणा देजी बोल्या कि महाराज म्ह थान वो दिन नमक जिशा बताय थान रीस आयगी देखो नमक बिना आदमी क कोनी चाल शक्कर बिना चाल जाव ई वास्त थे म्हन नमक जिशा प्यारा लागो। दोन्यू जणां आपस म बात करबा लागग्या । बेको भरम निकाल्या ज्यान सब को निकालीजो ।

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