उमा महेश्वर व्रत | उमा महेश्वर व्रत कथा | Uma Maheshwar Vrat 2023 | Uma Maheshwar Vrat katha

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उमा महेश्वर व्रत | उमा महेश्वर व्रत कथा | Uma Maheshwar Vrat 2023 | Uma Maheshwar Vrat katha

यह व्रत भाद्रपद पूर्णिमा को किया जाता है।

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उमा महेश्वर व्रत विधान


स्नान कर भगवान शंकर की प्रतिमा को स्नान कराकर बिल्वपत्र, फूल आदि से पूजन करते हैं तथा रात्रि को मंदिर में जागरण करना चाहिए । पूजन के बाद यथाशक्ति ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देकर व्रत का समापन करना चाहिए ।

उमा महेश्वर व्रत कथा


इस व्रत का उल्लेख मत्स्य पुराण में मिलता है । कहा जाता है कि एक बार महर्षि दुर्वासा शंकरजी के दर्शन करके लौट रहे थे । मार्ग में उनकी भेंट विष्णु जी से हो गई । महर्षि ने शंकर जी की दी गई बिल्वपत्र की माला विष्णुजी को दे दी । विष्णुजी ने उन को स्वयं गले में न पहनकर गरुड़ के गले में डाल दी ।

इससे दुर्वासा क्रोधित होकर बोले कि – तुमने शंकर का अपमान किया है इससे तुम्हारे पास से लक्ष्मी चली जायेगी । क्षीर सागर से भी हाथ धोना पड़ेगा । शेषनाग भी तुम्हारी सहायता न कर सकेंगे ।

यह सुनकर विष्णुजी ने दुर्वासा को प्रणाम कर इससे मुक्त होने का उपाय पूछा । दुर्वासा ऋषि ने बताया कि – उमा-महेश्वर का व्रत करो, तभी तुम्हें ये वस्तुएँ मिलेंगी । तब विष्णु जी ने उमा-महेश्वर का व्रत किया । व्रत के प्रभाव से लक्ष्मी आदि समस्त शापित वस्तुएँ भगवान विष्णु को पुनः मिल गईं ।

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