ईस्वी और ईसा पूर्व क्या है | What is the difference between the AD and BC

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ईस्वी (AD) और ईसा पूर्व (BC) क्या है ?

अक्सर आप किसी भी इतिहास, घटना, जानकारी और जीवनी को जब पढेंगे या
जैसा की आपने इस
Website मे पढ़ा होगा, तो
आपका ध्यान इस बात पर अवश्य गया होगा की कुछ घटनाओ या जानकारीयो मे समय के साथ ई॰(ईस्वी)
या ईसा पूर्व भी लिखा होता है
|
 

ईस्वी
को अंग्रेजी मे
Anno Domini कहा
जाता है
, और इसे AD के रूप मे लिखा जाता है | इसे हिन्दी मे ईस्वी या ई॰ लिखा जाता है |
 

ईसा
पूर्व अंग्रेजी मे
Before Christ कहा
जाता है और इसे
BC के रूप मे लिखा जाता है
| इसे हिन्दी मे ईसा पूर्व ही लिखा जाता है

ईस्वी
और ईसा पूर्व
का संबंध मुख्य रूप से किसी समय की
गणना के लिए उपयोग मे लाया जाता है
| सामान्य भाषा मे इसे
समझे तो ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा-मसीह का जब जन्म हुआ
, उस वर्ष
को जीरो (
Zero) माना गया है और उसके बाद के एक वर्ष को 1 AD (१ ई॰) | ठीक उसी प्रकार ईसा के जन्म के पहले के एक
वर्ष को 1
BC (१ ईसा पूर्व) | विद्वानो
के अनुसार इस कैलेंडर को 525
AD (५२५ ई) मे बनाया गया था, लेकिन भारत मे इसका उपयोग २०० वर्ष पहले शुरू हुआ था |
 

इतिहासकारों के द्वारा समय को दर्शाने के लिए AD को CE और BC को BCE का भी प्रयोग किया जाता है , CE का अर्थ जहां Common Era और वहीं BCE का अर्थ Before
Common Era
होता है | 

इसे और स्पष्ट करने के लिए इस चित्र
पर ध्यान दे
|

जैसा की इस चित्र मे दर्शाया जा रहा
है
, उसके अनुसार आप देखेंगे तो पाएगे की महात्मा
गांधी जी का जन्म २ अक्टूबर १८६९ को हुआ था अर्थात ईसा मसीह के जन्म से १८६९ वर्ष बाद
तो इसे 1869
AD (1869 ईस्वी) दर्शाया जाएगा, ठीक उसी प्रकार चाणक्य का जन्म ईसा मसीह के जन्म से लगभग ४०० वर्ष पहले हुआ
है
, तो इसे 400 BC (४०० ईसा पूर्व) दर्शाया
जाएगा और आज का वर्ष है 2020
AD (२०२० ईस्वी) कहलाएगा |
 

इसे भी पढ़े :   श्री शचींद्रनाथ सान्याल । Sachindra Nath Sanyal

कुछ विद्वानो का मानना है की प्राचीन
समय मे भारत मे समय की गणना हिन्दी पंचांग (चैत
, वैशाख, फाल्गुन, सावन) के अनुसार की जाती थी | परन्तु भारत देश मे बार-बार विदेशी आक्रमण, मंदिरो व
शिलालेखों को तोड़ना आदि के कारण प्राचीन लेखो के नष्ट होने से इस समय गणना से द्वारा
समय आंकलन कर पाना संभव हो पाया है
|
               

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