अघोरी भाग – ३ | Aghori Part – 3

अघोरी

अघोरी भाग – ३

कृपया ध्यान दे !!!!! अघोरी भाग – ३ से जुड़ी सभी बाते, घटनाए, सन, समय, सन घटनाए, स्थान, व्यक्ति व अन्य सभी तथ्य कल्पनिक है, और इसका वास्तविकता से किसी भी प्रकार का कोई भी संबंध नही है | ये सभी कहानिया केवल लेखक के दिमाग की सोच से जन्मी है, अगर इसका वास्तविकता से किसी भी प्रकार का संबंध पाया जाएगा तो इसे मात्र एक संयोग समझा जाए |




Aghori

काली शक्तियों का पूजा करते-करते कोच्चीनाथ और भी ज्यादा ताकतवर होता जा रहा था | ताकत और शक्तिया पाने की भूख इतनी ज्यादा थी की अब जानवरो के अलावा अपनी पुजा मे इन्सानो की भी बली देना शुरू कर दिया था |

कोच्चीनाथ के डर के कारण आसपास के आदिवासी गाव भी धीरे-धीरे खाली होना शुरू हो गए |

पूरा गाव सुना और वीरान हो गया | आस-पास के गाव तो क्या? दूर-दूर के गाव भी खाली हो गए थे | लोग ऐसे उस गाव को छोड़कर पलायन किए, मानो कोई महामारी फैल गई हो |

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अघोरी भाग – २

कोच्चीनाथ के सामने बली की समस्या आने लगी | काली शक्ति पाने के लिए बली की जरूरत तो थी ही, अपने शिष्यो मे सबसे कमजोर और बिना अनुभवी शिष्यों की बली देना उसने शुरू कर दिया, पर जिन शिष्यो की उसे जरूरत थी, उन्हे वह हाथ भी नही लगता था और मंत्र भी सिखाता था |

धीरे-धीरे समय बीतता गया, कोच्चीनाथ काली ताकतों का मालिक बनता गया | उसके शिष्य भी अपने गुरु से मंत्र पाकर ताकतवर होते गए……………………………

राहुल गोयंका, गोयंका ग्रुप्स आफ कंपनीज का मालिक, गोयंका पावर, गोयंका रिफायनरी, गोयंका स्टील, गोयंका डवलपर्स और भी बहुत सारी उद्योगो का वारीस | कद-काठी से सुन्दर, गोरा, उम्र २९ वर्ष, कूवारा, किसी फिल्म स्टार से कम नही दिखता और घर, मानो कोई महल हो |

घर पर है बद्रीनाथ गोयंका, राहुल के दादा, पूरा बिज़नस इन्ही का बनाया हुआ हैं, पर उम्र अब काफी हो गई है फिर भी सारे बड़े फैसले यही करते है | राहुल की दादी, घर और मंदिर, बस यही इनकी दुनिया, हमेशा प्रभु के भक्ति मे मन लगाए हुए |

राहुल के माता-पिता, पिता बिजनस मे राहुल के बड़े भाई शेखर के साथ कंपनी चलाते और बहुत से कंपनी को ये ही सम्हालते |

माता अपनी सहेलियों के साथ पार्टी और कीटी पार्टी मे रहती | मौज मस्ती भरा जीवन |

शेखर की पत्नि और राहुल की बड़ी भाभी भी शेखर और अपने ससुर के साथ बिज़नस मे साथ देती |

राहुल, कहने को तो इस कंपनी का वारिस, पर बिज़नस से दूर-दूर से कोई संबंध नही | बस अपने ही दुनिया ने जीता | पूरा दिन और रात दोस्तों के साथ पार्टी करता, ड्रिंक करना, डिस्को जाना और मौज मस्ती मे लगे रहना | चारो दोस्त अमित, आईशा, धीरज और टोनी भी पूरी तरह अय्यास | घूमना-फिरना और पैसा उड़ाना |

एक बार टोनी को फ़ेसबुक फ्रेंड से पार्टी का इन्विटेशन मिलता है | इन्विटेशन की बात सुनते ही राहुल जाने के लिए तैयार होता है, मगर पार्टी है दूसरे शहर मे और वो भी यहा से काफी दूर |

टोनी –“यार पार्टी तो अच्छी है लेकिन है काफी दूर”

राहुल – “चलो न यार ! पार्टी का सारा खर्चा मेरे तरफ से और कार भी मे ही चलाउगा”

आईशा – “सोर्री… मेरा जा पाना मुश्किल है”

राहुल – “क्या यार!!! इसका हमेशा ऐसा ही रहता है, तुम सब तो चल रहे हो ना?”

टोनी – ओके !!! तो ये तय रहा… कल सुबह हम चारो (अमित,राहुल,धीरज और टोनी) वहा के लिए रवाना होंगे…. और सारा खर्चा राहुल का होगा….

राहुल – “ओके यार!!!! तुम चलो तो बस”

सुबह होते ही चारो दोस्त कार से निकाल पड़ते है | एक ढाबे मे रूककर चाय पीते है और आगे बढ़ते ही….

राहुल – “टोनी… यार इन दोनों मे से कौन से रास्ते मे जाना है”

टोनी – “मैं देखता हू…… टोनी कर से उतरता है | लेफ्ट साईड से, ये छोटा भी है और कई किलोमीटर बचा भी देगा…. पार्टी शुरू होने के पहले ही पहुच जाएगे | यहा…. देख बोर्ड भी यही बता रहा है |”

राहुल कार लेफ्ट ले लेता है और करडोंगा की तरफ मूड़ जाता है | आगे बढ़ते ही कार का संतुलन बिगड़ जाता है और कार अचानक एक तरफ जाने लगती है | कार को नियंत्रित कर राहुल सड़क के किनारे कार को रोक देता है और चारो दोस्त उतरकर देखते है |


आगे का भाग पढ़े


अघोरी भाग – ४ बहुत जल्द प्रकाशित की जाएगी, धन्यवाद !!

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