बिच्छू का विष कैसे उतारे | बिच्छू के विष उतारने का मंत्र |
ओम् नमो गुरह गाय पर जाप हरी दूब खाती,
फिर ताल तलैया पानी पीवे, गुरह गाय ने गोबर
किया, जिसमें उपजे बिच्छू सात, काले, पीले,
भूरे और हराल, उतर रे जहर बिच्छू का जाय,
नहीं गरुड़ उड़कर आया सत्य नाम, आदेश गुरु
का, शब्द साँचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
विधि – दीवाली के दिन इस मन्त्र को १०८ बार जप कर सिद्ध कर ले । फिर जिसे बिच्छू ने काटा हो, इस मन्त्र को पढ़कर (फूँक कर) पानी पिलावे तो विष उतर जाय ।
ॐ सुमेर पर्वत नोना चमारी सोने रायी, सोने के
सुनारी हुकबुक वान-विलारी, धारिणी, नला,
कारि-कारि समुद्र पार बहायो दोहाई नोना
चमारी की फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
इस मन्त्र को १,००० बार जपकर सिद्ध कर ले । जब किसी को बिच्छू काटे तो इस मन्त्र से २१ बार पढ़कर झाड़े तो बिच्छू का विष उतर जावे ।
साँप व बिच्छू न काटने का मंत्र
ओम् सुखं शिर काली माई स्याहा।
इस मन्त्र को प्रातःकाल चारपाई पर से उठते ही और जैसे ही पृथ्वी पर पैर रक्खा जावे तब इस मन्त्र को पढ़ ले तो आपका सारा दिन ठीक रहेगा और सर्प-बिच्छू आदि से बचेंगे, सर्प-बिच्छू नहीं काटेगा ।