कारागार से मुक्ति दिलाने वाला यंत्र | बेरोजगारी दूर करने के उपाय | बेरोजगारी दूर करने के टोटके | kairagaar se pakadane vaala yantr | naukaree door karane ke upaay | naukaree door karane ke totake

कारागार से मुक्ति दिलाने वाला यंत्र | बेरोजगारी दूर करने के उपाय | बेरोजगारी दूर करने के टोटके | kairagaar se pakadane vaala yantr | naukaree door karane ke upaay | naukaree door karane ke totake

कारागार से मुक्ति दिलाने वाला यंत्र


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कदाचित आपके किसी इष्ट मित्र या परिवार के किसी व्यक्ति को कारागार का दण्ड मिला हो और उससे मुक्ति पाने के आपके सभी उपाय निष्फल हो चुके हों तो आप इस अद्भुत यन्त्र को भोजपत्र पर लिखकर ऑटे में गूँथ गोलियाँ बना सरिता में डाल दें। ईश्वर चाहेगा तो आपको यन्त्र के प्रभाव से मुक्ति अवश्य मिल जायेगी ।

बेरोजगारी दूर करने के उपाय | बेरोजगारी दूर करने के टोटके


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यदि आप किसी कारणवश प्रयत्न करने पर भी कोई नौकरी नहीं पा सके हैं, दौड़ते-दौड़ते बुरी तरह परेशान हो चुके हैं लेकिन उदरपूर्ति का कोई साधन दिखाई नहीं देता तो आप निम्नांकित यन्त्र को पूर्णिमा की रात्रि में भोजपत्र पर लिख कर सदा अपने पास रखें । ईश्वर चाहेगा तो आपकी परेशानी दूर होकर बेकारी की समस्या अवश्य हल हो जायेगी |

भूतादि बाधा निवारक यंत्र


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यदि कोई भूत-प्रेत आदि से पीड़ित हो तो आप निम्नांकित यन्त्र को चीनी की प्लेट पर केशर से लिखकर ग्रसित व्यक्ति को धोकर पिलावें तो विश्वास रखें, इस प्रकार की समस्त व्याधियाँ अवश्य दूर हो जायेंगी ।

अद्भुत वशीकरण यंत्र


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यदि आप किसी को जीवन पर्यन्त अपने वश में रखना चाहते हैं, जिससे वह सदैव आपके अधीन रहकर अन्य किसी का अपने मस्तिष्क में ध्यान ही न लावे तो आप हमारे निम्नांकित अद्भुत यन्त्र को भोजपत्र के एक चौड़े टुकड़े पर जो कहीं से कटा-फटा न हो लाकर अनामिका उंगली का रक्त, हाथी का मद, लाख का रस तथा गोरोचन की स्याही से जानी नामक वृक्ष की लकड़ी की लेखनी बनाकर निर्माण करें, तत्पश्चात् किसी पवित्र स्थान से काली मिट्टी लाकर उससे गणेश जी की मूर्ति बना यन्त्र को गणेश जी के उदर में स्थापित करें और पुष्प तथा धूप इत्यादि से ‘देवदेव गणाध्यक्ष सुरासुर नमस्कृतां: देवदत्तं महावश्यं यावज्जीवं कुरु प्रभो’ (और जहाँ देवदत्त लिखा है-उस स्थान पर जिसको वश में करना हो। उसका नाम उच्चारण करे)

इस प्रकार पूजन करके जमीन में हाथ भर गहरा गड्ढा खोदकर गणेश जी की मूर्ति को रख ऊपर से मिट्टी डालकर बन्द कर देवे तो साध्य व्यक्ति जीवन पर्यन्त साधक के वश में रहेगा ।

पुरुष वशीकरण यंत्र


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समस्त प्राणियों को वश में करने वाले उक्त वशीकरण यन्त्र को कपूर, कुंकुम, गोरोचन तथा कस्तूरी के माध्यम से भोजपत्र पर लिखकर तीन दिन तक धूप, दीप, पुष्प इत्यादि से पूजन कर चौथे दिन एक ब्राह्मण को भोजन कराकर सोना, चाँदी या ताँबा से बने हुये ताबीज में भरकर गले या भुजा में धारण करने से अद्भुत वशीकरण होता है ।

संसार वशीकरण यंत्र


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उक्त यन्त्र भगवान् शंकर द्वारा निर्माण किया हुआ दुर्लभ वशीकरण यन्त्र है, जो किसी दशा में निष्फल नहीं होता । साधक को चाहिये कि शुभ मुहूर्त में भोजपत्र पर लिखकर चमेली की लकड़ी की लेखनी बना केशर, कस्तूरी, लालचन्दन एवं गोरोचन की स्याही बना यन्त्र को बनावे और तीन दिवस तक धूप, दीप, पुष्प आदि से यन्त्र का विधिवत् पूजन करे और त्रिलोह द्वारा निर्मित ताबीज में बन्द कर भुजा या बाहु में धारण करें तो जब तक यह यन्त्र बँधा रहेगा तब तक समस्त संसार साधक के वश में रहेगा ।

सेवक वशीकरण पिशाच यंत्र


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प्रायः देखा जाता है कि धनी पुरुष को अकेला जान सगे-सम्बन्धी, नौकर, सेवक आदि उसे हर प्रकार से हानि पहुँचाने की चेष्टा करते हैं । ऐसे समय में भगवान् भूतनाथ द्वारा निर्मित यह पिशाच यन्त्र प्रयोग में लावे तो वह भ्रष्टबुद्धि सेवक आदि वश में होकर साधक की आज्ञानुसार ही कार्य करेंगे और साधक को किसी भी प्रकार की हानि न पहुँचा सकेंगे ।

यन्त्र धारण करने की विधि यह है कि भोजपत्र के ऊपर गोरोचन से निम्नांकित यन्त्र निर्मित कर गन्ध-पुष्पादि से विधिवत् पूजन कर दही के अन्दर रख दें तो उक्त सेवक सदैव के लिये वश में हो जाता है ।

दुष्टादि वशीकरण यंत्र


बहुधा देखा गया है कि दुष्ट और क्रूर मनुष्य शांति प्रकृति के सीधे-सादे मनुष्यों को परेशान करते हुये हानि पहुँचाने की चेष्टा करते हैं । ऐसे दुष्ट मनुष्यों को वश में करने के लिये ही शिवजी महाराज ने निम्नांकित ‘कालानल’ नामक यन्त्र का प्रयोग कहा है,

जिसकी विधि यह है कि भोजपत्र के ऊपर गोरोचन से निम्न यन्त्र निर्माण करे, फिर किसी भी वृक्ष के नीचे की धूलि लाकर जिसको वश में करना हो उसकी मूर्ति बनावे और उसके वक्षस्थल (हृदय) में उक्त यन्त्र रख विधिपूर्वक पूजन कर कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रात्रि में चूल्हे के अन्दर गड्ढा खोद उक्त प्रतिमा को यन्त्र सहित उसी में गाड़ देवे, तत्पश्चात् चावल पकाकर उसमें बकरे का रक्त मिला बलिदान करके-घी, लाल पुष्प मिश्रित कर ‘ओं महाकालयेति’ मन्त्र से आठ सौ बार आहुति देते हुए हवन करे तो इस ‘कालानल’ यन्त्र के प्रभाव से दुष्ट मनुष्य सदैव वश में रहेगा ।

उदाहरण के लिये जैसे राजाराम को वश में करना है तो यन्त्र इस प्रकार लिखा जाएगा –

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