आकर्षण मंत्र | आकर्षण मंत्र फॉर लव | आकर्षण मंत्र सिद्धि | आकर्षण मंत्र मोहिनी | स्त्री आकर्षण महामंत्र | आकर्षण बीज मंत्र | आकर्षण मंत्र तंत्र | Aakarshan Mantra | Aakarshan Mantra in Hindi

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आकर्षण मंत्र | आकर्षण मंत्र फॉर लव | आकर्षण मंत्र सिद्धि | आकर्षण मंत्र मोहिनी | स्त्री आकर्षण महामंत्र | आकर्षण बीज मंत्र | आकर्षण मंत्र तंत्र | Aakarshan Mantra | Aakarshan Mantra in Hindi

ओम् नमः ह्रीं ठं ठः स्वाहा ।

यह मंत्र मंगलवार के दिन दस हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो चूहे के बिल की मिट्टी, सरसों तथा बिनौला हाथ में ले तीन बार मन्त्र पढ़कर जिसके कपड़ों पर डाल देवे वह अवश्य आकर्षित होगा ।

ओम् हुँ ओम् हुँ ह्रीं ।

जिस व्यक्ति को आकर्षित करना हो उसका ध्यान कर पन्द्रह दिन तक नित्य इस मंत्र का जाप करे तो कैसा ही पत्थर दिल प्राणी हो अवश्य आकर्षित होवे ।

ओम् ह्रौं ह्रीं ह्रां नमः ।

इस मन्त्र को भी पूर्व मन्त्र की ही भाँति नित्य दस हजार बार पन्द्रह दिन तक जाप करे तो अवश्य ही आकर्षित होवे ।

ओम् नम: भगवते रुद्राय सदृष्टि लोंपना हर स्वाहा कंसासुर की दुहाई।

इस मन्त्र का जाप मंगलवार से प्रारम्भ कर दस मंगल तक निरन्तर नित्य १२ बार मन्त्र जाप कर दशांश हवन कर ब्राह्मण भोजन करावे और जब प्रयोग करना होवे तब सरसों बिनौला और चूहे के बिल की मिट्टी ले तीन बार मन्त्र पढ़ जिसके वस्त्रों पर डाले वह अवश्य ही आकर्षित होवे ।

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स्त्री आकर्षण महामंत्र


ओम् नमो देव आदिरूपाय अमुकस्य आकर्षणं कुरु कुरु स्वाहा ।

इस मन्त्र को विधिपूर्वक दस हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर निम्न प्रकार से इसका प्रयोग करे –

(१) मृतक मनुष्य की खोपड़ी लाकर गोरोचन से उस पर यह मन्त्र लिख खैर वृक्ष की लकड़ी जलाकर मन्त्र पढ़कर तपावे । इस प्रकार तीन दिन तक नित्य करे तो कैसी भी पाषाणहृदया कामिनी क्यों न हो अवश्य ही आकर्षित होती है ।

(२) अपनी अनामिका नामक उँगली चीर उसके रक्त से भोजपत्र पर मन्त्र लिख जिसको आकर्षित करना हो उसका नाम लिखे और शहद में डुबा दे तो वह कामिनी अवश्य आकर्षित होवे ।

(३) गोरोचन में काले धतूरे का रस मिलाकर कनेर की लकड़ी की लेखनी बना भोजपत्र पर उक्त मन्त्र लिख जिसे आकर्षित करना होवे उसका नाम लिख, खैर नामक वृक्ष की लकड़ी जलाकर अग्नि में तपावे तो वह कामिनी चाहे चार सौ कोस (सौ योजन) दूर क्यों न होवे अवश्य आकर्षित होती है ।

कामिनी आकर्षण मन्त्र


ओम् चामुण्डे तरु वतु अमुकाय कर्षय आकर्षय स्वाहा ।

यह महामन्त्र इक्कीस दिवस तक तीनों समय की संध्या अवधि में नित्य एक हजार बार जपने से सिद्ध हो जाता है । इसकी प्रयोग विधि निम्न प्रकार है –

(१) काले साँप की केंचुल का चूर्ण अग्नि में डाल इस मन्त्र का जापकर उसका धुआँ अपने अंग-प्रत्यंग पर लेने से कैसी ही रूपवती गर्विता कामिनी हो अवश्य आकर्षित होती है ।

(२) उत्तर की ओर मुख कर लाल चन्दन से लाल कपड़े पर यह मंत्र लिख विधानपूर्वक पूजा करे और फिर उसे पृथ्वी में गाड़ इक्कीस दिवस तक नित्य चावल के धोवन से सींचते हुये इक्कीस बार मन्त्र जाप करे (अमुकाय के स्थान पर उस स्त्री का नाम उच्चारण करे) तो उर्वशी के समान रूपगर्विता कामिनी भी खिंची चली आती है ।

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ओम् ह्रीं नमः ।

यह मन्त्र एक सप्ताह तक नित्य लाल वस्त्र तथा कुंकुम की माला पहन एक हजार बार जाप करने से साधारण स्त्री तो क्या स्वर्ग की देवागंना भी आकर्षित हो साधक के समीप खिंची चली आती है ।

ओम् क्षौं ह्रीं ह्रीं आं ह्रां स्वाहा ।

यह मन्त्र भी उपरोक्त विधि से लाल कपड़ा पहन कुंकुम की माला गले में पहन कर एक सप्ताह तक नित्य दस हजार बार जाप करने से मनवांछित स्त्री आकर्षित हो खिंची चली आती है ।

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