मकर संक्रांति कब है | मकर संक्रांति 2023 | मकर संक्रांति तिथि | makar sankranti 2023 | makar sankranti kab hai | makar sankranti 2023 tithi
मकर संक्रांति में “मकर” शब्द को मकर राशि को के रूप मे दर्शाया जाता है | जबकि “संक्रांति” का अर्थ संक्रमण से होता है इसे “प्रवेश करना” भी कहा जाता है ।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य दक्षिणायन से अपनी दिशा बदलकर उत्तरायण मे जाता है अर्थात सूर्य उत्तर दिशा की ओर बढ़ने लगता है, जिससे दिन की लंबाई बढ़ती जाती है और रात की लंबाई छोटी होनी शुरू हो जाती है |
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नई फल और नई ऋतु के स्वागत के लिए मनाया जाता है।
मकर संक्रांति का धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों ही महत्व हैं । माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर मे जाते हैं। सूर्यदेव इस दिन मकर राशि में जाते है । शनिदेव को मकर और कुंभ राशि का स्वामी भी माना जाता है । इस कारण से यह दिन पिता और पुत्र के मिलन को भी दर्शाता है ।
ता. १४ जनवरी माघ कृष्ण ७ शनिवार को रेल्वे समय से रात्रि ३ बजकर ११ मिनट पर चित्रा नक्षत्र एवं तुला राशि पर मकर संक्रान्ति अर्की है ।
संक्रांति वाहनादि
इस वर्ष संक्रान्ति का आगमन कन्या के रुप में वाराह पर सवार खड्ग लिए हुए हरे रंग के वस्त्रों में हो रहा है ।
अस्य संक्रान्ति वाराह वाहनं, वृष उपवाहनं, हरित वस्त्रं, खड्ग आयुधं, ताम्र पात्रं, भिक्षा भक्षणं, चंदन लेपनं, सर्प जाति, मोती भूषणं, वकुल पुष्पं धारणं, हरित कंचुकी, कुमारी अवस्था, उर्ध्वा स्थिति, उत्तरे गमनं, ईशान्य दृष्टिः ।
वाहन – वराह (सूअर), उपवाहन – वृष(सांड), वस्त्र – हरा, शस्त्र – खड्ग(तलवार) , पात्र – तांबा, भक्ष्य – भिक्षा(मांगना), लेपन – चन्दन, जाति – सर्प(सांप), पुष्प – बकुल, आभूषण – मोती, और अवस्था – कुमारी कन्या है और उर्ध्वा स्थिति मे उत्तर दिशा की ओर गमन करेगी ।
इसके अनुसार अनाज मूल्य मे समानता रहेंगी |
मकर संक्रांति राशिफल | Makar Sankranti Ka Rashifal
मकर संक्रांति राशिफल [छुपाएँ]
मेष | सम्मान |
---|---|
कर्क | सिद्धि |
तुला | तुला |
मकर | कलह |
वृष | भय |
सिंह | जयलाभ |
वृश्चिक | संतोष |
कुम्भ | ज्ञान वृद्धि |
मिथुन | धर्म लाभ |
कन्या | हानि |
धनु | धनलाभ |
मीन | यश |