कबीरपंथ का क्षेत्र | Region of Kabirpanth
कबीरपंथ का केन्द्र अवश्य ही उत्तर भारत रहा, परन्तु कबीरपथ का
व्यापक प्रचार प्रसार
मध्य भारत में भी है। वैसे उत्तरप्रदेश, बिहार, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा महाराष्ट्र में कबीरपंथियों की संख्या अधिक है। मद्रास, आसाम, बंगाल, पंजाब,ट्रावनकोर, कोचीन, कश्मीर में भी
इसके अनेक अनुयायी है।
बनारस में कबीर चौरा मठ है। लहरतारा में दो मठ-एक कबीर चौरा
तथा दूसरा खरसिया का है। कबीर कीर्ति मंदिर, कबीर हनुमत पुस्तकालय मदिर, कबीर पारख मन्दिर, कबीर मन्दिर
शिवपुरी (बनकटा) आदि यहाँ कई कबीरपंथी मठ है।
बम्बई, हरिद्वार, सहारनपुर, लखनऊ, कानपुर, झाँसी, खु्र्जा, बुलन्दशहर,धानेपुर, बड़हरा (गोंडा), उत्तरकाशी, पूना, नागपुर, बाड़ी (धौलपुर), अलीगढ़, आगरा, गाजीपुर, नीमसार, अयोध्या, इलाहाबाद, पानीपत, दिल्ली आदि में कबीरपंथी
मठ हैं। बड़ौदा, अहमदाबाद, सूरत आदि शहरों में कबीरपंथ के कई-कई मठ हैं।
बिहार में तो कबीरपंथी मठों का गढ़ है। धनौती, विद्दूपुर लहेजी, मानसर,फतुहा, तुर्की, रोसड़ा, पर्वत्ता, लक्ष्मीपुर, डंगरहा, पूर्णिया, समस्तीपुर, पावा, दानापुर, दरभंगा, टाटानगर, मुजफ्फरपुर, खैला, पटना आदि में
कबीरपंथी मठ हैं।
मध्यप्रदेश के रीवा, कुदुरमाल, दामाखेड़ा, बुरहानपुर, रतनपुर, हटकेसर, खरसिया, बमनी मंडला, उचेहरा, भड़रा,सागर, जबलपुर, बनहरदी (सागर), ग्वालियर, नादिया, श्योपुर-कला आदि में कबीरपंथी है।
छत्तीसगढ़ के धमधा, परकोटा, कवर्धा, रायपुर, नवापारा(राजिम), चाँपा, महासमुन्द,राजनांदगाँव, भिलाई, कबीर-तीर्थ, मंदरौद (कुरुद), करहीभदर (दुर्ग), सेंचुवा(छाती), कोलियारी (कुरुद), कबीर-मठ, आदि में कबीरपंथी
है।
गुजरात में अहमदाबाद, बड़ौदा, खंभात, सूरत, नड़ियाद, भड़ौच, जामनगर, राजकोट, जूनागढ़, अडास रोड (आनंद) सहित भारत के अनेक शहरों और
देहातों में कबीरपंथी मठ फैले हैं।
विदेशों में ट्रीनिडाड (अमेरिका) दक्षिण अफ्रीका, फीजी, लंका, मारीशस, ब्रिटिश गयाना, म्यॉमार, भूटान, नेपाल, ईरान, अफगानिस्तान और
पाकिस्तान में कबीर पंथी मठ तथा पंथ के अनुयायी हैं तथा वे अपने कार्यक्षेत्र में
सक्रिय है।