शत्रु नाशक यंत्र | शत्रु विद्वेषण यंत्र | विश्व विद्वेषण यंत्र | शत्रु प्राण हरण यंत्र | shatru naashak yantra | shatru vidveshan yantra | vishv vidveshan yantra | shatru praan haran yantra
शत्रु नाशक यंत्र
कदाचित् आप प्रबल पराक्रमी शत्रु के भय से सदैव आतंकित हो, निज प्राणरक्षा के लिये चिन्तित रहते हैं, किन्तु भयमुक्त होने का कोई प्रयत्न सफल नहीं होता, तो आप निम्न मारण मन्त्र का प्रयोग करें तो यन्त्र के प्रभाव से आपके शत्रु शीघ्र मरण को प्राप्त होंगे और आप सदैव के लिए विपत्तियों से मुक्त हो जायेंगे ।
इसकी निर्माण विधि यह है कि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की रात्रि में श्मशान में जा वसन त्याग, चिता के अंगारे को धतूरे के रस में घिस कर मानव कंकाल में यन्त्र का निर्माण करे, फिर शराव संपुट में रख बलि, मांस, अपना रक्त एवं पूजा की सामग्री से विधिपूर्वक पूजन कर वहीं भूमि में गाड़ दे और उसके ऊपर अग्नि जलावे । इस प्रकार तीन दिन तक करने से तीसरे दिन शत्रु को ज्वर आना प्रारम्भ होगा और धीरे-धीरे रोग प्रबल होता हुआ शत्रु को मृत्यु के मुख में ढकेल देगा और जब तक शत्रु एक जीव की बलि न देगा तब तक उसके प्राणों की रक्षा ब्रह्मा भी न कर सकेंगे। यह शंकर भगवान् का कहा हुआ अचूक मारण प्रयोग है, जो कभी निष्फल नहीं जाता है ।
शत्रु विद्वेषण यंत्र
यदि आप शत्रु दल की असीम शक्ति से अपने आपको संकट से घिरा हुआ ज्ञात करते हों, सदैव प्राणों के भय से त्रस्त रहते हों, तो आप प्रस्तुत यन्त्र को अपने विद्वेषी के रक्त से श्मशान के वस्त्र पर कौआ के पंख की कलम से निर्माण कर अजारक्त मिश्रित भात नैवेद्य बलि तथा गंध-पुष्प आदि से यन्त्र तथा गुरु का पूजन कर एक योगिनी को भोजन करावें और यन्त्र को उदास शिव मन्दिर या श्मशान में स्थापित करें तो शत्रुदल कितना ही प्रबल क्यों न हो उसमें फूट पड़ जायेगी और वह आपको हानि न पहुँचा सकेगा ।
टिप्पणी – यन्त्र में जिस स्थान पर ‘देवदत्त’ लिखा है वहाँ साध्य व्यक्ति का नाम लिखे ।
विश्व विद्वेषण यंत्र
यदि आप किसी शक्तिशाली शत्रु के प्रबल बल से आतंकित हों और उससे निस्तार का कोई मार्ग दृष्टिगोचर न हो तो आप इस प्रस्तुत यन्त्र को उल्लू, कौआ तथा ऋतुमती स्त्री के ऋतुरक्त से भोजपत्र पर लिख, विधिवत् पूजन कर, शत्रु के घर में गाड़ देवें तो जब तक यन्त्र पृथ्वी में गड़ा रहेगा तब तक वहाँ विद्वेष शांत न होगा और आपका शत्रु दल निर्बल हो जाएगा ।
शत्रु प्राण हरण यंत्र
इस यन्त्र को भी अपने से प्रबल शत्रु को मारने के लिये प्रयोग करना चाहिये । इस यन्त्र के प्रभाव से कैसा ही शक्तिशाली शत्रु क्यों न होवे अचानक ही मृत्यु का ग्रास बन जायेगा, इसमें किंचित् सन्देह नहीं है । यन्त्र निर्माण की विधि यह है कि विष और हरताल को एकत्रित करके कौआ के पंख की लेखनी से भोजपत्र पर प्रस्तुत यन्त्र बना, विधान पूर्वक पूजन करके नरनलिका में रख श्मशान में गाड़ देने से शत्रु अचानक ही मृत्यु को प्राप्त होगा।