मूषक सिद्धि मंत्र | हंस सिद्धि मंत्र | हंस योग | बिलारी साधना मंत्र | Mooshak Siddhi Mantra | Hans Siddhi Mantra | Swan Yoga | Bilari Sadhana Mantra
मूषक सिद्धि मंत्र | Mooshak Siddhi Mantra
‘ऐं श्रीं श्रीं ह्रीं ॐ ह्रीं औं ओं मूषक विचीव स्वाहा’ ।
उपरोक्त मन्त्र को जिस गुरुवार को पुष्य नक्षत्र हो अपनी पत्नी के साथ पूर्व मुख बैठ मनोयोगपूर्वक दस हजार बार जाप करने से साधक मूषक शब्द समझने योग्य हो जाता है और वह जिस कार्य को हाथ में लेगा उसको कभी असफलता न मिलेगी ।
‘श्री श्री मूष्यै स्वाहा’ ।
इस मन्त्र को भी उपरोक्त मन्त्र की विधि से सिद्धि कर लेने से साधक को मूषक स्वर का ज्ञान प्राप्त हो जाता है और सफलता उसकी चरण की चेरी बन जाती है ।
हंस सिद्धि मंत्र | Hans Siddhi Mantra
‘हं हं के के हंस हंसः’ ।
उपरोक्त मन्त्र किसी सरोवर के तट पर पवित्र स्थान में गुह्यकालिका देवी की प्रतिष्ठा कर मनोयोगपूर्वक पूजा करे, तत्पश्चात् एक लाख बार मन्त्र जाप करे तो यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है और साधक हंस की बोली समझने योग्य हो जाता है तथा उपरोक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित हंस के विष्ठा का तिलक लगाने से साधक सर्वदर्शी शक्ति को प्राप्त कर लेता है, जिसके प्रभाव से उसे भूत, भविष्य, और वर्तमान तीनों काल का ज्ञान हो जाता है।
बिलारी साधक मंत्र | Bilari Sadhana Mantra
‘ॐ ह्रीं किंकटाय स्वाहा’ ।
श्रावण मास में एक समय फलाहार करते हुए किंकटा देवी का नित्य नियमपूर्वक पूजन करे तथा पूजन के पश्चात् नित्य उपरोक्त मन्त्र का तीस हजार बार जाप करे तो साधक बिल्ली का स्वर समझने योग्य हो जाता है और उसके द्वारा उसे भूत, भविष्य, वर्तमान तीनों का ज्ञान स्वतः प्राप्त हो जाता है ।