राजा वशीकरण मंत्र | राजा वशीकरण यंत्र | राजा वशीकरण तंत्र | Raj Vashikaran Yantra | Raja Vashikaran Yantra
राजा वशीकरण मंत्र
ओंम् क्षां क्षं क्षः ।।१२।। सौं हं हं सः ठः ठः ठः ठः स्वाहा ।
विधि – पहले शुभ मुहूर्त में इस मन्त्र को दस हजार बार (१०,०००) सिद्ध कर ले । फिर इस मन्त्र से भोजन को अभिमंत्रित करके (राजा का नाम) लेकर भोजन करे तो राजा वश में हो और जिस मनुष्य का नाम लेकर भोजन करे तो वह व्यक्ति भी वश में हो और यदि इसी मन्त्र से पुष्पों की माला को अभिमंत्रित कर वह माला अपने गले में धारण करके जिस स्त्री के सामने जावे तो वह स्त्री वश में हो। और यदि इसी मंत्र से जायफल को अभिमंत्रित करके उस जायफल को खावे तो कामोद्दीपन होता है ।
राजा वशीकरण यंत्र
एक छोटे से काँसे के टुकड़े पर अथवा भोजपत्र पर गोरोचन और लाल चन्दन से चमेली की कलम से जिस दिन रविवार या मंगलवार को पुष्य नक्षत्र हो, उस दिन शुद्ध होकर इस यंत्र को लिखकर तथा मल्लिका-चमेली व सफेद कमल के फूलों से पूजा करे और सुगंधित धूप, दीप, नैवेद्य आदि से अभिमंत्रित करके, फिर एक स्वच्छ सफेद कपड़े से ढँक दे । दूसरे दिन इसे सोने अथवा चाँदी के ताबीज में मढ़ाकर गले या बाँह पर धारण कर ले । यह महामोहन मंत्र है, इसके धारण करने से सभी स्त्री, पुरुष, राजा, मंत्री तथा उच्च पदाधिकारी जिसके लिए यंत्र बनावेंगे यह अवश्य वश में होगा ।
ध्यान रहे – सही नक्षत्र, दिन आदि किसी योग्य पंडित से पूछ लेना चाहिये, अन्यथा यंत्र काम न देगा ।
इस यंत्र को श्याम (काले) कमल के पत्र पर, सफेद गौ के दूध, लाजवंती और केसर की स्याही बनाकर सारस पक्षी के पंख की कलम से लिख करके प्रदोष व्रत कर १२ महीने तक १११ यंत्र शिवजी पर चढ़ावे, तब फिर सिद्ध हुआ जाने । फिर उसे उपरोक्त विधि से लिखकर ताँबे के यंत्र में भर कर भुजा पर बाँधे तो राजा वश में होवेगा ।
राजा वशीकरण यंत्र
इस यंत्र को भोजपत्र पर गोरोचन, केशर, चंदन और अपनी कनिष्ठिका उंगली का लहू (रक्त) मिलाकर चमेली की कलम से लिखे और अनेक तरह के फूल फल मिठाई और गोश्त (मांस) से विधिवत् पूजन करे, फिर श्रद्धानुसार कन्या, ब्राह्मणों को भोजन करावे और भगवान् व गुरु, योगियों को नमस्कार (प्रणाम) करके राजा के पास अथवा कचहरी में जावे और यंत्र को दाहिने हाथ की मुट्ठी में रक्खे तो क्रुद्ध राजा तथा अधिकारी आदि शान्त होगा और कार्य सिद्ध होगा ।
राजा वशीकरण तंत्र
कुंकुम, चंदन, गोरोचन, भीमसेनी कपूर आदि को लेकर सफेद गाय के दूध में पीसकर तिलक लगाकर जिस राजा के सामने जावे वह वशीभूत होता है ।
चम्पा पेड़ के बाँदे को भरणी या पुष्य नक्षत्र में विधि पूर्वक पूजन करके फिर धूप, दीप देकर दाहिने हाथ में बाँधे तो उसे देखते ही राजा व अन्य व्यक्ति वश में हो जाते हैं ।
सुदर्शन वृक्ष की जड़ को पुष्य नक्षत्र में जिस दिन रविवार या मंगलवार हो उस दिन लाकर के अपने दाहिने हाथ में धारण करके राजा या किसी व्यक्ति के सम्मुख जावे तो वह उस पर प्रभावित होगा |