उच्चाटन मंत्र | उच्चाटन प्रयोग विधि | उच्चाटन प्रयोग | उच्चाटन विद्या | Uchchatan Kriya | Uchchatan Mantra | Uchchatan Vidhi | Uchchatan Totke
ॐ तुंग स्फुलिंग बक्रिम चाचिंका विद्धवहन मांघ वने स्फर स्फर ॐ ठः ठः अमुकं ।
रविवार या मंगलवार की अमावस्या की अर्द्धरात्रि में ऊँट चर्मासन पर गुंजा की माला से एक हजार अस्सी बार इस मंत्र का जाप करे तो शत्रु उच्चाटन होवे ।
श्रीं श्रीं श्रीं अमुक शत्रु उच्चाटन स्वाहा।
उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में सात अंगुल लम्बी कुंकुम की लकड़ी को एक सौ आठ बार मंत्र पढ़कर शत्रु के द्वार पर गाड़ देवे, तो सात दिन मे शत्रु का उच्चाटन होवे ।
ॐ नमो मोमास्याय अमुकस्य गृहे उच्चाटन कुरु कुरु स्वाहा।
इस मंत्र को पहले एक हजार बार जाप करके सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो मंगलवार के दिन जिस जगह गदहा लोटा हो वहाँ की मिट्टी बायें हाथ से उत्तर की ओर मुख करके ले आवे और इक्कीस बार मंत्र पढ़ शत्रु के घर में डाल दे तो उच्चाटन अवश्य होवे ।
ॐ लोहिता मुख स्वाहा ।
इस मंत्र को एक हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो चार अंगुल लम्बी उमरी वृक्ष की लकड़ी लाकर उक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर जिसके मकान में डाले उसका उच्चाटन अवश्य होवे ।
ॐ हं हं वां हृं हृं ठः ठः ।
इस मंत्र को पहले केवल एक हजार बार जाप करके सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना हो तो चार अंगुल लम्बी कौवे की हड्डी लाकर एक हजार बार मंत्र पढ़ कर अभिमन्त्रित कर जिसका उच्चाटन करना होवे उसके घर में डाल दे तो शीघ्र उच्चाटन होवे ।
ॐ घुं घूति ठः ठः स्वाहा।
इस मंत्र की प्रयोग विधि अत्यन्त सरल है । इसको केवल एक हजार बार जाप करने से ही यह सिद्ध हो जाता है और जब इसका प्रयोग करना हो तो अरुवा वृक्ष की एक टहनी ले एक सौ आठ बार मंत्र पढ़ जिस व्यक्ति का नाम लेकर हवन करे उसका उच्चाटन अवश्य होगा ।
ॐ ह्रीं दण्डीनं हीन महादण्डि नमस्ते ठः ठः ।।
इस मंत्र को भी उपरोक्त मंत्र की भाँति एक हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले फिर जब प्रयोग करना होवे तो सात अंगुल लम्बी मनुष्य की हड्डी ले उक्त मंत्र से अभिमन्त्रित कर जिस व्यक्ति के निवास स्थान में गाड़ दे तो उसका उच्चाटन अवश्य होवे ।