सर्व दोष निवारण मंत्र | भूत भगाने का तरीका | भूत भगाने का मंत्र | धन वृद्धि मंत्र | चुड़ैल भगाने का मंत्र | भूत भय नाशक मंत्र | डायन की नजर झाड़ने का मंत्र | आपत्ति निवारण मंत्र | Sarv Dosha Nivaran Mantra | Dhan Vridhi Mantra
सर्व दोष निवारण मंत्र Sarv Dosha Nivaran Mantra
शनि दिन संध्या के समय घर कुम्हार के जाय ।
चाक पे चौंसठ दीप को उल्टी चाक फिराय ।।
प्रयोग विधि : समस्त दीपकों को घी की बाती जलाकर रोगी के मुख पर संध्या समय उतारे तथा दूध भात शक्कर रोगी को स्पर्श करा चौराहे पर रखने से सर्व दोष नष्ट होते हैं ।
भूत भगाने का तरीका | भूत भगाने का मंत्र
तह कुष्ठ इलाही का बान कूडूम की पित्ती चिरावत भाग भाग
अमुकं अङ्ग से भूत मारूँ धुनवान कृष्ण वर पूत आज्ञा कामरूकामाख्या हाड़ी दासी चण्डी की दुहाई ।।
एक मुट्ठी धूल तीन बार मंत्र पढ़कर मारने से भूत भय दूर होते हैं ।
धन वृद्धि मंत्र
ॐ नमो भगवती पद्म पदमावी ॐ ह्रीं ॐ ॐ पूर्वाय दक्षिणाय उत्तराय आप पूरय सर्वजन वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।
सिद्धि करने की विधि : विधानपूर्वक दीपावली की रात्रि को सिद्ध कर ले, तत्पश्चात् प्रातः शय्या त्यागने से पूर्व १०८ बार मंत्र पढ़कर चारों दिशाओं के कोणों में दस-दस बार फूँके तो साधक को सभी दिशाओं से धन की प्राप्ति हो ।
चुड़ैल भगाने का मंत्र
बैर बर चुड़ैल पिशाचनी बैर निवासी
कहूँ तुझे सुनु सर्व नासी मेरी गाँसी
भूत भय नाशक मंत्र
ॐ नमः श्मशानवासिने भूतादीनां पलायनं कुरु कुरु स्वाहा।
प्रयोग विधि : दीपावली की रात्रि को १००८ बार मंत्र जाप कर सिद्धि कर ले, फिर जब प्रयोग करना हो तो रविवार को दिन में कुत्ता, बिल्ली औरक घुग्घू का मल (विष्ठा), ऊंट के बाल, सफेद घुघुंची, गन्धक, गोबर, कड़आ तेल, सिरस नामक वृक्ष के फूल तथा पत्ते लाय हवन कर उपरोक्त मंत्र का १०८ बार जाप करने से भूत-प्रेत-बैताल-राक्षस डाकिनी, शाकिनी, प्रेतनी आदि समस्त बाधायें दूर होती हैं ।
वर बैल करे तू कितना गुमान
काहे नहीं छोड़ता यह जान स्थान
यदि चाहै तूं रखना आपन मान
पल में भाग कैलाश लै अपनो प्रान
आदेश देवी कामरू कामाक्षा माई
आदेश हाड़ी दासी चण्डी की दुहाई
सिद्धि करने की विधि : इस मंत्र को विजया दशमी की रात्रि को १०८ बार जाप कर सिद्ध करे, फिर रोगिणी पर २१ बार पढ़कर फूक मारे तो डायन-चुड़ैल-पिशाचिनी आदि से छूटकारा प्राप्त हो |
डायन की नजर झाड़ने का मन्त्र
हरि हरि स्मरिके हम मन करूँ स्थिर
चाउर आदि फेंक के पाथर आदि वीर
डायन दूतिन दानवी देवी के आहार
बालक गण पहिरे हाड़ गला हार
राम लषण दूनों भाई धनुष लिये हाथ
देख डायनी भागत छोड़ शिशु माथ
गई पराय सब डायनी योगिनी
सात समुद्र पार में खावे खारी पानी
आदेश हाड़ी दासी चण्डी माई
आदेश नैना योगिनी के दोहाई
विधि : उपरोक्त मंत्र विधि के अनुसार सिद्धि कर झाड़ने से दृष्टिबाधा दूर होती है ।
आपत्ति निवारण मंत्र
शेष फरिद का कामरी निसि अस अन्धियारी ।
तीनों को टालिये अनल ओला जल विष ।।
विधि : इस मंत्र को पढ़कर ताली बजाने से ओला, अग्नि, जल, विष आदि का भय दूर होता है ।