कामिनी वशीकरण मंत्र | नारी वशीकरण मंत्र | स्त्री वशीकरण मंत्र | स्त्री वशीकरण के आसान उपाय एवं टोटके | Stri Vashikaran Totka | Ladki Patane Ka Vashikaran Bataen
ॐ कुम्भुनी स्वाहा ।
इस मन्त्र को पहले एक हजार बार जाप करके सिद्धि कर ले और फिर आवश्यकता के समय गुलाब का फूल १०८ बार मन्त्र पढ़ जिस स्त्री को सुंघाया जाय वह वश में हो जाती है ।
ॐ चिमि चिमि स्वाहा ।
इस मन्त्र को पहले दस हजार बार जाप कर सिद्धि कर ले और आवश्यकता के समय प्रातःकाल उठ मुख धोकर सात चुल्लू पानी सात बार मन्त्र पढ़ कर जिस स्त्री का नाम लेकर पीये वह वश में हो जाती है ।
ॐ कामिनी रंजिनी स्वाहा ।
यह मन्त्र एक हजार बार जाप करने से सिद्ध हो जाता है । आवश्यकता के समय लाख की स्याही से जिस स्त्री को वश में करना हो उसकी कलाई पर लिख दे तो वह वश में हो जाती है ।
ॐ नमः कामाख्या देवि अमुकी मे वशंकरी स्वाहा।
इस मन्त्र का १०८ बार जाप कर सिद्धि कर लेने के पश्चात् आवश्यकता के समय निम्न प्रकार से प्रयोग करना चाहिए –
(१) चिता की राख तथा ब्रह्मदण्डी को उक्त मन्त्र पढ़ जिस स्त्री के शरीर पर डाले वह कामिनी सदैव के लिए वश में हो जाती है ।
(२) मनुष्य और नीलगाय का दाँत तेल के साथ घिस उक्त मन्त्र से अभिमन्त्रित कर मस्तक पर तिलक लगाने से देखने वाली रूपबाला जीवन पर्यन्त वश में रहती है ।
कामोऽनंग-पुष्प-शरः कन्दर्पो मीनकेतनः ।
श्रीविष्णु-तनयो देवः प्रसन्नो भव मे प्रभो ।।
प्रयोग विधि : गोरोचन, कुंकुम, लाल चन्दन, कस्तूरी-इन सब वस्तुओं को एकत्र कर भोजपत्र पर चमेली की लेखनी से कामराज यन्त्र बनावे और लकड़ी के ऊपर राई (आसुरी) से कामदेव की मूर्ति बना उसके हृदय में कामराज यन्त्र स्थापित करे और धूप दीप फल फूल नैवेद्य आदि अर्पित कर इक्कीस रात्रि पर्यन्त उपरोक्त मन्त्र से कामदेव का पूजन करे तो वह तरुणी सुरसुन्दरी देव-कन्या क्यों न हो सदैव के लिये वशीभूत हो जाती है । कामराज यन्त्र बनाकर उसके रिक्त स्थान में अभिलषित स्त्री का नाम लिखना चाहिये ।
ॐ नमः ह्रीं ह्रीं काली विकरालिनी ह्रीं क्षीं फट् स्वाहा।
इस मन्त्र को मरघट में जाकर प्रतिदिन १०८ बार सात दिन पर्यन्त जाप करे तथा काली देवी की पूजा कर, काले धतूरे के पेड़ से पुष्य नक्षत्र में फल, भरणी नक्षत्र में फूल, विशाखा नक्षत्र में पत्ते, हस्त नक्षत्र में मूल तथा कृष्ण पक्ष की संक्रान्ति में जड़ लाकर कुंकुम कपूर-गोरोचन के साथ पीस मस्तक पर तिलक लगा जिस स्त्री के सामने जाय वह कैसी भी स्त्री क्यों न हो अति शीघ्र वश में हो जाती है ।
महाकाल भैरव स्त्री वशीकरण मंत्र
ॐ नमो काली भैरव निशि राती काल आया आधा राती चलती कतार बंधे तू बावन बार पर नारी से राखे गीर मन पकरि वाको लावे सोवति को जगाय लावे बैठी को उठाय लावे फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
रविवार को होली या दीपावली जब भी पड़े, नंगे होकर लाल एरण्ड का वृक्ष या डाल एक ही झटके में तोड़ मन्त्र जाप करते हुए उसका भस्म बनाकर कामिनी के शीश पर २१ बार मन्त्र पढ़कर डालने से उत्तम वशीकरण होता है ।
पीर में नाथ प्रीत में माथ जिसे खिलाऊँ वह मेरे साथ फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ।
सूर्यग्रहण के अवसर पर नदी में जाय, नाभि पर्यन्त जल में बैठ सात बार उक्त मन्त्र पढ़ समूची सुपारी निगल जाय और जब वह सुपारी मल त्याग द्वारा निकले तब सात बार जल से स्वच्छ करे तथा सात बार दूध से स्वच्छ कर सात बार मन्त्र पढ़कर धूनी देवे और अभिलषित स्त्री को पान में खिला देवे तो वह रूपबाला निश्चय ही वश में हो जाती है ।
ॐ नमः धूली धूलेश्वरी मातु परमेश्वरी चचंती जय जयकार इनारन चोप भरे छार छारते में हटे देता घर बार मरे तो मशान लौटे जीवे तो पाँव लौटे वचन बाँधौ अमुकी को धाई लाव मातु धूलेश्वरी फुरो मन्त्र ईश्वरो वाचा ठः ठः स्वाहा ।।
इस मन्त्र को सात शनिवार की रात्रि में १४४ बार जाप करे तो यह सिद्ध होता है । सातवें शनिवार के बाद रविवार को किसी सुन्दरी की चिता की राख लाकर चौराहे की धूल मिला १४४ बार मन्त्र पढ़ जिस स्त्री के ऊपर डाल दे वह तत्काल वश में हो जाती है ।
वशीकरण तंत्र
(१) पुष्य नक्षत्र में धोबी के पैर की धूल जिस सुन्दरी के शीश पर डाल दे वह सदैव वश में रहे ।
(२) उल्लू के पीठ की रीढ़ लेकर केसर, कस्तूरी और कुंकुम के साथ घिस कर मस्तक पर तिलक लगा जिस स्त्री के सन्मुख जाय वह सुन्दरी तुरन्त वश में हो जाती है ।
(३) जिस स्त्री को वश में करना हो उसके बायें पैर के नीचे की मिट्टी लाकर उसकी मूर्ति बनावे और वस्त्र पहना कर अभिलषित स्त्री के केश सिर में लगाकर सिन्दूर लगावे और उसकी योनि में वीर्य डाल उस कामिनी के द्वार पर गाड़ दे, जब वह स्त्री द्वार लाँध पार करेगी तब वश में हो जायेगी ।
(४) जब रविवार पुष्य नक्षत्र को अमावस्या हो तो उस दिन अपना वीर्य मिठाई में मिला जिस स्त्री को खिला दे वह सदा वश में रहे ।
(५) घी के साथ कनेर के फूलों से जिस स्त्री की इच्छा कर हवन करे वह कामिनी सात दिवस के अन्दर साधक की इच्छा पूर्ण करती हैं ।
(६) कनेर फूलों से छः मास तक हवन करने से देवांगनायें वश में होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं ।