पियोवरा माफिया । पियोव्रस माफिया | सिसिली माफिया । Sicilian Mafia

पियोवरा माफिया । पियोव्रस माफिया | सिसिली माफिया । Sicilian Mafia

सिसिली की राजधानी पालेरमो विश्व की माफिया राजधानी भी है । सिसिली माफिया की आय का प्रमुख स्त्रोत मादक द्रव्यो का अवैध अंतर्राष्ट्रीय व्यापार है । यह व्यापार वहां सन् १९७१ में उस समय शुरू हुआ, जब संयुक्त राज्य अमरीका ने तुर्की को आर्थिक सहायता के बदले में अफीम प्रदान करने वाली पोस्त की खेती बंद करने तथा उसके स्थान पर अन्य वैकल्पिक फसलें उगाने के लिए तैयार कर लिया था । ठीक इसी समय अमरीकी राष्ट्रपति निक्सन ने फ्रांस को मार्सिलीज़ के बंदरगाह पर हेरोइन की तस्करी रोकने के लिए तैयार कर लिया था । परिणामतः मादक द्रव्यों की अवैध तस्करी का पुनर्गठन किया गया ।

तस्कर गिरोहों ने अपनी गतिविधि तुर्की की बजाय बर्मा, थाईदेश और लाओस तथा पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान की ओर मोड़ दी एवं अपना मुख्यालय मार्सिलीज़ के स्थान पर पालेरमो में स्थापित कर लिया । फ्रांसीसी रसायन शास्त्रियों ने सिसिली के माफिया को अफीम का प्रशोधन करके हेरोइन बनाने की विधि सिखा दी । इस प्रकार सन् १९७० के दशक के मध्य में हेरोइन की प्रथम प्रयोगशालाएं स्थापित हुईं ।

सिसिली के तस्करों ने मादक द्रव्यों की कमाई के आधार पर एक आर्थिक साम्राज्य का निर्माण कर लिया है । इटली के पुलिस प्रमुख विन्सेन्जो पेरिसिस के शब्दों में, “यह आर्थिक साम्राज्य एक वैकल्पिक प्रति राज्य है – उसके पास कल्पनातीत मात्रा में धन है, जिसके द्वारा उसमें राज्य व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की अपार क्षमता उत्पन्न हो गयी है । वह समूची अर्थव्यवस्था को दूषित कर रहा है ।“

“ला सिसिलिया” नामक इतालवी समाचार पत्र का सिसिली संवाददाता फ्रांको कास्तालदो कहता है, “मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि माफिया ने स्थानीय अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है । राजकोष से प्राप्त होने वाले भारी अनुदानों के अतिरिक्त नकद काला धन भारी मात्रा में उपलब्ध है, जिसके बलबूते पर उसने प्रदेश के प्रशासन पर भी अधिकार जमा लिया है ।“

कुंतरेरा-करुआनास गिरोह


कास्तालदो का मुख्यालय सिसिली के एक छोटे से कस्बे एग्रीगेंतो में है । एग्रीगेंतो के पश्चिम में दस किलोमीटर दूर सिसिलियाना गांव कुंतरेरा माफिया परिवार का गढ़ है । सिसिली का दूसरा प्रमुख तस्कर गिरोह करुआनास है । ये दोनों गिरोह हेरोइन का व्यापार करते हैं, परंतु ये दोनों वास्तव में दलाली का धंधा करते हैं । कास्तालदो ने उनके व्यापार के विषय में लिखा है, “उनका ही माल ढोने वाले स्टीमर और मालवाहक जहाज लेबनान और सीरिया से अफीम लेकर रवाना होते हैं, जिसे कुंतरेरा गिरोह के लोग समुद्र के किनारे उतारकर द्वीप पर भीतर की ओर फार्म हाऊसों में पहुंचा देते हैं, जहां उसे हेरोइन के रूप में प्रशोधित कर लिया जाता है। उसके बाद हेरोइन संयुक्त राज्य अमरीका भेजी जाती है ।“

अफीम मुख्यतः पूर्वी लेबनान के उस बेका घाटी के खेतों से आती है, जिस पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए लेबनान के शिया संप्रदाय और सीरियाइयों के बीच घमासान युद्ध छिड़ा रहता है । यह बात सर्वविदित है कि अफीम के व्यापार में इन दोनों पक्षों को घूस अथवा दलाली प्राप्त होती है । घूस की रकम हमेशा नकद डॉलरों में दी जाती है । सिसिली के माफिया परिवारों ने हेरोइन की आमदनी को भवनों, फार्मों, रेस्तराओं, बैंकों, पूंजी निवेश, बीमा कंपनियों, मोटर गैरेजों तथा परिवहन व्यवसाय में लगा रखा है ।

सन् १९७० के दशक में संयुक्त राज्य अमरीका विशेषतः न्यूयार्क और न्यूजर्सी क्षेत्रों में हेरोइन की तस्करी के धंधे पर स्पाटोला, इंजेरिल्लो, गैम्बिनो और बदालार्मेती माफिया गिरोहों का प्रभुत्व था । मादक द्रव्यों के व्यापार पर अपना प्रभुत्व बनाये रखने के लिए तस्कर गिरोहों के बीच प्रतिस्पर्धा बनी रहती है । सन् १९८० के दशक के आरंभ में कोर्लियोन्सी माफिया परिवार ने लुसियानो लिग्गियो के निर्देशन में तथा मिचेल ग्रेको के सहयोग से सिसिली में चार सौ से अधिक माफिया सदस्यों की हत्या की, परंतु अंततः लिग्गियो और ग्रेको स्वयं हत्याओं के आरोपों पर पकड़े गये और कानून ने उन्हें अपने शिकंजे में कसकर उनकी दादागिरी समाप्त कर दी ।

सिसिली के मादक द्रव्य माफिया को विश्व के सबसे बड़े मादक द्रव्य संगठनों में से एक माना जाता रहा है । मादक द्रव्यों की तस्करी के अतिरिक्त वह शस्त्रों की तस्करी तथा काले धन में भी लिप्त रहा है । उस पर निर्माण, सार्वजनिक सेवाओं तथा कृषि उपज की बिक्री पर व्यापक रूप से पैसा ऐंठने के आरोप भी लगाये जाते रहे हैं । सन् १९८८ के आरंभ में इतालवी पुलिस ने यह चेतावनी दी थी कि माफिया अपराध जगत की विविध गतिविधियों के लिए अधिकाधिक किशोरों और युवाओं को भर्ती कर रहा है, जिसके कारण बेरोजगारी से त्रस्त सिसिलीवासियों को बहुत राहत महसूस हो रही है । सन् १९८८ में सिसिली तथा इटली के दो अन्य प्रांतो कैलेबेरिया और कैम्पेनिया में सैकड़ों हत्याएं हुई । इन क्षेत्रों पर अपराधी गिरोहों का प्रभुत्व स्थापित हो गया है । संगठित अपराध के नियंत्रण के लिए नियुक्त किये गये इटली के एक उच्च आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति डोमिनिको सिका के शब्दों में, “इसे एक प्रकार की विडंबना ही माना जायेगा कि राज्य को अपने ही उन क्षेत्रों में प्रवेश करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जो माफिया के गढ़ बन गये हैं तथा जिनमें माफिया का हुक्म ही कानून बन गया है । “

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अब तक ऐसे अनेक इतालवी मजिस्ट्रेट, सूचनाएं देने वाले लोग तथा राजनीतिज्ञ माफिया के हाथों मारे जा चुके हैं, जिन्होंने मादक द्रव्य तस्करों के हाथों बिकने से इनकार किया । सिसिली के चोटी के साम्यवादी नेता पियाला तौरे ने इतालवी संसद के समक्ष पेश करने के लिए वह विधेयक तैयार किया था, जिसके द्वारा इतालवी मजिस्ट्रेटों को बैंक खातों और आयकर दस्तावेजों की जांच करने की शक्ति प्रदान की गयी । उसके इस कार्य के लिए माफिया ने मई, १९८२ में उसकी हत्या कर दी । उसी वर्ष सितंबर में उन्होंने इटली में अपराध जगत के घोर शत्रु जनरल कार्लो अल्बर्तो डेला चियेजा, उसकी युवा पत्नी तथा उनके अंगरक्षक को पालेरमो में एक सड़क के सिरे पर गोलियों से भून डाला । माफिया ने अंतोनियो सिउला को जेल से छूटने के बाद घर पहुंचने से पहले ही मार डाला । वह मादक-द्रव्य व्यापार के उस मुकदमे में सरकारी गवाह बन गया था, जिसकी सुनवायी न्यायमूर्ति गियोरदानो ने की थी । एक अन्य सरकारी गवाह तथा पालेरमो का भूतपूर्व महापौर गियूसेप इन्सालको भी माफिया के हाथों उस समय मारा गया, जब वह गवाही देने जा रहा था । नगर के ठीक मध्य में उसे उसकी कार के भीतर गोलियों से छलनी कर दिया गया । माफिया ने इटली में आतंक का वातावरण उत्पन्न कर दिया है । न्यायमूर्ति गियोरदानो पालेरमो के एक साधारण घर में रहता है, परंतु उसके घर पर दिन-रात एक कवचबद्ध कार और पुलिस के विशेष दस्ते का पहरा है । उसका नाम माफिया के शिकारों की सूची में सबसे ऊपर है । उसके घर में इस्पात के भारी दरवाजे हैं तथा प्रत्येक कमरे की प्रत्येक खिड़की स्थायी तौर पर इस्पात की चादर के पर्दे से ढंकी हुई है, जिससे कि माफिया को गोली दागने का अवसर न मिल सके ।

इसी प्रकार न्यायमूर्ति डोमिनिको सिका जागते अथवा सोते में, हर पल सुरक्षा पुलिस दस्तों के ऐसे कड़े पहरे में रहता है, जैसा कि इससे पहले इटली में न देखा गया, न सुना गया । सबसे अधिक कड़ी सुरक्षा इतालवी न्यायपालिका के सदस्य गियोवान्नी फालकन को प्रदान की गयी है । वह छठे आपराधिक संभाग में जांच-पड़ताल करने वाला मजिस्ट्रेट है । फालकन के दोहरे इस्पाती द्वार के बाहर आधा दर्जन तगड़े अंगरक्षक अविराम पहरा देते हैं । द्वार की चाबी केवल फालकन के पास है । आंगतुकों को पहले वह स्वयं क्लोज्ड सर्कट मानीटर (टी.वी. स्क्रीन) पर देखता है, उसके बाद फालकन की अनुमति तथा अंगरक्षकों द्वारा पूरी तलाशी के बाद ही उन्हें भीतर जाने दिया जाता है ।

माफिया का राजनीतिक सांठगांठ


फालकन और उसके साथी न्यायाधीशों को कुछ ऐसे मामलों की जांच सौंपी गयी, जिनमें इतालवी राजनीतिज्ञों के साथ माफिया की नयी पीढ़ी की सांठगांठ के आरोप थे । माफिया की यह नयी पीढ़ी भीषण रूप से हिसक और गुप्त संगठन ला पियोवरा अथवा ऑक्टोपस के नाम से कुख्यात है । ऐसा माना जाता है कि ऑक्टोपस का इतालवी राजनीतिज्ञों, विशेषतः मिश्रित सरकार के सदस्यों के साथ तालमेल रहा है तथा यह तालमेल इतना गहरा रहा है कि इतालवी न्यायाधीशों ने सरकार पर माफिया के प्रति मुलायम दृष्टिकोण अपनाने का आरोप तक लगा दिया । पाओलो बोरसैलिनो दुःखपूर्वक कहता है, “पालेरमो पर एक प्रकार की थकान हावी हो गयी है । माफिया के विरुद्ध संघर्ष का संकल्प पहले के समान दृढ़ नहीं रहा है । ” सिसिली की राजधानी में सरकारी और पुलिस अधिकारियों में भी यही भावना व्याप्त है । वे अवरुद्ध जांच, राजनीतिक उदासीनता तथा माफिया के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाने वालों को धमकियां मिलने की शिकायत करते हैं ।

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इतालवी न्याय व्यवस्था के अंतर्गत जांच-पड़ताल करने वाले मजिस्ट्रेट पुलिस और न्यायिक प्रक्रियाओं का आश्रय लेकर आरोप पत्र तैयार करते हैं । वे प्रायः अकेले ही कार्य करते हैं, परंतु फालकन, बोरसैलिनो तथा उनके सहयोगियों ने संयुक्त रूप से कार्य करना शुरू किया है, जिससे कि माफिया अतीत की भाँति किसी मजिस्ट्रेट की हत्या करके उस मामले (प्रकरण) की हत्या न कर पाये, जो मरते समय उस मजिस्ट्रेट के हाथ में रहा हो । सन् १९८३ के बाद के पांच वर्षों में मजिस्ट्रेटों के पारस्परिक सहयोग के फलस्वरूप माफिया के स्थानीय क्रियाकलाप के साथ ही युरोप और अमरीका में फैले उसके व्यापार के बारे में भी जानकारी इकट्ठी हो सकी, जिसके आधार पर दिसंबर, १९८७ में हुए एक वृहत मुकदमे में माफिया के उन ३३८ सदस्यों को सजाएं सुनायी जा सकीं, जिनके विरुद्ध हत्या, डाके तथा संयुक्त राज्य अमरीका में मादक द्रव्यों की तस्करी के आरोप थे । परंतु जनवरी, १९८८ में जब इटली के मजिस्ट्रेटों की सर्वोच्च परिषद् ने ६८ वर्षीय न्यायमूर्ति अंतोनियो मेली को माफिया विरोधी पूल का अध्यक्ष नियुक्त किया, तब से मजिस्ट्रेटों के बीच फूट पड़ गयी । बोरसैलिनो ने सन् १९८७ में ही टीम छोड़ दी थी । वह कहता है, “मेली द्वारा पद ग्रहण करने के कुछ महीने बाद से व्यवस्था पूरी तरह बदल गयी है । ” मेली ने माफिया के विरुद्ध चल रहे मुकदमे पूल से बाहर के न्यायाधीशों के पास तथा पूल के सदस्यों के पास गैर-माफिया मुकदमे भेजने शुरू कर दिये । यह सन् १९६० के दशक की व्यवस्था की ओर वापसी की स्थिति हैं, जिसमें प्रत्येक न्यायाधीश अपने सामने भेजे गये मुकदमों की सुनवायी करता तथा उसे यह पता न होता कि दूसरे न्यायाधीशों के सामने कैसे मुकदमे हैं तथा किसी भी न्यायाधीश को माफिया के सार्वभौमिक स्वरूप का ज्ञान नहीं होता था । नयी व्यवस्था का विरोध करने के लिए पूल में सम्मिलित मजिस्ट्रेटों ने इस तर्क पर त्यागपत्र दे दिये कि “हमें लगता है कि माफिया के विरुद्ध संघर्ष में सामंजस्य स्थापित करने का जो मार्ग हमने खोजा था और जिसके अनुसरण से बहुत अच्छे परिणाम सामने आये हैं । ” उसके लुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है । आमतौर पर यह महसूस किया जा रहा है कि मूल समस्या माफिया के राजनीतिक प्रभाव की है ।

माफिया की वित्तीय क्रियाकलाप


कैम्ब्रिज के प्राध्यापक एवं संगठित अपराध-विशेषज्ञ आर्थर गिब्सन ने ‘डेली टेलीग्राफ’ को एक भेंट में बताया कि “मादक द्रव्यों से प्राप्त काले धन की धुलाई और नये सिरे से उसके निवेश के लिए ऑक्टोपस ने लंदन, लिस्तेनस्तीन, लक्जेमबर्ग और इटली में फैले वित्तीय संस्थाओं के जाल पर कब्जा कर रखा है । मोटे अनुमान के अनुसार सिसिली के मादक द्रव्य बाजार से प्रतिवर्ष ५० अरब डॉलर नकद प्राप्त होते हैं । इस राशि का एक छोटा-सा अंश भी द्वीप की वित्तीय संरचना बदल डालने के लिए पर्याप्त हो सकता है । मादक द्रव्यों की तस्करी से प्राप्त डॉलर अमरीकी बैंकों के अल्पावधि खातों में जमा किये जाते हैं । उसके बाद नकद राशियां तस्करी द्वारा स्विट्जरलैंड पहुंचायी जाती हैं । जहां से लगानो और मिलान के रास्ते उन्हें इटली भिजवाया जाता है । तस्कर बड़ी नकद राशियां क्रेडिट सुइस नामक बैंक में जमा करते हैं, जिसने इटली से लगी अपनी सीमा से सटे हुए बेलिनजोना सरीखे नगरों में अपनी शाखाएं खोल रखी हैं ।“

मजिस्ट्रेट फालकन कहते है, “खेद के साथ कहना पड़ता है कि हमें माफिया अर्थव्यवस्था के छोर ही दिखते हैं अथवा जो कुछ हो रहा है, उसका प्रतिबिंब मात्र दिखायी देता है ।” उसका विचार है कि माफिया धीरे-धीरे स्टॉक मार्केट व्यापार, मुद्राकोषों तथा वस्तुओं के व्यवसाय की ओर बढ़ रहे हैं ।

पालेरमो के तस्कर सरदार उस नाजुक प्रक्रिया पर निगाह और नियंत्रण रखते हैं, जिसके द्वारा उनका मादक द्रव्य उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचता है । न्यूयार्क स्थित माफिया परिवार बिक्री का संचालन करते हैं । सिसिली के तस्कर अपने मुनाफे की राशियां युरोप मंगाने के लिए प्रमुखतम वित्तीय संस्थानों का उपयोग करते हैं । युरोप पहुंचने पर मुनाफे की उन राशियों का निवेश इतालवी अर्थव्यवस्था में कर दिया जाता है । इतालवी अर्थव्यवस्था पर राज्य का नियंत्रण अत्यंत नगण्य है । संगठित अपराधी गिरोहों अर्थात् माफिया के हाथों में एक गुप्त आर्थिक शक्ति-गुट का उदय इटली के आर्थिक विकास एवं वृद्धि के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है ।

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माफिया महिलाएं


“हम स्त्रियों को (तस्करी में) शामिल नहीं करते । हम अपनी पत्नियों अथवा महिला मित्रों को संगठन के रहस्य नहीं बताते । ।…. यह पुरानी माफिया पद्धति है । ..कोसा नोस्त्रा पुरुषों के लिए है । हमारी यही परंपरा है ।” – एक भूतपूर्व माफिया हत्यारे ने, जो बाद में सरकारी गवाह बन गया था, एक मुकदमे की सुनवायी के दौरान यह बताया, परंतु अब यह स्थिति नहीं रहीं ।

कोसा नोस्त्रा के पुराने नियम सिसिली के नये माफिया-यप्पीज अथवा ऑक्टोपस पर लागू नहीं होते । सन् १९८२ में सिसिली की पुलिस ने ७४ वर्षीय वृद्धा एजेला रूसो को एक मादक द्रव्य गिरोह के लिए मादक द्रव्यों की वाहिका के रूप में काम करने के आरोप पर गिरफ्तार किया था । एक अपंग की पत्नी और ग्यारह वयस्क संतानों की इस मां को समाचार पत्रों में ‘ग्रैन्नी हेरोइन’ (नानी हेरोइन) कहा जाने लगा । कुछ महीनों के अंतराल से वह हाथ में एक छोटा-सा सूटकेस लेकर उत्तरी इटली की ओर जाती तथा त्यूरिन, मिलान अथवा बोलाना में अपना सूटकेस खाली कर देती । पालेरमो लौटने पर वह थोड़ी-थोड़ी करके कई बैंकों में ढेर सारी रकम जमा करती । उसका बेटा भी मादक द्रव्य माफिया का सदस्य था । पुलिस का दबाव पड़ने पर उसके बेटे ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया, परंतु रूसो देवी का मौन नहीं टूटा । उसने कोसा नोस्त्रा के ढंग की खामोशी तब भी नहीं तोड़ी जबकि उसका एक बेटा प्रतिद्वंद्वी माफिया गिरोह के हाथों मारा गया ।

सन् १९८३ के प्रारंभ में पुलिस ने एक अन्य महिला सिग्नोरा फ्रान्सेस्का को उसके पति गियोवान्नी बोंतादे सहित मादक द्रव्य तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार किया था । उसके बहनोई भी माफिया सरदार थे । न्यायालय ने उसके पति को अपराधी ठहराकर उसे सजा सुना दी, परंतु फ्रान्सेस्का को यह कहकर छोड़ दिया कि महिला होने के कारण उसमें इतनी प्राविधिक और वित्तीय समझ नहीं है कि वह माफिया संगठन का संचालन कर सके । कुछ समय बाद फ्रान्सेस्का और उसका पति उसी वर्ष एक प्रतिद्वंद्वी गिरोह के हाथों मारे गये ।

इतालवी मजिस्ट्रेटों के पूल ने सन् १९८६ में जो वृहत् मुकदमा चालू किया था, उसमें जिन ४७४ व्यक्तियों के विरुद्ध मादक द्रव्यों की तस्करी से संबंधित अपराधों के आरोप लगाये गये थे, उनमें चार महिलाएं भी थीं – त्यूरिन की भूतपूर्व सेल्स गर्ल ३१ वर्षीया अन्ना कोलिज्ज़ी, ५८ वर्षीया एंतोनियेत्ता गिउस्तोलिसी, ४३ वर्षीय अन्ना इयान्नी तथा ४१ वर्षीया कार्मेला मिगलियारा भी थीं। अन्ना कोलिज्ज़ी पर अपने प्रेमी निकोला फार्मोन के साथ मिलकर पालेरमो से कुछ ही दूरी पर एक बंगले में मादक द्रव्य-प्रशोधन केन्द्र चलाने का आरोप लगाया गया था, एंतोनियेत्ता पर भगोड़े माफिया सरदारों के साथ व्यवहार रखने तथा उन्हें अपने घर में शरण देने का और इयान्नी तथा कार्मेला पर अपने-अपने घरों में तस्करी के सौदे निपटाने का । अदालत ने अपनी इस टिप्पणी के बावजूद कि मादक-द्रव्यों के व्यापार में महिलाओं की भागीदारी अब निष्क्रिय नहीं रही है, चारों को बरी कर दिया था ।

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