बन्ध्या दोष निवारण यंत्र | संतानहीनता दोष निवारण यंत्र
प्रस्तुत यन्त्र को भोजपत्र पर अष्टगंध से लिखकर राम मन्त्र से अभिमन्त्रित कर वन्ध्या के गले में बाँधने से एक वर्ष के बीच वन्ध्या गर्भवती होती है ।
मासिक धर्म चालू होने का यंत्र
जिस स्त्री को मासिकधर्म ठीक से न होता हो तो इस यन्त्र को भोजपत्र पर लिख कर उसके गले में बाँधे तो रजोधर्म खुलकर होवे ।
संतान दाता यंत्र | अठरा यंत्र
जिस स्त्री को अठरा रोग अथवा जिसके संतान न होती हो या कन्या ही होती हो, उसके वास्ते यह यन्त्र बड़ा गुणकारी है ।
रोहिणी नक्षत्र के दिन पुत्रवती स्त्री के दूध में केशर और चन्दन मिला अनार की कलम से सफेद कागज पर ऐसे आठ यन्त्र लिखे । एक यन्त्र ताँबे में मढ़वा कर स्त्री के गले में बाँध देवे तथा शेष सात यन्त्र प्रति मंगल के दिन एक यन्त्र जल में धोकर स्त्री को पिलावे तो कार्यसिद्धि हो |
गर्भ रक्षा का यंत्र | गर्भ रक्षा कवच
इस यन्त्र को लिखकर गर्भिणी के ललाट पर स्पर्श कराकर बहते जल में विसर्जन करे तो इससे गर्भिणी का गर्भपात निवारण होता है ।
प्रसूता भय नाशक यंत्र
दीपमालिका की रात को यह यन्त्र त्रिकोण ठीकरों (त्रिकोण पात्र मिट्टी का) पर लिखे और प्रसूता स्त्री के सिरहाने रखे तो सर्वभय दूर होवे ।
सुख प्रसव यंत्र
यन्त्र लिखकर गर्भिणी के बाल से बाँधकर कपालपर्यन्त लटका देवे, इससे तुरन्त सन्तान होगी । यह यन्त्र अलक्तक के रस से लिखना चाहिए ।
सुखपूर्वक बालक होने का यंत्र
यह यन्त्र लिखकर स्त्री को धोकर पिलाओं तो सुखपूर्वक तुरन्त बालक उत्पन्न हो जायेगा ।
बालक बिना कष्ट के जन्मे
बालक के जन्म समय जब पीड़ा बहुत होती हो तो इस यन्त्र को भोजपत्र पर सहदेई के रस से अथवा पुनर्नवा के रस से लिख कर जाँघ पर बाँधे तो पीड़ा दूर होकर बालक बिना कष्ट के जन्मे ।