हाथो और उँगलियो की बनावट | Hand And Finger Texture

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हाथो और उँगलियो की बनावट 


हस्तरेखा विज्ञान का सही अर्थ
पूरे हाथ का अध्ययन है
| यह
अवश्य है की उसे दो भागों मे बांटा गया है हस्ताकृतिविज्ञान और हस्त रेखा शास्त्र
के दो जुड़वा विज्ञान
| पहले का संबंध हाथो और उँगलियो की
बनावट से है
, यह चरित्र और व्यक्तित्व के पैतृक प्रभावों का
विश्लेषण करता है जबकि दूसरा जुड़ा है हथेली पर बनी रेखाओ और चिन्हो से भूत
, वर्तमान व भविष्य की घटनाओ से |

इसलिए यह आसानी से समझा जा
सकता है की दूसरा भाग पहले के बिना अधूरा है
| शास्त्र या हाथ पढ़ते हुए अध्येता की हथेली
पर उकेरी रेखाओ और चिन्हो पर निर्णय करने से पहले हाथ की बनावट
, आकृति, चमड़ी और नाखूनो आदि का निरीक्षण करना चाहिए | कुछ इस भाग को इतना नीरस मानते है की इस पर ध्यान देने का महत्त्व नही
समझते और प्राय: हस्तरेखा विज्ञान से संबन्धित पुस्तकों मे इस महत्त्वपूर्ण भाग को
छोडकर सीधे की हस्तरेखाओ के दिलचस्प विवरणो का लेखा-जोखा दिया होता है
|

हम सबसे पहले विभिन्न प्रकार
से हाथ और उनके परिवर्तनों तथा चरित्र व मिजाज आदि से अनेक संबंध का अध्ययन करेंगे
|


हाथ सात प्रकार के होते है और
इनमे से सभी के सात उप-प्रकार कहे जा सकते है :

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