कामिनी उच्चाटन यंत्र | त्रैलोक्य उच्चाटन यंत्र | परम उच्चाटन यंत्र | सर्प भयनाशक यंत्र | परम कल्याणकारी महायंत्र | kaaminee uchchaatan yantra | trailoky uchchaatan yantra | param uchchaatan yantra | sarp bhayanaashak yantra | param kalyaanakaaree mahaayantra

कामिनी उच्चाटन यंत्र

कामिनी उच्चाटन यंत्र | त्रैलोक्य उच्चाटन यंत्र | परम उच्चाटन यंत्र | सर्प भयनाशक यंत्र | परम कल्याणकारी महायंत्र | kaaminee uchchaatan yantra | trailoky uchchaatan yantra | param uchchaatan yantra | sarp bhayanaashak yantra | param kalyaanakaaree mahaayantra

कामिनी उच्चाटन यंत्र


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यदि आप किसी कामिनी पर किसी कारणवश रुष्ट होकर उसे दण्ड देना चाहते हैं तो चित्रित यन्त्र को गधे के रक्त से लकड़ी के टुकड़े पर कौए के पंख की लेखनी से बना विधानपूर्वक पूजन कर भूमि में गढ़ा खोद कर अधोमुख दबा देवें तो तीसरे दिवस यन्त्र के प्रभाव से ऐसा उच्चाटन होगा कि संसार में कहीं भी उसका मन न लगेगा और उद्विग्न होकर कुछ ही दिनों में परलोकगामिनी हो जायेगी ।

नोट – यन्त्र के मध्य जहाँ देवदत्त लिखा है उस स्थान पर साध्य कामिनी का नाम लिखें।

त्रैलोक्य उच्चाटन यंत्र


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यह भगवान् शंकर का वर्णन किया हुआ अद्भुत उच्चाटन यन्त्र है, जो कभी निष्फल नहीं जाता । इस यन्त्र का प्रयोग अति आवश्यक हो तभी करें ।

काले मुर्गे के रक्त से इस यन्त्र को भोजपत्र पर बना कर विधानपूर्वक पूजा करके कुत्ते के गले में बाँध देवें तो जहाँ-जहाँ वह कुत्ता भ्रमण करता हुआ जायेगा, उसी के पीछे-पीछे वह भ्रमण करेगा और संसार में कोई भी स्थान उसे सन्तोष प्रदान न कर सकेगा ।

नोट – यन्त्र में ‘देवदत्त’ के स्थान पर साध्य व्यक्ति का नाम लिखे।

परम उच्चाटन यंत्र


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प्रस्तुत यन्त्र को हल्दी वृक्ष के रस से भोजपत्र के ऊपर बना विधानपूर्वक पूजन करके यन्त्र को चूर्ण कर लेवे, साध्य व्यक्ति को थोड़ा सा चूर्ण जल में या भोजन में किसी युक्ति से खिला देने से अद्भुत उच्चाटन होता है ।

नोट – यन्त्र में देवदत्त के स्थान पर साध्य जीव का नाम लिखें।

सर्प भयनाशक यंत्र


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यह यन्त्र भी समस्त हिंसक जीव-जन्तुओं से मनुष्य की रक्षा करने वाला परम कल्याणकारी है । इस यन्त्र को शुभ दिन, शुभ मुहूर्त में गोरोचन, कुंकुम, कपूर और कस्तूरी-चारों वस्तुओं के संयोग से भोजपत्र पर लिख, पुष्प, गन्ध इत्यादि से विधान पूर्वक पूजन करके, त्रिलोह के ताबीज में भर, भुजा या गले में धारण करने से सर्प, व्याघ्र और चोर इत्यादि हिंसक जीव का भय न रहेगा । यह यन्त्र अनेक प्रकार के उपद्रवों को शान्त करने वाला है ।

नोट – देवदत्त के स्थान पर साध्य प्राणी का नाम लिखें ।

परम कल्याणकारी महायंत्र


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यह यन्त्र मनुष्य के दुर्भाग्य को नष्ट करने वाला, दारिद्र्य, क्लेश, कलह, ईर्ष्या आदि का हरण करने वाला, सम्पूर्ण सुखों को देने वाला, अत्यन्त सौभाग्य-वर्धक है । इसके धारण करने से मनुष्य का सोया हुआ भाग्य चमक उठता है और यन्त्र के प्रभाव से समस्त विपत्तियों का विनाश हो जाता है तथा शीघ्र ही सुख-शान्ति, लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।

इसके निर्माण की विधि यह है कि शुभ दिन, शुभ मुहूर्त में गोरोचन, कुंकुम, कपूर और कस्तूरी को एकत्रित करके चमेली की लेखनी से काँसे के पात्र में उपरोक्त प्रकार से लिख श्वेत तथा लाल कमल, मालती, जूही, केतकी, चमेली, बकुल तथा सामयिक फल, कपूर, ताम्बूल, धूप, दीप, गन्ध, श्वेत वस्त्र, नैवेद्य आदि से यन्त्र का पूजन कर ब्राह्मण द्वारा दुर्गा सप्तशती का पाठ कराकर घृत, खीर आदि उत्तम भोजन ब्राह्मणों को खिला तीन दिवस तक पृथ्वी पर शयन करें, तत्पश्चात् यन्त्र को त्रिलोह के ताबीज में बन्द कर भुजा या गले में धारण करें ।

ज्वर नाशक यंत्र | बुखार उतारने का यंत्र


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यह यन्त्र आयुर्वेद अधिष्ठाता भगवान् धन्वन्तरि का निर्माण किया हुआ है जो सभी प्रकार के ज्वरों को समूल नष्ट करने वाला है ।

छोटे बच्चों का ज्वर प्रकोप इसके प्रभाव से अति शीघ्र नष्ट होता है । इस यन्त्र को धतूरे के रस से मृतक परिधान पर निर्माण करके मनोहर पुष्पादि से पूजन करके कृष्ण पक्ष की अष्टमी या चतुर्दशी को निराहार रहकर धरती में गाड़ देने से समस्त ज्वरों का प्रकोप शान्त हो जाता है ।

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