कबीर के दोहे | Kabir’s couplets – 6

कबीर के दोहे | Kabir Ke Dohe

कबीर के दोहे का संकलन | Kabir Ke Dohe Ka Sankalan

कौन तुम्हारा नाम

कहाँ ते तुम जो आइया, कौन तुम्हारा ठाम ।
कौन तुम्हारी जाति है, कौन पुरुष कौ नाम ॥

अमर लोक ते आइया, सूख के सागर ठाम ।
जाति हमारी अजाति है, अमर पुरुष कौ नाम ॥

कौन तुम्हारी जाति है, कौन तुम्हारो नाम ।
कौन तुम्हारा इष्ट है, कौन तुम्हारा गाँव ॥

जाति हमारी आतमा, प्रान हमारा नाम।
अलख हमारा इष्ट है, गगन हमारा ग्राम।।



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