कबीर के दोहे | Kabir Ke Dohe
कबीर के दोहे का संकलन | Kabir Ke Dohe Ka Sankalan
कौन तुम्हारा नाम
कहाँ ते तुम जो आइया, कौन तुम्हारा ठाम ।कौन तुम्हारी जाति है, कौन पुरुष कौ नाम ॥
अमर लोक ते आइया, सूख के सागर ठाम ।
जाति हमारी अजाति है, अमर पुरुष कौ नाम ॥
कौन तुम्हारा इष्ट है, कौन तुम्हारा गाँव ॥
जाति हमारी आतमा, प्रान हमारा नाम।
अलख हमारा इष्ट है, गगन हमारा ग्राम।।