मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण | Major Symptoms of Mental illness

मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण | Major Symptoms of Mental illness

मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण Major Symptoms of Mental illness या मनोरोग(मनोविकार Psychosis) को समझने के लिए उसके बारे में जानना आवश्यक है। वैसे तो मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं तथा उन्हें विभिन्न तकनीकी नामों से जाना जाता है। सरल रूप में केवल कुछ प्रमुख प्रकार के मानसिक रोगों की चर्चा संभव है। मानसिक रोगों को लक्षणों के आधार पर दो रोग समूहों में बाँट सकते हैं –

प्रथम समूह में अति गंभीर प्रकार के मानसिक रोग (दिमागी, असंतुलन) आते हैं। इस प्रकार रोग रोगी का वास्तविकता से संपर्क टूट जाता है तथा उसके व्यवहार विचार बहुत असामान्य हो जाते हैं आम बोलचाल की भाषा मे इस प्रकार के लक्षणों को विक्षिप्तता की संज्ञा दी जाती है।

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मानसिक रोग या मनोरोग मे प्रथम समूह के रोगी के लक्षण

  • धीरे- धीरे अथवा अचानक रोगी बहुत असामान्य व्यवहार करने लगता है, जैसे अकेले में हँसना, बुदबुदाना, चिल्लाना, नंग-धड़ंग हो जाना, मारपीट, गाली-गलौज करना इत्यादि।
  • ऐसी वस्तुओं व घटनाओं का दिखाई देना अथवा ऐसे व्यक्तियों की आवाज सुनाई देने लगना, जो वास्तव में नहीं है।
  • बिना किसी कारण के बहुत खुश होकर हँसना, गाना, नाचना, खूब पैसे खर्च करना इत्यादि।
  • बिलकुल गुमसुम होकर खाना-पीना, बोलना छोड़ देना, एक जैसी मुद्रा में घंटों पड़े रहना इत्यादि। कुछ ऐसी बातों को मानने लगना जिसे अन्य सभी गलत या असंभव समझते हैं, जैसे अपने को अलीकिक एवं विशेष शक्ति से संपन्न मानना।
  • पति-पत्नी पर बेवफाई का झूठा यकीन करना, दूसरे लोगों एवं पड़ोसियों को बिना कारण अपना दुश्मन समझने लगना इत्यादि।
  • इस प्रकार के रोगियों को अक्सर सामान्य व्यवहार का बोध नहीं होता है तथा परिवार को उन्हें उपचार के लिए जाना पड़ता है |

मानसिक रोग या मनोरोग मे दूसरे समूह के रोगी के लक्षण

दूसरे समूह में आने वाले मानसिक रोगों के लक्षण कम असामान्य होते हैं। ऐसे रोगियों को अपनी समस्या का पूरा आभास होता है तथा अक्सर शुरुआत में अन्य लोग उनके व्यवहार में असामान्यता नहीं पाते हैं। इस समूह में कई रोग आते हैं तथा निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं –

  • बिना किसी कारण (अथवा मामूली कारणों) मन का सदा उदास रहना, सशंकित रहना व चिड़चिड़ापन |
  • कुठाग्रस्त रहना, खुद के प्रति एंव भविष्य के प्रति सदा निराशाजनक विचार करना।
  • आत्महत्या की कोशिश करना अथवा बार-बार आत्महत्या का विचार आना।
  • अक्सर कुछ समय के लिए अचानक बहुत घबराहट, बेचैनी होना, साथ में कभी तेजी से धड़कन, सांस फूलना, पसीना आदि, विक्षिप्त हो जाने अथवा मर जाने का भय लगना इत्यादि।
  • कुछ खास वस्तुओं जैसे खास प्राणियों (कीड़े, कुत्ते, छिपकली) रक्त इत्यादि देखने से भय लगना।
  • अकेलेपन अथवा भीड़ में, लोगों के बीच जाने, बोलने इत्यादि में हिचकिचाहट होना।
  • शारीरिक क्रियाकलापों में परिवर्तन जैसे नींद का बहुत कम अथवा ज्यादा आना, भूख बहुत कम अथवा ज्यादा लगना, सैक्स की इच्छा बहुत कम अथवा ज्यादा होना इत्यादि |
  • अधिकतर समय में सर में दर्द, भारीपन इत्यादि रहना।
  • सभी टेस्ट नार्मल पर रोग के लक्षण बने रहते हैं, जैसे घबराहट, गैस एवं शरीर के दर्द, पेट की परेशानियाँ, उल्टी, झुनझुनी इत्यादि।
  • यौन एवं सेक्स समस्याएँ, यौन अनिच्छा, शीघ्रपतन इत्यादि।
  • बार-बार किसी खास विचार, चित्र आवेग आदि का दिमाग में आना जो अच्छा नहीं लगती, परंतु चाहकर भी उन्हें रोक नहीं पाना।
  • बार-बार हाथ धोना, ताले चेक करना, पैसे बार-बार गिनना इत्यादि इनके अलावा कुछ विशेष समस्याओं का कारण भी मानसिक परेशानियाँ होती हैं, जैसे-नींद की समस्याएँ, नशे की आदत (शराब व अन्य नशीली वस्तु) इत्यादि।
  • बच्चो की विशेष मानसिक समस्याएँ होती हैं जैसे मंदबुद्धि, अत्यधिक चंचलता, पढ़ाई में खास क्षेत्र में (जैसे गणित, भाषा इत्यादि) अथवा लिखने में कमजोरी, डर, चिड़चिड़ाहट, असामान्य व्यवहार।

मानसिक रोग या मनोरोग का उपचार

पिछले कुछ वर्षों में मनोचिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। ज्यादा प्रभावकारी दवाएँ खोजी गई हैं एवं व्यवहार चिकित्सा क्षेत्र में नई खोज हुई है। किसी भी अन्य रोग की तरह मानसिक रोगों का इलाज पूरी तरह संभव है। इन रोगियों को परिवार के सदस्यों की मदद की खास जरूरत होती है। सबसे आवश्यक है सही समय पर सही व्यक्ति की सलाह । यही समय हैं जितनी जल्दी हो सके (प्रारंभिक लक्षणों के दिखते ही) तथा सही व्यक्ति है, मानसिक रोग संबधित विशेषज्ञ। ऐसे विशेषज्ञ में मुख्य हैं, मनोरोग चिकित्सक, नैदानिक मनोवैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता इत्यादि। मानसिक रोगियों का उचित इलाज ऐसे विशेषज्ञों के समन्वित प्रयास से किया जाता है।


FAQ`s

Questation : क्या है मानसिक रोग के लक्षण?

Answer : मानसिक रोग के प्रमुख लक्षण में अति गंभीर प्रकार के मानसिक रोग (दिमागी, असंतुलन) आते हैं। इस प्रकार रोग रोगी का वास्तविकता से संपर्क टूट जाता है तथा उसके व्यवहार विचार बहुत असामान्य हो जाते हैं आम बोलचाल की भाषा मे इस प्रकार के लक्षणों को विक्षिप्तता की संज्ञा दी जाती है।

Questation : मानसिक रोग कितने प्रकार के होते है?

Answer : वैसे तो मानसिक रोग कई प्रकार के होते हैं तथा उन्हें विभिन्न तकनीकी नामों से जाना जाता है। मानसिक रोगों को लक्षणों के आधार पर दो रोग समूहों में बाँट सकते हैं –
प्रथम समूह में अति गंभीर प्रकार के मानसिक रोग (दिमागी, असंतुलन) आते हैं। इस प्रकार रोग रोगी का वास्तविकता से संपर्क टूट जाता है तथा उसके व्यवहार विचार बहुत असामान्य हो जाते हैं आम बोलचाल की भाषा मे इस प्रकार के लक्षणों को विक्षिप्तता की संज्ञा दी जाती है। दूसरे समूह में आने वाले मानसिक रोगों के लक्षण कम असामान्य होते हैं। ऐसे रोगियों को अपनी समस्या का पूरा आभास होता है तथा अक्सर शुरुआत में अन्य लोग उनके व्यवहार में असामान्यता नहीं पाते हैं।

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