शत्रु नाशक महामंत्र | मृत आत्मा को कैसे देखे | प्रेत आवाहन मंत्र | shatru nashak mantra
शत्रुनाशक महामंत्र
ओम् ऐं ह्रीं महा विकराल भैरव ज्वललताय मम
बैरी दह दह हन हन हन पच पच उन्मूल्य उन्मूल्य
ओम ह्रीं ह्रीं हूँ फट्।
श्मशान में जाकर भैंस के चर्मासन पर बैठ ऊन की माला से २१०० जाप कर सवा सेर सरसों से हवन करें । इस प्रकार सात रात्रि पर्यन्त कार्य करने से बैरी अवश्य ही मृत्यु को प्राप्त होता है ।
मृत आत्मा आकर्षण मंत्र
ओम ह्रीं क्लीं अं श्रीं महासर्वस्य प्रदायिन्यै नमः ।
उपरोक्त मन्त्र श्मशान में जाकर किसी बरगद के वृक्ष के नीचे खड़े होकर सवा लाख जाप करने से मृतक आत्मा आकर्षित होती और साधक की सभी कामनायें पूर्ण करती है ।
प्रेत आकर्षण मंत्र
ओम् श्री बं बं भुं भुतेश्वरी मम कुरु स्वाहा ।
इस मन्त्र को निर्जन वन में जाकर बबूल वृक्ष के नीचे तीन दिन तक नित्य १००८ बार जाप करने से तीसरे दिन प्रेत प्रकट होकर माँग-माँग, क्या माँगता है ? उच्चारण करता है । उस समय साधक को चाहिये कि निर्भय होकर मनचाही वस्तु उससे माँग ले, प्रेत से किसी प्रकार डरना नहीं चाहिये ।
नैन वेदना विनाशक मंत्र
नमो राम जी धनी लक्ष्मण के बान। आँख दर्द
करे तो लक्ष्मण कुवंर की आन। मेरी भक्ति गुरु
की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, सत्य नाम
आदेश गुरु का ।
इस मन्त्र का किसी शुभ मुहूर्त में जाप प्रारम्भ करके २१ दिवस तक दस हजार बार नित्य जाप कर धूप-दीप और नैवेद्य आदि से मनोयोग पूर्वक लक्ष्मण जी की पूजा करे तो यह मन्त्र सिद्ध हो जाता है । प्रयोग की आवश्यकता होने पर केवल एक सौ आठ बार मन्त्र पढ़ झाड़ देने से नेत्रों का दर्द दूर हो जाता है ।