परग्रही बच्चे की कहानी | Story of Alien Child
अमेरिका की विख्यात फिल्म इ.टी. में अन्य ग्रह से आए बच्चे की कहानी और उनकी भावनाओं को दिखाया गया है। इस फिल्म की कहानी तो काल्पनिक है, किन्तु कुछ समय पूर्व रूस में घटी एक विचित्र घटना से पता चला है कि अन्य ग्रहों में भी जीवन है ।
अन्य ग्रह का एक मासूम शिशु संयोगवश रूस कैसे पहुंच गया, वह अपने आपमें एक विचित्र कहानी है ।
जुलाई की एक अंधेरी रात में रूस के सासनोवाका गांव में भयंकर गड़गड़ाहट हुई और गांव वालों को ऐसा लगा कि आकाश में भीषण युद्ध हो रहा है । फौजी छावनी के कर्नल एटमटो ने तत्काल इलाके की खोज की, तो उन्हें एक विचित्र कास्मिक यान के अवशेष तथा एक जीवित शिशु मिला ।
उस शिशु की आकृति मानवीय शिशु से बहुत मिलती थी । कर्नल ने देखभाल के लिए बच्चे को नजदीक के मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भेज दिया और बताया जाता है कि तीन माह जीवित रहने के पश्चात् अक्तूबर में वह शिशु चल बसा ।
कहा जाता है कि उस अज्ञात कास्मिक यान से दो जले हुए शव बरामद हुए और ऐसा लगता था कि किसी यांत्रिक खराबी के कारण यह दुर्घटना घटी । शिशु ६० से.मी. लंबा था । उसकी आंखें बिलकुल नीली थीं । उंगलियों की पोरें जुड़ी हुई थीं ।
हेनरी ग्रिस नामक आस्ट्रेलियाई पत्रकार ने रूस जाकर अन्य ग्रह से आए इस शिशु के बारे में काफी सनसनीखेज सामग्री इकट्ठी की । ग्रिस के अनुसार घटना का प्रारंभ ११ जुलाई, १९८६ की शाम को हुआ तथा १७ जुलाई को शिशु को मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट फ्रंज के शिशु विशेषज्ञ डॉ. मिखाइल इब्रागिमोव को सौंपा गया । ग्रिस ने डॉ. मिखाइल तथा बच्चे की देखभाल में जुटी ८ नर्सों से मिलकर चर्चा की ।
उनसे उसे पता चला कि शिशु पृथ्वी के वातावरण में जीवित नहीं रह सका था । हेनरी ग्रिस का दृढ़ विश्वास है कि उक्त शिशु मरा नहीं है । मरने की खबर फैलाकर रूसी वैज्ञानिक विश्व का ध्यान इस घटना से हटाने का प्रयत्न कर रहे हैं ।