इंसान का जोंबी बनना | जोंबी । Zombie

इंसान का जोंबी बनना | जोंबी । Zombie

क्रिकेट के लिए सुप्रसिद्ध वेस्टइंडीज राष्ट्र समूह के पास एक और छोटा देश है, जिसे हैती कहा जाता है । हैती में ल इस्तेयर नामक एक गांव है, जहां से १९८२ में एक खबर आई कि कुछ किसानों के खेतों में ‘जोम्बी’ (Zombie) मजदूरी का काम करते हैं । जादू-टोने से भरे हुए आदमी को वापस जिंदा कर देने पर वह जोम्बी (Zombie) कहलाता है ।

कई पिछड़े देशों में जादू-टोने और भूत-प्रेतों की घटनाओं को बहुत ज्यादा महत्त्व दिया जाता है । ल इस्तेयर में रहने वाले क्लैरीवस नारसिसे ने २० वर्ष बाद वापस आकर गांव वालों को क्या बताया, आइए उन्हीं से सुनें उनकी कहानी –

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“एक दिन अचानक मेरी तबीयत खराब हो गई । मेरी बहन मुझे डेशाबेले के अल्बर्ट श्विजर मेमोरियल अस्पताल ले गई । मुझे लग रहा था कि मेरे फेफड़े कार्य नहीं कर रहे । दिल डूबा जा रहा है । पेट में भयंकर जलन हो रही थी । अचानक मेरा शरीर जम-सा गया, जब मैंने डॉक्टर को मेरी बहन से यह कहते सुना कि तुम्हारा भाई मर चुका है । डॉक्टर ने चादर से मेरा चेहरा ढक दिया और मेरी बहन को मृत्यु प्रमाण-पत्र बना कर दे दिया । अस्पताल में कुछ मित्र देखने आए मैं उन्हें दुख प्रकट करते हुए सुन रहा था, लेकिन मुझमें हिलने या बोलने की शक्ति भी नहीं थी । दिन के समय ताबूत में डालकर मुझे दफना दिया गया और मैं ताबूत पर गिरती मिट्टी की आवाज सुनता रहा । रात को दो आदमियों ने मुझे कब्र से निकाला । कब्र को मिट्टी से पाट कर पहले जैसी बनाकर वे मुझे रस्सियों से बांध कर एक खेत पर ले गए, जहां पहले से ही १०० से ज्यादा बंधुआ मजदूर या जोम्बीज काम कर रहे थे, दुनिया की नजरों में ये लोग मर चुके हैं । जादू-टोना करने वाले ओझा इन्हें रात-दिन नशे में रखकर मजदूरी करवाते थे । इनकी समझ और विवेक, दोनों ही दवाओं के नशे में दब चुके थे मैंने दो वर्ष वहां कार्य किया ।“

एक दिन वहां का सुपरवाइजर गलती से मजदूरों को नशे की दवा देना भूल गया । कुछ मजदूर जब होश में आए, तो विश्वास नहीं कर पाए कि उनके साथ यह क्या हो रहा है, सुपरवाइजर को मार कर हम लोग वहां से भाग गए । मैं अपने भाई के डर से गांव नहीं लौटा । मेरा भाई भी इस कांड में लिप्त था । भाई की मृत्यु के बाद आज बीस साल बाद मैं गांव में यह बताने आया हूं कि मैं जोम्बी (Zombie) नहीं हूं । जिंदा इनसान हूं ।

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