चिड़ियों की बरसात | Rain of Birds

चिड़ियों की बरसात | Rain of Birds

कुत्ते और बिल्ली बरस रहे हैं, यह एक मुहावरा है, जो अकसर भारी और तेज बरसात के लिए इस्तेमाल होता है । परंतु यह और बात है कि ऐसे सैकड़ों प्रमाणित केस हैं कि जब आकाश से सैकड़ों मृत चिड़ियों की बरसात हुई ।

सन् १८४६ में फ्रांस के कुछ भागों में एक अनहोनी घटना घटी । घटना के दिन फ्रांस के कई भागों में आकाश से मृत या घायल हालत में सैकड़ों चिड़ियां टपकीं । हां, उस दिन बारिश भी हो रही थी, परंतु बरसने वाले पानी का रंग आश्चर्यजनक रूप से लाल था ।

ल्योन्स और ग्रेनोबल के वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में नाकामयाब रहे कि क्या कारण था कि जिसने उन सैकड़ों चिड़ियों की जान ले ली थी और क्यों वे आकाश से इस तरह टपकी ? वे इस बात का पता लगाने में भी नाकामयाब रहे कि बारिश का पानी लाल क्यों था ?

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इस घटना के तीस साल बाद जुलाई १८९६ में भी ऐसी ही एक घटना और घटी । लुसिआना के बेटन रो में सैकड़ों मृत चिड़ियां आकाश से टपक पड़ीं । आश्चर्यजनक बात तो यह थी कि कुछ चिड़ियों की प्रजातियां ऐसी थीं, जो कि उस कथित जगह में पाई ही नहीं जाती थीं ।

१९६० के ग्रीष्म में यह अजीब परंतु सत्य घटना पुनः घटी । इस बार स्थान था, केपीरोला (कैलीफोर्निया)। इस घटना को सबसे पहले पुलिस अधिकारी ‘एड कनिंगघम’ ने दर्ज किया । घटना रात को २ बजकर ३० मिनट पर घटी थी, जब ‘एड’ अपनी गाड़ी में गश्त लगा रहा था । अचानक सैकड़ों बड़ी-बड़ी मृत चिडियां आकाश से एड की गश्ती गाड़ी और यहां-वहां टकराने लगीं । एड के अपने शब्दों में – “वे इतने वेग से नीचे गिर रही थीं कि अगर उनमें से एक भी मुझसे टकरा जाती, तो मेरे होश निश्चित ही उड़ जाने थे । मैंने सोचा कि गाड़ी में बैठा रहने में ही भलाई है और मैंने वही किया ।“

आखिरकार एड वहां से आठ किलोमीटर दूर स्थित ‘वेस्ट क्लिफ ड्राइव’ पहुंचा । परंतु एंड ने यहां भी देखा कि समूचा राजमार्ग और समुद्र तट मरी चिड़ियों से भरा पड़ा था । दिन निकलने पर तो स्थिति और भी नाटकीय नजर आई । सैकड़ों चिड़ियों के कंकाल ‘पावर लाइन्स’ (विद्युत तारों) पर अटके पड़े थे । कुछ बाड़ों में अटके, कुछ झाड़ियों में, तो कुछ टी.वी. ऐंटीनाओं में अटके पड़े थे ।

जांच अधिकारियों ने इन चिड़ियों की शिनाख्त समुद्री चिड़ियों की एक प्रजाति के रूप में की । इस अजीब घटनाक्रम में कुछ चिड़ियां अपनी जमीन से भीषण टक्कर झेल कर जीवित रहीं और आखिरकार उड़ चलीं ।

परंतु सबसे पहली बात जो ध्यान में आती है, वो यह कि इन चिड़ियों का किस कारण इस तरह जमीन पर गिरना हुआ ? क्या इसका कारण धुंध, मौसमी दशाएं, बीमारी या फिर विष था ? विशेषज्ञों ने मृत चिड़ियों की जांच की, तो उनका कहना था कि चिड़ियों के मरने का कारण उनका जमीन पर भीषण वेग से टकराना था । परंतु सवाल अपनी जगह खड़ा है, क्योंकि, आखिरकार क्यों इन चिड़ियों ने अचानक ही उड़ना छोड़ दिया और आकाश से बरसात की तरह धरती पर टपकना शुरू कर दिया ? यह रहस्य आज भी उतना ही अनसुलझा है, जितना कि तब था।

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