Kush Civilization | कुश सभ्यता । Axum Civilization

Kush Civilization | कुश सभ्यता । Axum Civilization

कुश सभ्यता (Kush Civilization) में, जिसे आजकल न्यूबिया (Nubia) कहा जाता है, एक उत्तरकालीन मिस्री सभ्यता जन्मी थी । १५०० ई.पू. में मिस्री सम्राटों की सेनाओं ने अपने साम्राज्य का विस्तार किया और एक नये साम्राज्य की स्थापना की । किन्तु १००० ई.पू. के आसपास इन नये साम्राज्य का पतन हो गया और कुश एक स्वतंत्र राज्य बन गया । उसका राजनीतिक क्षेत्र के साथ-साथ सांस्कृतिक क्षेत्र में भी विकास हुआ । अगले २०० वर्षों में कुश शासक इतने शक्तिशाली बन गये कि ७२५ ई.पू. में वे नील नदी की ओर बढ़ते चले गये और उन्होंने संपूर्ण मिस्र को जीत लिया ।

मिस्र में इनका शासन बहुत थोड़े समय तक रह पाया । ६७६ ई.पू. तथा ६६३ ई.पू. के मध्य असीरियाई लोगों ने आक्रमण किया और कुश लोगों को उनके पुराने क्षेत्र की ओर वापस खदेड़ दिया । किन्तु कुश लोग यहां से लौह-तकनीक की नवीन जानकारी लेकर लौटे, जिसके कारण आगे चलकर वे अधिक समय तक टिके रह सके ।

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कुश साम्राज्य का केन्द्र अब दक्षिण दिशा में स्थापित हो गया । मेरो (Meroe) उनकी नयी राजधानी बनी और तब से इस साम्राज्य को कुश साम्राज्य के स्थान पर मेरो साम्राज्य कहा जाने लगा । मेरो के निवासी श्याम वर्ण के थे, अतः इस साम्राज्य को ‘काला राज्य’ भी कहा जाने लगा ।

मेरो में लोहा प्रचुर मात्रा में पाया जाता था, अतः वहां लौह-उद्योग काफी विकसित हुआ । मेरो ने लाल सागर के मार्ग से मिस्र, अरब तथा भारत से लोहे का व्यापार किया । व्यापार के साथ-साथ कला तथा वास्तुकला पर भी बाहरी जगत का प्रभाव पड़ा ।

कुश के सिंह देवता की नक्काशी में भारतीय छाप स्पष्ट दिखायी देती है । संक्षेप में, इस साम्राज्य के निवासियों ने मिस्र से जो कुछ विरासत में प्राप्त किया उसे उन्होंने हैलेनिस्टिक (Hellenistic) जगत तथा भारत से प्राप्त कला में मिला दिया और फिर अपनी मौलिक कृतियां बनायीं । उन्होंने अपनी अलग लिखायी तथा लिपि विकसित की, जिसे आज तक भी पुरातत्त्ववेत्ता पढ़ नहीं सकें

कुश/मेरो (Kush / Meroe) साम्राज्य १००० वर्षों तक बना रहा । ईसाई युग के आरंभ के साथ ही इस साम्राज्य का पतन आरंभ हो गया । अन्य सभ्यताओं से भिन्न इस सभ्यता का पतन इसकी आंतरिक निर्धनता के कारण हुआ, जो वहां के उपजाऊ तथा कृषि योग्य प्रदेशों में सूखा पड़ जाने के कारण फैल गयी । घुमक्कड़ जातियों द्वारा बार-बार आक्रमण किये जाने के कारण ३५० ई. में इस साम्राज्य का पतन हो गया । एक्ज़म ने मेरो को जीत लिया और इस सभ्यता का अन्त हो गया ।

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