तिल व गुड़ के फायदे
Benefits of Til And Gud
Benefits of Sesame and Jaggery
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ खाने की परम्परा बहुत पुरानी है। भारत के किसी भी त्योहार के साथ जुड़े रस्मो-रिवाजों का संबंध सीधे स्वास्थ्य से जुड़ा है। जैसे चैत्र माह की पहली तारीख को नीम की कोमल पत्तियाँ चबाना सालभर तक स्वस्थ रहने की गारंटी माना जाता है। इसी तरह तिल और गुड़ का भी आम जनजीवन से गहरा नाता है। दुःखद यह है कि आधुनिक होते जा रहे समाज में इस गुणकारी तिलबीज को लोग भूलते जा रहे हैं।
तिल खाने के फायदे
कभी-कभी छोटे दिखने वाले बीज भी स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी साबित होते हैं। तिल के बारे में यह बात स्पष्ट रूप से कही जा सकती है। तिल का उपयोग तिल-गुड़ के लड्डु बनाने के अलावा इन्हें ब्रेड, सलाद और भी कई तरीको से इस्तेमाल किया जाता है। तिल्ली में विटामिन ए और सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए निहायत जरूरी होते हैं | तिल्ली विटामिन बी और आवश्यक फैटी एसिड्स का भरपूर है। और तो और, तिल्ली में मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दो बहुत महत्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं, जो चना, मूंगफली, राजमा और सोयाबीन जैसे अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं होते। ट्रायप्टोफन को शांत कर देने वाला पोषक आहार भी कहा जाता है, जो गहरी नींद लाने में सक्षम है तथा त्वचा और बालों को स्वस्थ रखता है। मीथोनाइन लीवर को दुरुस्त रखता है साथ ही कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखता है। तिलबीज स्वास्थ्यवर्धक वसा का बड़ा स्त्रोत है, जो चयापचय को बढ़ाता है साथ ही कब्ज भी नहीं होने देता।
तिल के लड्डू खाने के फायदे
यदि आपकी त्वचा पपड़ी बनकर गिरती है और चेहरे पर बहुत सारे ब्लैक हैड्स है तो आपको तिल्ली जरूर खाना चाहिए, क्योंकि ऐसे लक्षणों वाली त्वचा रूखी होती जाती है और ध्यान नहीं देने पर एक्जिमा भी हो सकता है। यदि आप बहुत अधिक मात्रा में तली हुई चीजें खाने के शौकीन हैं, जो मैदे और शक्कर से बनते हैं तो जान लीजिए कि इनसे आपके शरीर में आवश्यक फैटी एसिड्स की कमी हो जाती है। इससे त्वचा तो रूखी हो ही जाती है साथ ही आपका मूड भी जल्दी-जल्दी पैतरे बदलने लगता है, पेटदर्द के साथ उसमें जलन की भी शिकायत हो जाती है वजन बढने का भी यही कारण है तिलबीजों में उपस्थिति पौष्टिक तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन आपकी त्वचा को कांतिमय बनाए रखते हैं। 100 ग्राम सफेद तिल से आप 1000 मिलीग्राम कैल्शियम हासिल कर सकते हैं। काली और लाल तिल्ली में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है, जो रक्तअल्पता के इलाज में कारगर साबित होती है। तिल्ली में मौजूद लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रॉल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है, साथ ही यह याददाश्त बढ़ाने के लिए जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध की गुणवत्ता को भी बढ़ा देता है।
तिल के तेल के फायदे
तिल्ली के गुणों का फायदा उठाना बहुत मुश्किल नहीं है। तिल्ली का तेल नियमित खाद्य तेल के रूप में इस्तमाल किया जा सकता है। जिस तरह योरप में ओलिव ऑइल को स्वास्थ्यवर्धक माना जाता है, ठीक उसी तरह तिल्ली के तेल को भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि तिल्ली के तेल में प्राकृतिक रूप में मौजूद “सिस्मोल” एक ऐसा इंटीऑक्सीडेंट है, जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब भी नहीं होने देता। आयुर्वेद संहिता में चरक ने इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना है।
तिल व गुड़ के लाभ
रक्तअल्पता मे तिल व गुड़ के लाभ
पानी में भिगोई हुई तिल्ली को कड़ाही में हल्का-सा भून लें। इसे पानी या दूध के साथ मिक्सी में ग्राइंड कर लें। इसे सादा या गुड़ मिलाकर पी सकते हैं।
जोड़ो के दर्द मे तिल व गुड़ के लाभ
एक चाय के चम्मच भर तिलबीजों को रातभर एक पानी के गिलास में छोड़ दे सुबह इसे पी लें। विकल्प के तौर पर सुबह एक चम्मच तिलबीजों को आधा चम्मच सूखे अदरक के पावडर के साथ मिलाकर गर्म दूध के साथ पी ले।
पुष्टता के लिए तिल व गुड़ के लाभ
अविकसित किशोरियों को तिलबीज रोज खिलाने से फायदा होता है। तिलगुड़ के लड्डू दिन में तीन बार खिलाने से संपूर्ण शारीरिक विकास होता है तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में वृद्धि होती है।
मासिक धर्म के दर्द मे तिल व गुड़ के लाभ
तिल-गुड़ के लड्डू खाने से मासिक धर्म का रक्त निर्बाध गति से बहता है तथा दर्द में आराम मिलता है।
रात में बिस्तर गीला करना
जो बच्चे रात को बिस्तर गीला कर देते हैं उन्हें आधा चम्मच तिल्ली आधा चम्मच अजवाइन के साथ मिलाकर पानी के साथ रात में दें। बच्चे की उम्र के मुताबिक उसे तिल-गुड़ के लड्डू खिलाए जा सकते हैं।
उच्च रक्तचाप मे तिल व गुड़ के लाभ
तिल्ली के तेल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
खूनी बवासीर मे तिल व गुड़ के लाभ
तिल्ली का पेस्ट मक्खन के साथ मिलाकर पुल्टिस की तरह लगाने से दर्द में राहत मिलती है, साथ ही खून का बहना भी बंद होता है।
गठिया मे तिल व गुड़ के लाभ
भाप से पकाए तिलबीजों का पेस्ट दूध के साथ मिलाकर पुल्टिस की तरह लगाने से गठिया में आराम मिलता है।
दस्त मे तिल व गुड़ के लाभ
काली तिल्ली का पेस्ट शकर और बकरी के दूध के साथ खाने से आराम मिलता है।