विनायक जी की कहानिया (मारवाड़ी मे)
Vinayak Ji Ki Kahaniya (In Marwari)
विनायक जी की व्रत कथा, विनायक जी की कहानी, विनायक जी की कथा , विनायक जी महाराज की कहानी
एक डावडो हो वीक रोज गणेशजी का दर्शन करर रोठी खावण को नेम हो । एक दिन स्कूछ गयो गणेशजी का दर्शन करणू भूलग्यों । स्कूल सूं घर आयो जीमन बेठयो मां थाली पुरसी मां न बोल्यो “ए मां भूलग्यो ए भूलग्यो” मां बोली बेटा काई भूलगयो फेर बोल्यो ए मां भूलग्यो ए भूलरग्यो आग बेटो भाग्यन लाग्यो लारलार मां भागण लागी |
गणेशजी का मिंदर कन आयो बो भाटो उठार गणेशजो न मारण लाग्यो मां बोली बेटा ए तो गणेशजी हे। कोई पूजा कर, फुल चढाव, दूध चढाव, मोदक चढाव, तू यान भाटा सं काई मार? बेटो बोलो माँ म्हे रोज स्कुल जावंतो यांको दर्शन कर एक छोटा सा भाटा सु मारर जाऊ | तं आज भुलग्यो जिको मोटा भाटो उ ठायो । गणेशजी प्रसन्न होइया देखो इत्तो छोटों छोरो म्हार रोज दर्शन न आवंतो गणेशजी खूब धन दोलत देकर रवाना करया | बीन दियो जान म्हान दीजों बीको नेम निभायो यान म्हाको निभाइजों ।